मुंगेर. गुरुवार की अहले सुबह तेज हवा के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि ने मुंगेर में तबाही मचा दी. जिसके कारण किसानों के हजारों एकड़ फसल बरबाद हो गये, वहीं सैकड़ों गरीब परिवारों के घर का छप्पर ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त हो गया. इतना ही नहीं बारिश की वजह से शहरों की स्थिति भी नारकीय हो गयी.
सुबह के 05:14 बजे अचानक तेज हवा चलने लगी. देखते ही देखते पांच मिनट के बाद बारिश होने लगी. बारिश आरंभ हुए कुछ ही देर हुए कि जम कर ओलावृष्टि होने लगी. प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो ओले का वजन अधिकतम आधा किलोग्राम तक का था.
ओले का वजन अधिक रहने के कारण जहां हजारों एकड़ खेतों में लगे फसल बरबाद हो गये. वहीं खपरा व एस्बेस्टस से बना छप्पर भी क्षतिग्रस्त हो गया. ओलावृष्टि ने किसानों को ही नहीं बल्कि गरीब तबके के वैसे लोग जो खपरैल घरों में रहते हैं उन्हें भी भारी नुकसान पहुंचाया है. ओलावृष्टि ने फसलों के उत्पादन पर ग्रहण लगा दिया. इसमें लगभग सभी फसलों को नुकसान ही हुआ है. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक मुकेश कुमार ने बताया कि गुरुवार को हुई बारिश व बर्फवारी ने किसानों को भारी क्षति पहुंचायी है. इस ओलावृष्टि के कारण फसलों के पौधे में लगे फल व फूल बर्फ के चोट से बरबाद हो गये हैं.
उन्होंने बताया कि टमाटर, फूलगोभी, बंधागोभी एवं लत्तर वाली सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं गेहूं, चना, मसूर,मटर, अरहर, सरसों व मकई सहित अन्य फसलों को भी काफी क्षति पहुंची है. इतना ही नहीं इस बर्फवारी में आम के फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि से इस बार आम के फसल में लगभग 50 प्रतिशत उत्पादन घट सकता है. उन्होंने बताया कि आम के फसल में फफूंदी लगने का खतरा बढ़ गया है. इसे बचाने के लिए एक ग्राम बैबेस्टीन को प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें.