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ठिठुरती ठंड में चिथड़ों से बदन ढकता नहीं …

मुंगेर : अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला इकाई मुंगेर की ओर से शनिवार को महाविद्यालय स्तरीय छात्राओं की कवियित्री गोष्ठी आयोजित की गयी. छात्राओं ने जीवन के विभिन्न अनुभवों को अपनी कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया. पूजा कुमारी ने गोष्ठी का शुभारंभ किया. उसने सुनाया ‘ खुशबू ने फूलों को खास बनाया, फूलों ने […]

मुंगेर : अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला इकाई मुंगेर की ओर से शनिवार को महाविद्यालय स्तरीय छात्राओं की कवियित्री गोष्ठी आयोजित की गयी. छात्राओं ने जीवन के विभिन्न अनुभवों को अपनी कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया. पूजा कुमारी ने गोष्ठी का शुभारंभ किया. उसने सुनाया ‘ खुशबू ने फूलों को खास बनाया, फूलों ने माली को खास बनाया, चाहत ने मोहब्बत को खास बनाया, मोहब्बत ने कितनों को देवदास बनाया’.

कवियित्री तृप्ती मिश्रा की जल धारा शीर्षक कविता का मुखरा था ‘ हर पग पर प्रेम बढ़ाती जल धारा, जीवन की कद्र बढ़ाती जल धारा’. अंजली कुमारी ने हास्य रचना सुनायी ‘ मंजनू को लैला का एसएमएस नहीं आया, उसने तीन दिन तक खाना नहीं खाया, अब मंजनू मरने वाला है लैला के प्यार में, लैला बैठी है एसएमएस फ्री होने के इंतजार में ‘.

अन्य हास्य रचना चांदनी कुमारी ने सुनाया ‘ बहार आने से पहले खिजा आ गयी, फुल खिलने से पहले बकरी खा गयी’. दीक्षा कुमारी ने सामयिक रचना सुनायी. जिसके बोल थे ‘ ठिठुरती ठंड में चिथरों से बदन ढंकता नहीं है, एसी कमरे में ठिठुरन का एहसास होता नहीं.

वर्षा कुमारी की पंक्ति ‘ जब किसी का सपना अरमान बन जाये, जब किसी की हंसी मुस्कान बन जाये, प्यार वह है जब किसी की जान बन जाये ‘. रचना कुमारी ने सुनाया ‘ अक्सर कहते लोग मोहब्बत है आपसे, सच ये है कि मोहब्बत को जिया नही’. मौके पर मुस्कान प्रवीण, महापारा सहित अन्य ने अपनी कविता का पाठ किया.

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