मधुबनी : ग्रामीण डाक जीवन बीमा एवं डाक जीवन बीमा का लक्ष्य पूरा नहीं होने के कारण प्रधान डाकघर सहित उपडाकघर पर डाक अधीक्षक ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ग्रामीण डाक जीवन बीमा का वार्षिक लक्ष्य तीन करोड़ निर्धारित किया गया है. लेकिन दिसंबर 16 तक सिर्फ 45 फीसदी ही लक्ष्य प्राप्त हो […]
मधुबनी : ग्रामीण डाक जीवन बीमा एवं डाक जीवन बीमा का लक्ष्य पूरा नहीं होने के कारण प्रधान डाकघर सहित उपडाकघर पर डाक अधीक्षक ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ग्रामीण डाक जीवन बीमा का वार्षिक लक्ष्य तीन करोड़ निर्धारित किया गया है. लेकिन दिसंबर 16 तक सिर्फ 45 फीसदी ही लक्ष्य प्राप्त हो पाया है.
वहीं डाक जीवन बीमा भी लक्ष्य से काफी पीछे है. डाक जीवन बीमा का लक्ष्य दो करोड़ 50 लाख है. डाक अधीक्षक मो. जैनुद्दीन ने बताया कि सभी उपडाकघर शाखा डाकघर को विभाग द्वारा 50 लाख बीमा धन का लक्ष्य निर्धारित है. जो डाकपाल लक्ष्य पुरा नहीं करेगा. उस पर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. डाक अधीक्षक ने बताया कि सभी डाकपाल को इस बाबत सूचना दी गई है. सभी को 31 मार्च तक हर हाल में लक्ष्य की प्राप्ती करना अनिवार्य है.
डाकघर में भी स्थिति सामान्य
नोटबंदी के बाद डाकघर का स्थिति अब सामान्य हो गया है. प्रधान डाकघर सहित सभी उपडाकघर में खाताधारक को सप्ताह में 24 हजार रुपये दिया जाता है. प्रधान डाकघर के डाकपाल विजय कुमार ने बताया कि उपडाकघर सहित प्रधान डाकघर में जितने राशि की जरूरत है. उतनी राशि बैंक से मिल रही है. डाक अधिक्षक मो. जैनुद्दीन ने बताया कि अब डाकघर को राशि लेनदेन में कोई परेशानी नहीं हो रही है. डाक अधीक्षक ने बताया कि शादी, उपनयन, श्राद्ध जैसे काम में कार्ड देने पर खाता धारक को 2 लाख 50 हजार रुपये दिया जाता है.