तीस वार्ड वाले शहर में आज भी कई वार्डों में गंदगी, पेयजल, बिजली, शौचालय, यातायात सहित अन्य समस्याएं मुंह बायें खड़ी हैं. नये बोर्ड के गठन के चार साल पूरे हो गये हैं, पर जनता से किये वायदे को किस हद तक पूरा किया इसकी पड़ताल के लिए प्रभात खबर ने वार्ड में जाकर लोगों से जानकारी ली, उनकी समस्याएं सुनी है. हर वार्ड की समस्या व उपलब्धि को लेक र वार्ड सात का वार्ड स्कैन हमारे पाठकों के सामने हैं.
मधुबनी : शहर के सात नंबर वार्ड में चार साल में सबसे अधिक योजना नप प्रशासन द्वारा दी गयी. कुल 11 योजनाएं पारित हुई. काम भी हुआ. पर इस वार्ड के सबसे मूल समस्या के निदान को लेकर आज तक पहल नहीं हो सकी. इस वार्ड की सबसे गंभीर समस्या है जल निकासी नहीं होना.
आलम तो यह है कि बारिश होते ही विनोदानंद कॉलोनी,आदर्श नगर कॉलोनी, बस स्टैंड कॉलोनी के लोग घर छोड़ने को तैयार हो जाते हैं. इस साल तो आदर्श नगर मुहल्ले के लोगों ने बारिश आते ही नाव खरीदने के लिये चंदा तक इकट्ठा शुरू कर दिया था. आदर्श नगर के बने तीन दशक से अधिक हो गया. पर इस वार्ड के लोग अपने घरों में सही से नहीं रह पाते हैं. बारिश होते ही लोगों के घरों में पानी घुस जाता है. इस साल तो करीब दो दर्जन लोग अपने घरों से विस्थापित हो गये. इसी प्रकार विनोदानंद कॉलोनी से होकर वाट्सन कैनाल निकलती है पर इस कॉलोनी का ही पानी नहीं निकल पाता है.
बारिश होते ही विस्थापित होने लगते हैं लोग
बारिश होते ही वार्ड सात के लोग विस्थापित होने लगते हैं. कई कई दिनों तक लोगों के घरो में घुटने तक पानी लगा रहता है. पर इसके निदान की कोई पहल नहीं हो रही. कई मुहल्लों से पानी निकासी की व्यवस्था नहीं हो पाती है.
बरसात के दिनों में लोग घरों में दुबकने को िववश हो जाते हैं. यहां तक की घरों में पानी घुस जाने से लोगों को काफी परेशानी होती है.
तीन माह तक घरों में घुसा रहता है पानी
वार्ड सात में आदर्श नगर मुहल्ला जाने वाली मुख्य सड़क
वार्ड के गगन मिश्र बताते हैं कि उन लोगों का जीवन बारिश के मौसम में नारकीय हो जाता है. कमर तक मुख्य सड़क पर पानी रहता है तो घुटने तक घरों में . ऐसी स्थिति में ना तो घर में बैठ पाते हैं और ना ही बच्चे स्कूल जाते हैं.
संजय कुमार बताते हैं कि तीन दशक हो गये आदर्श नगर कॉलोनी के बने हुए. पर इस तीस साल में एक नाला का निर्माण नप प्रशासन ने नहीं किया. हर साल विकास के दावे किये जाते है. पर हमारी समस्या का निदान करने में नप प्रशासन विफल है.
प्रवीण ठाकुर बताते हैं कि जिस नप में तीस साल में एक नाला तक नहीं बन सका उस नप से विकास की उम्मीद ही बेमानी है. चार साल में 11 योजनाएं पारित हुई काम भी हुआ पर आवश्यकता जिस चीज की सबसे अधिक है, उसका अस्थायी निदान तक नहीं हो सका है.
शैलेंद्र कुमार झा बताते हैं कि नप प्रशासन ने इस वार्ड के विकास के लिये कई पहल किये है. पर समस्या के निदान की पहल नहीं हो सकी है. एक ही मुख्य समस्या है. जल जमाव की. पर इसकी निदान नहीं होने से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
विकास के लिए हर स्तर पर पहल की
वार्ड पार्षद रूमी देवी बताती हैं कि उन्होंने चार साल में लोगों के विकास के लिए हर स्तर पर पहल की है. जब जहां जिसने बुलाया वे पहुंची है. आज अधिकांश जगह पर सड़क बन गया है. कई बार उन्होंने जल निकासी की पहल की. पर जिस प्रकार की यह समस्या है, उनके अकेले की बात नहीं, कुछ वार्ड के लोगों को भी सहयोग करना होगा. कुछ बृहत योजना नप को देनी चाहिए तभी जल निकासी की समस्या दूर होगी.