प्रतिनिधि , संग्रामपुर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के तारापुर आगमन पर जिस प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था थी उससे महादलित परिवार के लोग उनसे मिलने से वंचित रह गये. महादलित महिलाओं को यह मलाल रह गया कि उनके बिरादरी के मुख्यमंत्री से भी वे नहीं मिल पाये. सुरक्षा व्यवस्था कुछ ऐसी थी कि चंद वीआइपी को छोड़कर किसी को भी मुख्यमंत्री के पास जाने की अनुमति नहीं मिल पायी. संग्रामपुर प्रखंड के दीदारगंज पंचायत अलीगंज मुसहरी के दर्जन भर महादलित व्यक्ति अपने लिए बासीगत परचा की मांग को लेकर बड़ी उम्मीदों के साथ मिलने तारापुर पहुंचे थे. इन लोगों ने कई बार मुख्यमंत्री तक जाने की कोशिश की. लेकिन प्रशासन की डंडे की भय से सुरक्षा घेरे को पार नहीं कर सके. कुछ वृद्ध महिलाएं मुख्यमंत्री के जाने के बाद तारापुर कॉलेज मैदान में भीड़ छंटने की बात बात कर रही थी. एक वृद्ध महिला कह रही थी कि कहलकै गरीबों के बेटा मांझी मुख्यमंत्री बनलौ छै, तारापुर आईलै तो गरीबों को कुछ सुनते. इंदिरा आवास, कंबल मांग छै. यहां तो पुलिस वाला सब भगाईये देल के. गरीब खाली बोले छे. सभे अमीरों के आदमी दे कै. संग्रामपुर चन्दनियां निवासी शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को आम लोगों से भी मिलने की व्यवस्था करनी चाहिए. कई लोग बड़ी उम्मीदें लेकर मुख्यमंत्री से अपनी बात आवेदन के माध्यम से पहुंचाने आये थे वह भी संभव नहीं हुआ.
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मुख्यमंत्री से नहीं मिल पाये महादलित
प्रतिनिधि , संग्रामपुर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के तारापुर आगमन पर जिस प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था थी उससे महादलित परिवार के लोग उनसे मिलने से वंचित रह गये. महादलित महिलाओं को यह मलाल रह गया कि उनके बिरादरी के मुख्यमंत्री से भी वे नहीं मिल पाये. सुरक्षा व्यवस्था कुछ ऐसी थी कि चंद वीआइपी को […]
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