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प्रमंडल के 1454 सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा

मुंगेर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल-जीवन-हरियाली अभियान पूरे राज्य में मिशन मोड में चल रहा है. लेकिन इस अभियान में सबसे बड़ा बाधक है अतिक्रमणकारी. जिसने मुंगेर प्रमंडल के 1454 सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं तालाब, आहर, पाइनों पर कब्जा कर रखा है. हालांकि प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किनी ने सभी जिले के जिला पदाधिकारियों को […]

मुंगेर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल-जीवन-हरियाली अभियान पूरे राज्य में मिशन मोड में चल रहा है. लेकिन इस अभियान में सबसे बड़ा बाधक है अतिक्रमणकारी. जिसने मुंगेर प्रमंडल के 1454 सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं तालाब, आहर, पाइनों पर कब्जा कर रखा है.

हालांकि प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किनी ने सभी जिले के जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि 31 दिसंबर 2019 तक सभी सार्वजनिक जल संचयन संरचानाओं को अतिक्रमण मुक्त करा लें. ताकि जल-जीवन-हरियाली यात्रा में कोई रुकावट नहीं आये.
अब सवाल उठता है कि सैकड़ों की संख्या में सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं पर अतिक्रमण है और कुछ ही मामलों में सुनवाई के बाद संबंधित जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया है. इस परिस्थिति में निर्धारित समय सीमा के अंदर जल संचयन से अतिक्रमण हटाया जाना मुश्किल भरा कार्य होगा.
अतिक्रमण मुक्त कराने में अधिकारियों का छूट रहा पसीना: जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जिले में सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं के तहत तालाब, आहर, पाइनों का चयन किया गया है. ताकि योजना के तहत वहां कार्य किया जा सके. लेकिन इस कार्य में अतिक्रमणकारी बाधक बना हुआ है.
बताया जाता है कि मुंगेर जिले में सार्वजनिक भूमि पर सैकड़ों की संख्या में जल के स्रोत अवस्थित है. जिसमें 312 तालाब, आहर-पाईन 777, चेकडेम 170 है. अगर हम बात करें अतिक्रमित संरचनाओं पर तो जिले के 91 जल स्रोतों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है.
जिसे खाली कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नोटिस भी निर्गत किया जा चुका है. लेकिन अबतक मात्र 4 मामलों में ही अंतिम आदेश पारित किया गया और उन्हीं 4 सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को अबतक जिला प्रशासन खाली करा चुकी है. जबकि प्रमंडल के अन्य जिलों की स्थिति भी अतिक्रमण के कारण बदहाल है.
लखीसराय के 553 व जमुई के 242 जल संचयन का अतिक्रमण
लखीसराय के 553 सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. जिसमें मात्र 34 वादों पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजा है. जबकि 6 मामलों में अंतिम आदेश पारित किया गया है. जिसमें अबतक मात्र 2 जगहों पर से ही अतिक्रमण हटाया जा सका है.
शेखपुरा में 454 संरचनाओं को अतिक्रमित संरचनाओं में चयन किया गया है. जिसमें 267 मामलों में नोटिस भेजा गया है और 10 मामलों में अंतिम आदेश पारित किया गया. लेकिन अबतक एक भी संरचनाओं पर से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है. जमुई में 242 अतिक्रमित संरचनाओं को चिह्नित किया गया है.
जिसमें 210 वादों की सुनवाई करते हुए जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया और 137 वादों में अंतिम आदेश पारित कर करते हुए 129 संरचनाओं पर से अतिक्रमण हटाने का दावा पेश किया है. बेगूसराय में 48 संरचनाओं पर अतिक्रमण दिखाते हुए 43 वादों में नोटिस जारी किया और 16 वादों पर अंतिम आदेश पारित करते हुए 16 संरचनाओं पर से अतिक्रमण भी हटा दिया.
जबकि खगड़िया जिला में 66 अतिक्रमित संरचनाओं को चिह्नित करते हुए सभी वादों में संबंधित अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया. 15 संरचनाओं में आदेश पारित करते खगड़िया जिला प्रशासन ने 15 संरचनाओं पर से अतिक्रमण हटा दिया. लेकिन अब भी मुंगेर प्रमंडल के सभी जिलों में सैकड़ों में सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं पर अतिक्रमण है. जिसे हटाने में जिला प्रशासन के हुक्मरानों का पसीना छूट रहा है.
आयुक्त ने 31 दिसंबर की तय की गाइड लाइन
प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किनी ने सार्वजनिक अतिक्रमित जल संचयन संरचनाओं को 31 दिसंबर 2019 तक पूर्णरूपेण अतिक्रमण मुक्त कराने का गाइड लाइन तय किया है. सभी डीएम को निर्देश दिया है कि अपनी अध्यक्षता में एक बार बैठक कर लें एवं समयबद्ध तरीके से कार्य को पूर्ण कराये. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अतिक्रमण हटाते ही उन स्थलों पर कोई संरचना बना लें. ताकि पुन: उसका अतिक्रमण न हो सके.

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