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मानवता हुई शर्मसार : दो दिन पहले जन्मी अबोध को सड़क पर फेंका

जमालपुर : 9 महीने तक अपनी कोख में पालने वाली एक कुमाता ने मानवता को शर्मसार करते हुए 2 दिन पहले जन्मी अपनी बच्ची को सड़क पर फेंक दिया. सड़क से गुजर रहे एक ट्रॉली चालक ने बच्ची को बिलखते हुए झाड़ी के निकट देखा और उसे उठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया. जहां प्राथमिक चिकित्सा […]

जमालपुर : 9 महीने तक अपनी कोख में पालने वाली एक कुमाता ने मानवता को शर्मसार करते हुए 2 दिन पहले जन्मी अपनी बच्ची को सड़क पर फेंक दिया. सड़क से गुजर रहे एक ट्रॉली चालक ने बच्ची को बिलखते हुए झाड़ी के निकट देखा और उसे उठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया. जहां प्राथमिक चिकित्सा के बाद बच्ची को जिला बाल संरक्षण इकाई को सौंप दिया गया. मामला जमालपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर रेलवे कॉलोनी का है.
बुधवार के पूर्वाह्न लगभग 10:00 बजे एक ट्राली चलाने वाला गरीब मुकेश मंडल उधर से अपना ट्रॉली खाली कर लौट रहा था. वह मूल रूप से भागलपुर जिला के कहलगांव थाना अंतर्गत सुकुमारी पहाड़ का निवासी है और यहां बड़ी दरियापुर में किराये के मकान में रह कर ट्रॉली चलाकर जीविकोपार्जन करता है.
उसने बताया कि लौटते समय रामपुर रेलवे कॉलोनी के पश्चिमी मुख्य द्वार के निकट एक झाड़ी के पास उन्होंने एक नवजात बच्ची को बिलखते पाया. बच्ची को देखते ही उसकी आंखें फटी रह गयी. उस समय तीखी धूप निकली हुई थी. इसकी जानकारी जमालपुर थाना को भी स्थानीय लोगों द्वारा दी गई थी.
जहां से एएसआइ केके पांडेय पुलिस बल के साथ पहुंचे. सबसे पहले उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमालपुर लाया गया. बच्चे की स्थिति को देखकर वहां चिकित्सा करने वाले डॉ जगत प्रसाद और एएनएम सुनीता ने बताया कि बच्ची का जन्म 2 से 3 दिन पहले हो चुका है.
परंतु बच्ची के नाभी में अभी भी कोड क्लेम लगा हुआ है. साथ ही ब्लू रंग के जीबी पैंट भी लगा हुआ था. उन्होंने बताया कि निश्चित रूप से बच्ची का जन्म किसी प्राइवेट क्लिनिक में हुआ है, क्योंकि सरकारी क्लिनिक में ब्लू रंग के इस प्रकार के जीबी पैंट का इस्तेमाल किया ही नहीं जाता है.
उधर नवजात बच्ची के लावारिस अवस्था में पाए जाने की खबर पर मध्य विद्यालय रामनगर के एक शिक्षक पहुंच गए तथा बच्ची बरामद करने वाले मुकेश मंडल से यह कहकर गुहार लगाने लगे कि उन्हें कोई संतान नहीं है. इसलिए इस बच्ची को वह गोद लेना चाहते हैं.
दूसरी ओर मुकेश मंडल का कहना था कि बच्ची का परवरिश वह स्वयं करेंगे, क्योंकि भगवान ने उसे यह नेमत सौंपी है. उधर बच्ची मिलने की खबर सुनते ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अच्छी खासी भीड़ एकत्रित हो गयी. इस बीच जिला बाल संरक्षण इकाई मुंगेर को सूचना दी गयी और वहां के पदाधिकारियों ने बच्ची को अपने कब्जे में कर लिया.

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