जमालपुर : रेल कारखाना जमालपुर एक वैसा कारखाना है जहां न केवल नये कार्य होते हैं बल्कि यहां पीओएच का कार्य भी होता है. यह कारखाना पूर्व रेलवे के अन्य कारखानों से काफी बेहतर है. उक्त बातें पूर्व रेलवे के मुख्यालय कोलकाता के मुख्य यांत्रिक अभियंता (योजना) पीके साहा ने बुधवार को कही. वे यहां रेल कारखाना जमालपुर में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति एवं समीक्षा करने आये हुए हैं.
उन्होंने बताया कि रेल कारखाना जमालपुर में 15 करोड़ रुपये की मशीन आ चुकी है. इसके अंतर्गत ओवर हेड क्रेन पहिया लगाने का, कंप्रेशर मशीन सहित अन्य आधुनिकीकरण के संयंत्र कॉफमोव नामक संस्था से मंगाये गये हैं. कंप्रेशर मशीन लगभग 4 करोड़ लागत की है. जिससे डीजल का पहिया बनाने की गति में तेजी आयेगी. अबतक रेल कारखाना जमालपुर पूर्व रेलवे के अतिरिक्त पूर्व मध्य रेलवे को भी पहिये की आपूर्ति करते आ रहा है.
उन्होंने बताया कि आधुनिकीकरण के क्रम में बिजली चलित 65 टन क्षमता वाले सात नये ओवर हेड क्रेन लगेंगे. बाद में मुख्य यांत्रिक अभियंता ने रेल कारखाना जमालपुर के उपमुख्य यांत्रिक अभियंताओं के साथ समीक्षा बैठक की.
मौके पर उपस्थित मुख्य कारखाना प्रबंधक अनिमेष कुमार सिन्हा ने बताया कि रेल कारखाना जमालपुर नित्य नये बुलंदियों को छू रहा है. पहले जहां इस कारखाना में वैगन पीओएच की संख्या प्रतिमाह 370 थी, अब वह बढ़ कर प्रतिमाह 425 हो गया है. डीजल पीओएच की संख्या भी 70 से बढ़ कर 94 हो चुकी है.
लगभग 60-70 लाख की लागत वाली सियरिंग मशीन के आ जाने से यहां बोगी निर्माण की गति में वृद्धि होगी. क्योंकि अबतक गैस कटर से लोहे के चदरों की कटाई की जाती है. जबकि इसके इस्तेमाल से न केवल समय की बचत होगी बल्कि खपत पर भी असर पड़ेगा. उन्होंने बताया कि पूर्व रेलवे के डानकुनि और बजबज में बन रहे नये रेल कारखाने को भी कुछ सामग्रियों की आपूर्ति रेल कारखाना जमालपुर द्वारा की जायेगी.