फर्जीवाड़ा. फर्जी लाइसेंस पर असली हथियार का चल रहा कारोबार
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गोगरी का राजकिशोर है सरगना
फर्जीवाड़ा. फर्जी लाइसेंस पर असली हथियार का चल रहा कारोबार मुंगेर व खगड़िया में 100 से अधिक हथियारों का कर चुका है आवंटन मुंगेर : मुंगेर में न सिर्फ अवैध आग्नेयास्त्र का निर्माण होता है. तस्करी होती है. बल्कि फर्जी आग्नेयास्त्र लाइसेंस बनाने का बड़ा मामला भी सामने आया है. इसमें मुंगेर एवं खगड़िया इलाके […]
मुंगेर व खगड़िया में 100 से अधिक हथियारों का कर चुका है आवंटन
मुंगेर : मुंगेर में न सिर्फ अवैध आग्नेयास्त्र का निर्माण होता है. तस्करी होती है. बल्कि फर्जी आग्नेयास्त्र लाइसेंस बनाने का बड़ा मामला भी सामने आया है. इसमें मुंगेर एवं खगड़िया इलाके के आधे दर्जन लोग शामिल हैं जो जिलाधिकारी सह जिला शस्त्र दंडाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर कर न सिर्फ लाइसेंस बनाते हैं, बल्कि आग्नेयास्त्र खरीद के लिए ऑथरिटी लेटर भी तैयार करते रहे हैं. फर्जी लाइसेंस व फर्जी ऑथरिटी लेटर के आधार पर सैकड़ों की संख्या में लोगों को राइफल व पिस्टल आपूर्ति करायी गयी है.
एटीएस यूपी की टीम ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है और कानपुर के चार हथियार विक्रेताओं के साथ ही मुंगेर के एक जालसाज को गिरफ्तार किया है. जिसे एटीएस की टीम अपने साथ लखनऊ ले गयी. जबकि गिरोह का सरगना खगड़िया जिले के गोगरी जमालपुर थाना क्षेत्र के कटघरा गांव निवासी राजकिशोर राय की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है.
क्या है मामला : एटीएस यूपी थाना में 10/17 मामला दर्ज है. छापेमारी करने पहुंची एटीएस की टीम ने बताया कि बिहार का एक गिरोह सक्रिय है जो मुंगेर एवं खगड़िया के जिलाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर कर शस्त्र अनुज्ञप्ति आम लोगों के साथ ही अपराधियों के नाम से बनाता है. उसके बाद कानपुर के कई शस्त्र दुकानों से सेटिंग-गेटिंग कर राइफल, पिस्टल व रिवाल्वर की खरीद करता है. उसी फर्जी अनुज्ञप्ति के आधार पर ऑथरिटी लेटर तैयार किया जाता है. जिसके आधार पर कानपुर से आराम से हथियार लेकर वे लोग बिहार ले आते थे. जिसे फर्जी अनुज्ञप्ति को सही बताते हुए शस्त्र की आपूर्ति कर देता है. इसी मामले की जांच एटीएस द्वारा किया जा रहा है.
एटीएस जेल में हैं यूपी के चार शस्त्र विक्रेता : एटीएस की टीम ने बताया कि मामला आते ही अनुसंधान में कानपुर के चार शस्त्र दुकानों की संलिप्ता सामने आयी. जिसके आधार पर पूर्वांचल गन हाउस, एके नियोगी गन हाउस, जय जवान गन हाउस एवं विजय खन्ना गन हाउस के संचालक को गिरफ्तार कर एटीएस जेल लखनऊ में बंद किया गया. जिससे पूछताछ पर मुंगेर के गिरोह का पता चला.
अपराधियों को भी आपूर्ति करता था हथियार : गिरफ्तार हथियार माफिया ने एटीएस यूपी को बताया कि उसका गिरोह मुंगेर एवं खगड़िया डीएम के फर्जी हस्ताक्षर से हथियार की अनुज्ञप्ति बनाता है जो विभिन्न नामों से रहता है. उसी फर्जी अनुज्ञप्ति पर ऑथरिटी लेटर भी बना लेते है. उस लाइसेंस के साथ हमलोग कानपुर जाकर तय दुकान से हथियार की खरीद करते है. फिर फर्जी ऑथरिटी लेटर पर हथियार लेकर मुंगेर एवं खगड़िया ले आते हैं और लोगों को आपूर्ति कर देते हैं.
उसने बताया कि मुंगेर एवं खगड़िया के अपराधियों को भी फर्जी अनुज्ञप्ति पर हथियार वहां से लाकर उपलब्ध कराया जाता है. अबतक मुंगेर एवं खगड़िया जिले में 100 लोगों को अबतक फर्जी लाइसेंस पर हथियारों की आपूर्ति कर चुका है.
मोबाइल लोकेशन पर किला क्षेत्र से हुई गिरफ्तारी
बताया जाता है कि एटीएस के इंस्पेक्टर हरिशंकर मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम तीन दिन पूर्व ही मुंगेर पहुंची. जो गिरोह के दो सदस्यों के मोबाइल को सर्विलांस पर ले रखा था. मुख्य हथियार माफिया का मोबाइल बंद रहने के कारण उसका पता नहीं चल रहा था. जबकि एक सदस्य बरियारपुर थाना क्षेत्र के झौआबहियार निवासी उपेंद्र सिंह उर्फ वर्मा जी का मोबाइल लोकेशन भागलपुर बता रहा था. टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए जब भागलपुर गयी तो वह वहां से निकल चुका था. बाद में उसका मोबाइल मुंगेर बताने लगा. जिसके बाद एटीएस की टीम मुंगेर एसटीएफ से संपर्क किया. जब मंगलवार को उसके मोबाइल को सर्विलांस पर लिया गया तो उसका लोकेशन मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मनियारचक घाट दर्शाया. जिसके बाद टीम मनियारचक घाट पहुंची तो उसका लोकेशन मुंगेर किला क्षेत्र आने लगा. टीम पुन: किला क्षेत्र पहुंची और पोलो मैदान के समीप से उसे गिरफ्तार कर लिया.
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