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गंगा पुल : एप्रोच लाइन का काम अधूरा

मुंगेर: मुंगेर में गंगा नदी पर रेल पुल का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है और रेल मंत्रलय ने अगले माह 30 जून को इसके उद्घाटन के संकेत दिये हैं. किंतु पुल के एप्रोच रेल लाइन का कार्य अबतक अधूरा है. इसमें कई छोटे-छोटे पुल के अतिरिक्त उत्तरी छोर में राष्ट्रीय उच्च पथ 31 […]

मुंगेर: मुंगेर में गंगा नदी पर रेल पुल का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है और रेल मंत्रलय ने अगले माह 30 जून को इसके उद्घाटन के संकेत दिये हैं. किंतु पुल के एप्रोच रेल लाइन का कार्य अबतक अधूरा है. इसमें कई छोटे-छोटे पुल के अतिरिक्त उत्तरी छोर में राष्ट्रीय उच्च पथ 31 से इस रेल लाइन को गुजरना है. जिसका कार्य अबतक नहीं हो पाया है. यदि महज 35 दिनों में रेल लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण होता है तो यह कोई चमत्कार से कम नहीं होगा. रेल राज्य मंत्री मनोज कुमार सिन्हा ने विगत 30 मार्च को मुंगेर गंगा रेल सह सड़क पुल का निरीक्षण किया था और उन्होंने इस पुल के जून में चालू होने की घोषणा की थी. वे पुन: शनिवार को दिल्ली में इस बात को दोहराया कि 30 जून को इस पुल को औपचारिक रूप से खोल दिया जायेगा.
रेल लाइन बिछाने के कार्य में लगे स्थानीय रेल अधिकारियों का मानना है कि मुंगेर एवं जमालपुर के बीच रेल सेवा 30 जून को प्रारंभ हो जायेगी. लेकिन पुल के माध्यम से गंगा पार की सेवा अभी मुश्किल है. क्योंकि महज 35 दिनों में मुंगेर एवं जमालपुर तथा गंगा पुल के उत्तरी किनारे पर बरौनी-कटिहार रेलखंड के सब्दलपुर तक रेल पटरी बिछाने का कार्य पूर्ण हो पाना मुश्किल भरा है, जबकि उत्तरी किनारे में यह रेल लाइन राष्ट्रीय उच्च पथ 31 से होकर गुजरेगी. बहरहाल रेल राज्य मंत्री के घोषणा से क्षेत्र के लोगों में एक बार फिर यह आस जगी है कि सड़क नहीं तो कम से कम रेल से तो गंगा को पार किया जायेगा. क्योंकि सड़क निर्माण के लिए अबतक भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रारंभ भी नहीं हुआ है. जाहिर है कि अभी मुंगेरवासियों को गंगा पुल से सड़क की सवारी के लिए वर्षो इंतजार करना होगा.
खुलेंगे विकास के द्वार
मुंगेर गंगा रेल सह सड़क पुल के चालू होने से न सिर्फ उत्तर व दक्षिण बिहार की दूरी कम होगी बल्कि विकास के द्वार भी खुलेंगे. सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं औद्योगिक विकास के लिए यह पुल काफी महत्वपूर्ण होगा. विदित हो कि बिहार में गंगा नदी पर मात्र एक रेल पुल मोकामा स्थित राजेंद्र पुल है. मुंगेर का पुल राज्य का दूसरा रेल पुल होगा. जिसके माध्यम से पूर्वोत्तर भारत एवं दक्षिण व पश्चिम भारत से रेल सेवा सीधे तौर पर जुड़ पायेगा.
रेल संपर्क : पुल के उत्तरी छोर पर नये स्टेशन सब्दलपुर से वाई आकार में यह बरौनी-कटिहार रेलखंड के वर्तमान में स्थित साहेबपुर कमाल एवं उमेशनगर स्टेशनों से जुड़ेगी. जबकि दक्षिणी छोर में किऊल-हावड़ा रेलखंड के जमालपुर व रतनपुर स्टेशन से जुड़ेगी.
सड़क संपर्क : उत्तरी छोर पर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 तथा दक्षिणी छोर पर राष्ट्रीय राजमार्ग 80 को जोड़ेगी.
प्रधानमंत्री ने किया था शिलान्यास
मुंगेर में निर्माणाधीन रेल सह सड़क पुल का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है. 26 दिसंबर 2002 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस पुल का शिलान्यास किया था. यूं तो यह पुल वर्ष 2009 में ही पूर्ण हो जानी चाहिए थी. किंतु अनेक कारणों से यह मामला फंसा रहा. यही कारण है कि 921 करोड़ की लागत वाले इस पुल की वर्तमान लागत 2363 करोड़ तक पहुंच चुका है.

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