मधुबनी : जिस उद्योग विभाग में बेरोजगारों के रोजगार सृजन करने की योजना हर दिन बनायी जाती है उसी उद्योग विभाग में अधिकारियों के नाक के नीचे बीते चार साल से सैकड़ों बेरोजगार छात्रों से लाखों रुपये की हेराफेरी कर ली गयी और अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी. हेराफेरी करने वाले आराम से अधिकारियों के साथ हंसते, बाते करते हुए छात्रों को ठगते रहे और अधिकारी भी जाने अंजाने उन्हें संरक्षण देते रहे. चार साल पहले 2012 में सरकार द्वारा महादलित समुदाय के महिला पुरुषों को कौशल विकास योजना के तहत छह माह एवं तीन माह का प्रशिक्षण दिये जाने की शुरुआत की गयी.
इस मामले की भनक जब तक छात्रों को हुई तब तक लाखों रुपये का गबन हो चुका था. जानकारी के अनुसार इसमें प्रशिक्षण लेने वाले महादलित छात्रों का मुफ्त में नामांकन किया जाता है. जिसके बाद उन्हें प्रशिक्षक के द्वारा आधुनिक सिलाई कढाइ का छह माह एवं तीन माह का कोर्स कराया जाता है. सरकार के द्वारा छह माह के प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को 9 हजार एवं तीन माह का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को 4500 रुपये बतौर छात्रवृति भी दी जाती है
. बताया जा रहा है कि जब छात्रों को प्रशिक्षण के बाद छात्रवृति दिये जाने का समय आता था तो कर्मी द्वारा हर छात्र से रुपये लिया जाता था. जानकारी के अनुसार छह माह के प्रशिक्षण लेने वाले छात्र से दो – दो हजार एवं तीन माह का प्रशिक्षण लेने वाले छात्र से एक – एक हजार रुपये कर्मी नाजायज तरीके से वसूलते थे. यह कारोबार पिछले चार साल से किया जा रहा था.
ऐसे सामने आया मामला . नगर थाना पर कंपनी के सतर्कता पदाधिकारी जसराज सिंह ने बताया कि जिला उद्योग केंद्र में चल रहे अपरैल ट्रेनिंग एंड डिजायन सेंटर के दर्जनों छात्रों ने कंपनी के प्रधान कार्यालय में पत्र लिखकर छात्रों से लिए गये रुपया को वापस करने की मांग की गई. कंपनी द्वारा इस बात की जांच करायी गयी कि छात्रों से किस बात का रुपया प्रशिक्षकों द्वारा लिया गया था.
जांच में यह बात सामने आयी कि छह माह के कोर्स करने वाले छात्रों को 9 हजार रुपये छात्रवृति एवं तीन माह के कोर्स करने वाले छात्रों को साढ़े चार हजार की छात्रवृति कंपनी द्वारा दिया जाता था. मधुबनी के संस्था में प्रशिक्षण पाने वाले महादलित छात्रों को क्रमश:
दो हजार व एक हजार की राशि प्रशिक्षकों द्वारा चेक देने से पूर्व ले लिया करते थे. छात्रों को यह समझा दिया जाता था कि उक्त राशि प्रधान कार्यालय में बड़े अधिकारियों को देना पड़ता है. संस्थान में प्रशिक्षित होने वाले 35 छात्रों ने एक संयुक्त आवेदन देकर कंपनी को गोरखधंधे की जानकारी दी गई.
प्रशिक्षणार्थियों ने की शिकायत. अपरैल ट्रेनिंग एंड डिजाइन सेंटर में अवैध रूप से रुपया वसूलने का आरोप इन प्रशिक्षणार्थियों द्वारा कंपनी को किया गया था. रिना देवी, ललिता देवी, नीतू कुमारी, रूबी देवी, मंजू देवी, अनिता देवी, सूरज कुमार राम, मुकेश कुमार राम, मुन्ना कुमार राम, सोनू कुमार, अविनाश कुमार राम, रवि कुमार राम, अनिल कुमार राम, रिंकू कुमार सहित कई प्रशिक्षणार्थी शामिल हैं.
दोषियों पर होगी कार्रवाई
नगर थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक अरुण कुमार राय ने बताया कि मामले की जांच करायी जायेगी. शिकायत कर्ता छात्र एवं प्रशिक्षण पाये अन्य कई छात्रों से इस मामले के संबंध में जांच की जायेगी एवं दोषी को बख्शा नहीं जायेगा.
प्रशिक्षण लेनेवाले छात्र हुए ठगी के शिकार
चार साल में हजारों छात्रों से लिये गये रुपये
लाखों की हेराफेरी, दो पर प्राथमिकी दर्ज
लाखों की हेराफेरी की आशंका
कंपनी के सतर्कता अधिकारी श्री सिंह को यह आशंका है कि इस मामले में आरोपी संतोष कुमार झा व सोनिया शबनम ने लाखों रुपये की अवैध वसूली प्रशिक्षणार्थी छात्रों से किया होगा. उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 से उक्त कंपनी जिले में कार्यरत है और इसमें हजारों छात्रों का प्रशिक्षण हुआ है. ऐसे में बड़े घोटाले की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.