जरूरत पड़ने पर भटकना होगा मरीज व परिजन को
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ब्लड बैंक में नहीं है निगेटिव ग्रुप खून नौ यूनिट ही ब्लड स्टोर
जरूरत पड़ने पर भटकना होगा मरीज व परिजन को मधुबनी : जिले में यदि लोगों को खून की तत्काल जरूरत पड़ी तो उन्हें सरकारी महकमा से कोई खास मदद नहीं मिल सकता है. खासकर निगेटिव ग्रुप वालों को और रात में खून की आवश्यकता होने पर भगवान ही मरीज के मालिक होंगे. शहर मुख्यालय में […]
मधुबनी : जिले में यदि लोगों को खून की तत्काल जरूरत पड़ी तो उन्हें सरकारी महकमा से कोई खास मदद नहीं मिल सकता है. खासकर निगेटिव ग्रुप वालों को और रात में खून की आवश्यकता होने पर भगवान ही मरीज के मालिक होंगे. शहर मुख्यालय में रेड क्रॉस द्वारा संचालित एवं सदर अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक में करीब 45 लाख की आबादी की सहायता के लिए नौ यूनिट ही ब्लड स्टोर कर रखा गया है. इसमें किसी भी निगेटिव ग्रुप का ब्लड नहीं है.
परिजन होते हैं परेशान
जिले की आबादी करीब 45 लाख से अधिक है. कब, किसे, किस कारण खून की आवश्यकता पड़ जाये यह कहा नहीं जा सकता. पर यदि इस जिले में अचानक ही लोगों को खून की आवश्यकता पड़ जाती है तो उनके परिजन बेचैन हो जाते हैं. खून की आवश्यकता होते ही परिजन का हाथ पांच फूलने लगता है, भगवान को याद करने लगते हैं कि उनका मरीज किसी तरह दरभंगा या पटना तक पहुंच जाये. दरअसल जिले में ब्लड की भरपूर मात्रा ही उपलब्ध नहीं रहती है. किसी तरह ब्लड बैंक होने की खानापूरी की जा रही है. इस वक्त ब्लड बैंक में मात्र नौ यूनिट ही ब्लड है.
हर माह खर्च नौ यूनिट
हर माह नौ यूनिट खून चिह्नित मरीजों को दिया जा रहा है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 9 थैलीसिमियां के मरीज है. इन सभी मरीजों को एक एक यूनिट खून की आवश्यकता हर माह होती है. जिन्हें विभाग के द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. इसमें सात मरीज जिले के है जबकि दो मरीज ऐसे हैं जिनका घर दरभंगा जिला में है पर दोनों जिला के बॉर्डर पर घर रहने के कारण ये मधुबनी से खून लेते हैं.
ब्लड बैंक का एसी खराब
सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक का ए सी खराब पड़ा हुआ है. जिस कारण इसमें ब्लड को रखने में भी परेशानी हो रही है. वर्तमान में फ्रीजर में ब्लड को स्टोर करके रखा जाता है. वहीं भवन जर्जर हो गया है. खिड़की भी पूरी तरह टूट गयी है. कर्मी का अभाव है. विभाग का कहना है कि उसके पास 1000 यूनिट तक ब्लड स्टोर की क्षमता है.
रात को बंद रहता है ब्लड बैंक
सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक
नहीं है निगेटिव ग्रुप का ब्लड
रेडक्रॉस द्वारा संचालित एवं सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में इन दिनों निगेटिव ग्रुप का ब्लड नहीं है. यदि किसी को निगेटिव ग्रुप के खून की आवश्यकता पड़ी तो लोग को बाहर ही इलाज के लिए जाना होगा. सबसे अधिक परेशानी मरीजों को रात को होती है. दरअसल ब्लड बैंक में कर्मियों की भारी कमी है. ऐसे में ब्लड बैंक 9 बजे से दोपहर के 5 बजे शाम तक ही खुली रहता है. इस बीच में यदि आवश्यकता पड़ी तो मरीजों को खून मिल भी जायेगा पर यदि इसके बाद आवश्यकता पड़ी तो खून के लिये मरीज के परिजन को दर दर भटकना पड़ेगा.
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