मुंगेर : मुंगेर स्थापना दिवस सह मुंगेर महोत्सव के मौके पर मंगलवार की शाम पोलो मैदान स्थित मुख्य समारोह स्थल पर स्थानीय कलाकारों के सुरों का संगम होने लगा. जैसे-जैसे शाम ढ़लती गयी, वैसे-वैसे गीत-संगीत का दौर परवान चढ़ते रहा. सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान न सिर्फ युवा कलाकारों ने, बल्कि छोटे-छोटे कलाकारों ने भी अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन कर लोगों को हैरान कर दिया. वहीं उदघोषक सुधीर पांडेय, विजया अग्रवाल तथा कौशल किशोर पाठक ने अपने शायराने अंदाज से दर्शक श्रोताओं को कार्यक्रम से बांधे रखा.
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बड़ी दूर से आये हैं प्यार का तोहफा लाये हैं… पर झूमे दर्शक
मुंगेर : मुंगेर स्थापना दिवस सह मुंगेर महोत्सव के मौके पर मंगलवार की शाम पोलो मैदान स्थित मुख्य समारोह स्थल पर स्थानीय कलाकारों के सुरों का संगम होने लगा. जैसे-जैसे शाम ढ़लती गयी, वैसे-वैसे गीत-संगीत का दौर परवान चढ़ते रहा. सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान न सिर्फ युवा कलाकारों ने, बल्कि छोटे-छोटे कलाकारों ने भी अपनी […]
कार्यक्रम का शुभारंभ बिहार स्कूल ऑफ म्युजिक एंड आट्स मुंगेर के कलाकारों द्वारा गणेश वंदना पर भाव नृत्य प्रस्तुत कर किया गया. उसके बाद हवेली खड़गपुर से आये कलाकारों द्वारा क्षम-क्षम बरखा बरसे… लोकगीत पर भाव नृत्य प्रस्तुत किया.
वहीं मुंगेर की रक्षा रानी के ‘निगाहें मिलाने को जी चाहता है… तथा कजरा मोहब्बत वाला…’ गीत की प्रस्तुति पर पूरा पंडाल तालियों के गड़गड़ाहट से गूंज उठा. इसके अलावे बड़ी मिर्जापुर से आये प्रमोद कुमार ने हे हे बड़की भौजी… लोकगीत प्रस्तुत किया. क्यू मैक्स पब्लिक स्कूल खड़गपुर से आये कलाकारों ने गणेश वंदना, पुलवामा अटैक तथा कृषि गीत पर समूह नृत्य की प्रस्तुति दी. जमालपुर के आदित्य आकाश ने ‘तुम समंदर की बात करते हो, लोग आंखों में डूब जाते हैं…’ सहित एक से बढ़ कर गीत की प्रस्तुति दी.
वहीं बिहार स्कूल ऑफ म्युजिक एंड आर्ट्स मुंगेर के कलाकारों ने ‘घार आजा मेरे परदेशी… तथा झुमका गिरा रे…’ गीत पर समूह नृत्य कर दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया. इसके प्रमोद कुमार ने जहां ‘लज्जते गम बढ़ा दीजिये, आप फिर मुशकुरा दीजिये’ सहि अन्य गीत प्रस्तुत किये. वहीं गिरिंद्र चंद्र पाठक एवं सहयोगी कलाकारों द्वारा गणेश वंदना ‘विघ्नहरण गौरी के नंदन’ तथा कजरी ‘हमरे सांवरिया नहीं आये’ सहित कई सुगम संगीत भी प्रस्तुत किया गया.
साथ ही विनोद राठौर ने मुकेश के आवाज में ‘तौबा ये मतबाली चाल… और डम डम डिगा-डिगा… तथा कुमार दीपू ने ‘तेरे जैसा यार कहां… तथा मैं आया हूं लेके साथ…’ गीत की प्रस्तुति से पुराने गीत के सौकीनों को गदगद कर दिया. वहीं कृपा सागर ने रफी के आवाज में ‘बड़ी दूर से आये हैं प्यार का तौफा लाये हैं’ सहित अन्य गीत गाकर समां बांध दिया. वहीं नीरज फौजी ने किशोर कुमार की आवाज में ‘ये जो मोहब्बत है’ गीत प्रस्तुत किया, वहीं पल्लव कुमार अग्रवाल ने ‘चांदनी रात में चांद के सामने’ गीत की प्रस्तुति दी.
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