मधुबनी : तीन बज रहे हैं. महिला कॉलेज रोड में एक्सिस बैंक का एटीएम का शटर नोट बंदी के बाद से ही बंद है. वहीं सेंट्रल बैंक ब्रांच के भीतर एटीएम में दो हजार रुपये निकल रहे हैं. यहां पर करीब दो दर्जन उपभोक्ता लाइन में लगे हैं. इस समय नोट तो निकल रहा है पर पीछे लाइन में लगे लोगों को भरोसा नहीं है कि जब उनका नंबर आयेगा तब तक रुपये एटीएम मे रहेगा या नहीं.
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नोटबंदी के एक माह पूरे बेचैनी बरकरार
मधुबनी : तीन बज रहे हैं. महिला कॉलेज रोड में एक्सिस बैंक का एटीएम का शटर नोट बंदी के बाद से ही बंद है. वहीं सेंट्रल बैंक ब्रांच के भीतर एटीएम में दो हजार रुपये निकल रहे हैं. यहां पर करीब दो दर्जन उपभोक्ता लाइन में लगे हैं. इस समय नोट तो निकल रहा है […]
जबकि आइसीआईसीआई के एटीएम में एक सप्ताह से नोट नहीं डाला जा रहा है. वहीं एसबीआई का एटीएम खराब है. केनरा बैंक, बीओआइ एवं ओरियंटल बैंक का एटीएम खुला है. पर एक भी लोग नहीं हैं. पता चला कि इन एटीएम में तो पिछले एक सप्ताह से रुपये ही नहीं डाला गया है. यहां से हम बाटा चौक के पास स्थित एचडीएफसी के एटीएम के पास पहुंचे. करीब तीन बजकर 30 मिनट हो रहे हैं. यहां पर लोगों की लाइन लगी हुई थी. नोटबंदी के बाद जिन एक आध एटीएम से लगातार रुपये निकल रहे हैं इसमें इस एटीएम का नाम भी शामिल है. जबकि बगल के ही इसी तरह जलधारी चौक के सभी तीन एटीएम में राशि नहीं डाली जा रही है. तो कोतवाली चौक में एसबीआई दो हजार का नोट निकल रहा है.
वहीं, एसबीआई मेन ब्रांच में नीचे स्थित एटीएम में गुरुवार को तीन बजे तक रुपये नहीं थे. पांच बजे शाम में डालने की बात गार्ड ने बतायी है. बैंकों व एटीएम की हालत देखकर लोग खासे नाराज हैं. कई जरूरतमंद लोग अपने आवश्यकता आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं.
वाटसन स्कूल के सामने स्थित एचडीएफसी एटीएम पर लगी भीड़, महिला कॉलेज रोड में बंद एक्सिस बैंक का एटीएम
एक माह में हालत सुधरी नहीं
नोटबंदी के एक माह पूरे हो गये हैं. पर एक माह में अब तक नोटबंदी के बाद हालत सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. शायद लेाग ही चक्कर लगाते लगाते अब थक गये हैं. बैंकों में नोट बदलने का काम बंद हुआ तो अब लोगों को रुपये निकाले जाने का मुख्य जरिया एटीएम ही रहा है. मुख्यालय शहर के विभिन्न मार्गों के चौक चौराहे पर राष्ट्रीयकृत एवं प्राइवेट बैंक के 32 एटीएम लगाये गये हैं. जिसमें नियमित रूप से मात्र आधा दर्जन एटीएम से ही विभिन्न समय अंतराल पर निकल रहे हैं. घंटों में एटीएम खाली हो रहे है. पिछले एक माह से यह स्थिति लगातार बनी हुइ है. जबकि आधा दर्जन से अधिक एटीएम नोटबंदी की घोषणा के समय से ही स्थायी रूप से बंद हैं.
जिसमें कुछ राष्ट्रीयकृत एवं कुछ प्राइवेट बैंक के एटीएम है.
अधिकांश एटीएम नोटबंदी के बाद खुले तो रहते हैं, लेकिन इसमें नियमित रूप से रुपये नहीं डाले जाते हैं. जिससे काफी संख्या में देहाती क्षेत्र से आने वाले एटीएम धारक निराश होकर लौट जाते हैं.
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