परेशानी. इलाज के लिए बेचैन रहे परिजन, मीटिंग में व्यस्त रहे डॉक्टर
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हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित
परेशानी. इलाज के लिए बेचैन रहे परिजन, मीटिंग में व्यस्त रहे डॉक्टर मधुबनी : आइएमए व भासा के संयुक्त आह्वान पर जिले के सभी चिकित्सक शनिवार को हड़ताल पर रहे. जिसके कारण जिले के मरीजों को अस्पतालों व निजी क्लिनिकों से बिना उपचार बैरंग लौटना पड़ा. सदर अस्पताल समेत विभिन्न सरकारी अस्पतालों एवं निजी क्लिनिक […]
मधुबनी : आइएमए व भासा के संयुक्त आह्वान पर जिले के सभी चिकित्सक शनिवार को हड़ताल पर रहे. जिसके कारण जिले के मरीजों को अस्पतालों व निजी क्लिनिकों से बिना उपचार बैरंग लौटना पड़ा. सदर अस्पताल समेत विभिन्न सरकारी अस्पतालों एवं निजी क्लिनिक में ईलाज बंद रहा. जिस कारण मरीजों व उनके परिजन को भारी परेशानी हुई. सदर अस्पताल के ओपीडी सेवा ठप्प रही. हालांकि सदर अस्पताल में आपात कालीन सेवा चालू रही जहां मरीजों को इलाज करते देखा गया. जबकि शहर के विभिन्न निजी क्लिनिक में भी स्वास्थ्य सेवा बाधित रहा.
सुदूर इलाकों से आ रहे मरीज
सदर अस्पताल के ओपीडी में शनिवार को भी अन्य दिनों की भांति सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से उपचार के लिए मरीजों का आना जाना जारी रहा. लेकिन ओपीडी बंद रहने के कारण इन मरीजों को बिना उपचार के ही लौटना पड़ा. जिस कारण मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
इन मरीजों को जाना पड़ा वापस
भवानीपुर निवासी 65 वर्षीय गंगा नारायण गिरि पेट दर्द की इलाज कराने आये थे. पर हड़ताल के कारण इन्हें वापस जाना पड़ा. 45 वर्षीय गीता देवी, 60 किलो मीटर दूर लौकहा से अपने उपचार के लिए आयी थी. जिन्हें भी वापस विना उपचार के वापस जाना पड़ा. इसके अलावा सलखनिया निवासी राम उदगार यादव अपने 8 वर्षीय पुत्र महेश यादव को कुत्ता काटने की दवा के लिए आया था. इजरा निवासी अफसाना खातून अपने पांच वर्षीय पुत्र का जख्म का इलाज कराने आयी थी. देवहारी निवासी 35 वर्षीय अशोक यादव चर्म रोग का उपचार कराने आया था. बिस्फी निवासी सुधा देवी अत्यधिक रक्तश्राव का उपचार कराने आयी थी. 65 वर्षीय परशुराम यादव पेट दर्द का इलाज कराने आया था.
महिला कैदी को भी उपचार के लिए घंटों करनी पड़ी मशक्कत
रामपट्टी जेल में गाजा तस्करी के आरोप में सजा काट रही महिला कैदी को हड़ताल के कारण घंटो इलाज के लिए बैठना पड़ा . कैदी के साथ आये जवानों ने बताया कि महिला गंभीर बीमारी से ग्रसित है . जिसे उपचार के लिए लाया गया है. पर महिला के इलाज वाले पूर्जे पर डीएस का हस्ताक्षर नहीं होने के कारण इसका इलाज नहीं हो सका.
खुली रहीं ये सेवाएं
सीएस डाॅ अमर नाथ झा ने बताया कि सदर अस्पताल में आपातकालीन सेवा, प्रसव कक्ष, पोस्टमार्टम, एआरटी दवा केंद्र खुली रही. वहीं ओपीडी सेवा पूर्णतया बंद रहा.
आकस्मिक सेवा
इस बाबत आईएमए के जिला सचिव डा. एन के यादव ने बताया है कि हड़ताल पूर्णत: सफल रहा. सभी चिकित्सकों ने अपने मांग को लेकर एक साथ हड़ताल में शामिल हो शांति पूर्वक अपनी मांग रखी है. हालांकि आकस्मिक चिकित्सा को इस हड़ताल से दूर रखा गया था.
कैदी वार्ड से आयी महिला का भी नहीं हुआ इलाज
आपातकालीन सेवा में मरीजों का रहा जमावड़ा
ओपीडी के बंद होने के कारण आपातकालीन सेवा में मरीजों की भीड़ काफी रहा. आपातकालीन सेवा में अन्य दिनों को अपेक्षा शनिवार को काफी मरीज इलाज कराते देखे गये. जहां दूसरे आपातकालीन सेवा में दिन में 20-25 मरीज देखा जाता था. वहीं शनिवार को 12 बजे तक ही 30 मरीज का उपचार चिकित्सकों द्वारा किया गया.
हत्या के विरोध में चिकित्सक हड़ताल पर
मोतिहारी के चिकित्सक डा. एसबी सिंह का गत दिनों की गई हत्या के विरोध में आइएमए व भासा के चिकित्सकों ने संयुक्त रूप से शनिवार को एक दिवसीय हड़ताल के आह्वान पर शनिवार को जिले के सभी चिकित्सकों ने स्वास्थ्य सेवा को ठप्प रहने का निर्णय लिया था.
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