मुंगेर सदर : शिक्षा विभाग द्वारा कई ऐसे विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है जहां असहाय बच्चों को मुफ्त में शिक्षा मिल सके. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. बच्चों का नामांकन तो विद्यालय में कर लिया जाता है. लेकिन बच्चों को कैदियों की तरह जीवन जीने पर मजबूर कर दिया जाता है.
ऐसे ही विद्यालयों में से एक है सदर प्रखंड परिसर स्थित राजकीय मूक बधिर मध्य विद्यालय. विद्यालय में लगभग 16 छात्र नामांकित हैं. इसे पढ़ाने के लिए एक शिक्षक विजय कुमार सिंह को नियुक्त किया गया है. वे ही प्रधानाध्यापक का भी पदभार संभाले हुए हैं. विद्यालय भ्रमण के दौरान दिन के 9 बजे जब प्रभात खबर की टीम विद्यालय पहुंची तो वहां अंदर से ताला लगा हुआ था. विद्यालय का झाड़ू कश संजय कुमार गेट के पास ही बिस्तर लगा कर सोया हुआ था. उसे जगा कर ताला खुलवाया.
पहले मंजिल पर सुरक्षा गार्ड प्रदीप कुमार सिंह कॉपी में बच्चों द्वारा लिखी गयी ए, बी, सी, डी को जांच कर रहे थे. बांकी सारे बच्चे विद्यालय में उद्यम मचा रहे थे. कोई बाथरूम में उछल-उछल कर स्नान कर रहा था, तो कोई बिछावन पर कुश्ती लड़ रहा था और कोई खिड़की पर बैठ कर बाहर के नजारे देख रहा था.
विद्यालय में बच्चों की स्थिति को देख कर जेल में बंद कैदियों का दृश्य नजर आने लगा. सुरक्षा गार्ड से जब पूछा गया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक कहां हैं तो उन्होंने बताया कि किसी काम से बाहर निकले होंगे. विद्यालय की स्थिति को देख कर ऐसा प्रतीत हुआ कि विभाग चाहे जितने भी खर्च कर ले, लेकिन बच्चों को उनका अधिकार सही रूप में नहीं मिल पा रहा है.
कहते हैं पदाधिकारी
जिला कल्याण पदाधिकारी कुमार प्रेमनाथ ने बताया कि विद्यालय का जांच की जायेगी. दोषी पाये जाने पर शिक्षक पर कार्रवाई होगी.