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छापेमारी में बार-बार मिल रहे मोबाइल

मुंगेर : मुंगेर मंडल कारा में जब भी छापेमारी होती है, तब मोबाइल बरामद होता है, जो जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. माना जा रहा है कि जब जेल के अंदर मोबाइल व गांजा आराम से पहुंच रहा है तो हथियार व बम क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता! यह […]

मुंगेर : मुंगेर मंडल कारा में जब भी छापेमारी होती है, तब मोबाइल बरामद होता है, जो जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. माना जा रहा है कि जब जेल के अंदर मोबाइल व गांजा आराम से पहुंच रहा है तो हथियार व बम क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता! यह तो शातिर कैदियों की भलमनसाहत है कि वे अपराध को संचालित कराने के लिए सिर्फ मोबाइल ही अंदर मंगवा रहे हैं और अपना आपराधिक साम्राज्य चला रहे हैं.

सुरक्षा व्यवस्था की बदहाली तो ऐसी है कि अपराधी जब चाहे अंदर हथियार भी मंगवा सकते हैं. सोमवार की अहले सुबह जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा जब जेल में छापेमारी की गयी तो वार्ड नंबर तीन से पांच मोबाइल व बैट्री तथा अतिरिक्त चार्जर बरामद हुआ था. यह कोई पहला मौका नहीं था कि जेल के अंदर पांच की संख्या में मोबाइल मिला. इसी जेल में 23 मोबाइल भी बरामद हो चुका है. बावजूद इसके जेल की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत नहीं हो रही है. जबकि जेल प्रशासन दावा करती है कि जेल की सुरक्षा चाक-चौबंद है, लेकिन जब भी छापेमारी होती है तो अतिसुरक्षित इस जेल से मोबाइल व गांजा बरामद होता है.

जो दावों की पोल खोलने के लिए काफी है. अप्रैल 2017 में भी छापेमारी की गयी थी तो एक मोबाइल चार्जर और 60 पुड़िया गांजा बरामद किया गया था. जबकि 6 फरवरी 2016 को जेल में छापेमारी के दौरान तीन मोबाइल, दो मोबाइल चार्जर, सिगरेट, गांजा व सीएफएल बल्ब में सेट मोबाइल डिवाइस व इयर फोन बरामद किया गया था. जबकि 18 जून 2016 को छापेमारी में 10 मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव एवं 12 सितबंर 2016 को छापेमारी में दो मोबाइल, तीन सीम कार्ड व पांच पुड़िया गांजा बरामद हुआ. जो जेल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है.

जेल से संचालित हो रहा अपराध:
जेल में शातिर अपराधी व नक्सलियों का जमावड़ा लगा हुआ है. जो मोबाइल के माध्यम से अपना आपराधिक साम्राज्य स्थापित करने में लगे हैं. शातिर प्रशांत मिश्रा, पवन मंडल, जुगवा मंडल, अमित मंडल सहित दर्जनों अपराधी जेल में बंद हैं, जो मोबाइल का धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे है. बात तब खुलती है जब कोई पीड़ित पुलिस में शिकायत दर्ज कराता है.
जेल में बैठ कर ही हत्या जैसे वारदात की मॉनीटरिंग की जाती है. इस बात का खुलासा एसपी ऑफिस के बगल में एक रेस्टोरेंट संचालक उत्तम शर्मा की हत्या से भी हो चुकी है. जमालपुर नगर निगम के पूर्व चेयरमैन भरत यादव पर गोलीबारी का ताना-बाना भी जेल में बुना गया था.
सुरक्षा में लगे जवान पहुंचा रहे मोबाइल : जेल प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद जेल में मोबाइल का पहुंचना जारी है. एक ओर जहां कैदी को उपस्थापन के दौरान सुरक्षा में लगे जवानों के सहयोग से मोबाइल उपलब्ध कराया जाता है, वहीं दूसरी ओर कैदियों के परिजनों से मिल कर सुरक्षाकर्मी कैदियों तक निर्धारित राशि लेकर मोबाइल पहुंचाने का काम कर रहे हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब वर्ष 2015 को कैदियों की सुरक्षा में लगे जिला बल के जवान लाल बाबू ठाकुर को कैदी को मोबाइल उपलब्ध कराते हुए पकड़ा गया था. इतना ही नहीं अन्य जेलों की तुलना में मुंगेर जेल के दीवार की ऊंचाई कम है और मैन रोड से सटा है. कहा जाता है कि कैदियों के परिजन व दोस्त व्यवस्थित तरीके से दीवार के अंदर मोबाइल व गांजा फेंक देते हैं और अंदर मुलाकाती के समय उसकी सूचना दे देते है. सुबह में कैदी घूमने के बहाने उस जगह पहुंच कर मोबाइल व गांजा को अपने कब्जे में ले लेता है.
2 मई 2013 को छापेमारी में 23 मोबाइल हुए थे बरामद
केस स्टडी -1
28 जुलाई 2015 जिला बल के जवान लाल बाबू ठाकुर को कैदी को मोबाइल उपलब्ध कराते हुए गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से सैमसंग कंपनी के दो मोबाइल बरामद किये गये थे. विदित हो कि जेल में बंद कैदियों को न्यायालय में उपस्थापन कराने के लिए लाल बाबू ठाकुर जेल से कैदी को लेकर न्यायालय आया था. उसने हथियार तस्करी के मामले में मंडल कारा में बंद रवि शर्मा को दो मोबाइल उपलब्ध कराने का प्रयास किया था, लेकिन पकड़ा गया.
केस स्टडी -2
मंडल कारा में तैनात नवनियुक्त जेलर आलोक कुमार को कैदियों को सिगरेट पहुंचाने के आरोप में 2016 में निलंबित किया गया था. उस पर आरोप था कि कि 1600 रुपये का महंगा सिगरेट उसने कैदियों को उपलब्ध कराया था. इसकी जांच जिलाधिकारी व एसपी ने की थी. इसमें आरोप सत्य पाया गया. अधिकारियों ने उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी. जिसके आधार पर जेलर आलोक कुमार को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था.
केस स्टडी -3
2 मई 2013 को तत्कालीन जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह ने एसपी सहित दर्जन भर जिला एवं पुलिस अधिकारी के साथ जेल में छापा मारा था. इस दौरान 23 मोबाइल, 19 चार्जर, 80 पैकेट गुटका, दो चीलम, गांजा, माचिस, चाकू व कैंची बरामद किया गया था. इसे देख डीएम व एसपी के होश उड़ गये थे. डीएम ने जेलर अरुण कुमार सिंह को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए गिरफ्तारी का आदेश दिया और तत्काल ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.
कहते हैं जेलर
जेलर निर्मल कुमार प्रभात ने कहा कि जेल की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है. इसके साथ ही दीवार की ऊंचाई बढ़ाने के लिए कार्रवाई चल रही है.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने कहा कि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा समय-समय पर जेल में सर्च अभियान चलाया जाता है.

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