* विश्व पर्यावरण दिवस के पर संगोष्ठी आयोजित
मुंगेर : प्रमंडलीय आयुक्त डॉ सुभाष शर्मा ने कहा है कि पर्यावरण का सवाल मनुष्य के अस्तित्व से जुड़ा है. इसे संतुलित बनाये रखना सिर्फ सरकार की जवाबदेही नहीं बल्कि आम लोगों का भी कर्तव्य है. बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रमंडलीय प्रशासनिक भवन में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही. इससे पूर्व आयुक्त, जिला पदाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह एवं वन प्रमंडल पदाधिकारी एस सुधाकर ने दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया. आयुक्त ने कहा कि जल, जंगल, जमीन तीनों पर्यावरण से जुड़े मुद्दे हैं.
दूसरी ओर इन तीनों चीजों पर ही मनुष्य का जीवन व आजीविका आधारित है. प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ के कारण पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता दोनों पर खतरा उत्पन्न हो गया है. उन्होंने कहा कि विकास के मॉडल पर भी नयी बहस छेड़ते हुए कहा कि विकास के वैकल्पिक रास्ते तलाशने होंगे. ब्रह्मपुत्र नदी पर जो बांध बनाये जा रहे हैं उससे उसके अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है.
भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद सिंधु नदी के जल बंटवारे पर जो समझौता हुआ उसका हश्र हम सभी जानते हैं. आयुक्त ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की कि आज 227 नदियों से 136 नदियों का प्रवाह कम हो रहा है. टेम्स नदी के प्रदूषण का स्तर जो कई वर्ष पूर्व था आज वह स्तर गंगा नदी का हो गया है. टेम्स तो स्वच्छ हो गयी लेकिन गंगा दिन प्रतिदिन प्रदूषित हो रही है. जिसके लिए तथाकथित विकास नीति जिम्मेवार है.
कृषि वैज्ञानिक डॉ रामनिवास सिंह ने कहा कि पर्यावरण दिवस पर हम संकल्प तो लेते हैं लेकिन अमल नहीं करते. बिहार कृषि विश्वविद्यालय के डॉ सुनील कुमार ने मौसम के बदलते चक्र के लिए प्राकृतिक के साथ छेड़छाड़ बताया.
डीजे कॉलेज के प्राध्यापक प्रो. शब्बीर हसन ने जहां प्रदूषण के लिए विकास के मॉडल को जिम्मेदारी बताया. वहीं इंजीनियर अशोक कुमार ने पर्यावरण सुरक्षा के लिए गंभीर चिंतन की बात कही. कार्यक्रम का संचालय क्षेत्रीय योजना पदाधिकारी रविशंकर चौधरी ने की. इस मौके पर प्रमंडलीय आयुक्त ने उपस्थित अधिकारियों, शिक्षाविदें व बुद्धिजीवियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए शपथ दिलायी.