गड़बड़ी. रेलवे ट्रैक पर रेल इंजन हो गया था बेपटरी
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जर्जर रेलखंड पर जान जोखिम में डालकर यात्रा करना मजबूरी
गड़बड़ी. रेलवे ट्रैक पर रेल इंजन हो गया था बेपटरी झंझारपुर : सकरी झंझारपुर लौकहा रेलवे ट्रैक की स्थित काफी जर्जर हो चुका है. बावजूद रेलवे विभाग जर्जर रेल पथ पर कई जोड़ी ट्रेनें दौड़ा रहा है. इसका नतीजा यह हुआ कि शुक्रवार को लौकहा जाने वाली 52516 डाउन पैसेंजर बेपटरी हो गयी थी. हालांकि […]
झंझारपुर : सकरी झंझारपुर लौकहा रेलवे ट्रैक की स्थित काफी जर्जर हो चुका है. बावजूद रेलवे विभाग जर्जर रेल पथ पर कई जोड़ी ट्रेनें दौड़ा रहा है. इसका नतीजा यह हुआ कि शुक्रवार को लौकहा जाने वाली 52516 डाउन पैसेंजर बेपटरी हो गयी थी. हालांकि इस हादसा में कोई हताहत नहीं हुआ था. इस दौरान उक्त रेलवे टैक पर चार घंटे तक आवागमन बाधित रही थी. इससे पहले भी इस तरह की घटना हो चुकी है.
गौरतलब हो ट्रैक सड़क से डेढ़ से दो फीट नीचे है. वहीं कमला पुल की स्थित भी जर्जर हो चुकी है. लोहे के पटरी के नीचे लगे लकड़ी भी काफी जर्जर हो गयी है. डीआरएम द्वारा सकरी झंझारपुर लौकहा निर्मली को दौरा कर अामान परिवर्तन करने की बात कही गयी, लेकिन अामान परिवर्तन की कौन कहे रेल पटरी की भी मरम्मत नहीं की गयी.
इस ट्रैक पर दिन-रात में दो जोड़ी ट्रेन अप-डाउन करती है. लोहना रोड, झंझारपुर, कन्हौली, झंझारपुर पुरानी बजार, महरैल, चन्देश्वर स्थान हाल्ट, वाचस्पति नगर, बड़हाड़ा हाल्ट, खुटौना व लौकहा तक रेल पटरी की स्थित काफी खराब हो चुकी है. बता दें कि 1971-72 में तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा के अथक प्रयास से झंझारपुर लौकहा निर्मली रेल का परिचालन शुरू हो पाया था. इसके बाद विभाग ने रेल पटरी को बदला नहीं जा सका है. जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों से लेकर रेल में सफर करने वाले यात्रियों को झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है.
क्या कहते हैं लोग
जन संघर्ष मोर्चा के संयोजक ओम प्रकाश पोद्दार, जन लोक सेवा मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक ओम प्रकाश, समाजसेवी ब्रजकिशोर राजहंस आदि ने बताया कि केन्द्र सरकार झंझारपुर रेल की पटरी पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रही है. इस रेल पटरी पर लोग जान हथेली लेकर सफर करते हैं. भयंकर हादसा भी इस रेल पटरी पर हो सकता है. अगर जल्द इस दिशा में रेल प्रशासन ध्यान नहीं देगी, तो इस जर्जर हो चुकी पटरी को लेकर धरना प्रदर्शन न भी किया जायेगा.
कहते हैं स्टेशन अधीक्षक
झंझारपुर स्टेशन के अधीक्षक जय शंकर मिश्रा ने बताया कि लौकहा रेल खंड के बीच बीच में बने पुल की स्थिति खराब है. ट्रेन की रफ्तार कही 10 किलोमीटर है, तो कही 15, 20 किलोमीटर की है. लौकहा रेल खंड पर चार जोड़ी ट्रेन चलती है. विभाग को इसकी जानकारी है. तथा समय समय पर जानकारी भी दी जाती है.
45 वर्ष से पटरी में सुधार नहीं
क्या है मामला
सकरी झंझारपुर लौकहा, निर्मली रेल खंड के बने 45 वर्ष हो गये है. इन 45 वर्ष में रेल पटरी काफी जर्जर हो गये. विभाग इसी पटरी से इतने वर्षों तक काम चलाउ तरीके से रिपेयरिंग करवाकर ट्रेने दौड़ाता रहा है. किन्तु रेल विभाग ने आज इस जर्जर पटरी को बदलने की जहमत नहीं उठायी है. सैकड़ों लोग इस जर्जर रेल पटरी पर जान हथेली पर लिये हुए सफर करने को मजबूर हैं. सकरी झंझारपुर लौकहा, निर्मली रेल खंड का निर्माण लगभग 1971-72 में करवायी गयी. इस रेल पटरी की दूरी 45 किलोमीटर की है. निर्माण करवाये गये रेल पटरी पर हजारों की संख्या में लोग सफर करते थे. और मजबूरी में आज भी सफर करते हैं. 45 वर्ष से ज्यादा हो जाने के बाद भी रेल प्रशासन द्वारा इस जर्जर पटरी को बदला नहीं जा सका है. रेल विभाग किसी तरह से काम चलाउ पटरी पर ट्रेने चला रही है. 45 वर्ष पूर्व हुए निर्माण के समय इस पटरी पर ट्रेन आराम से दौड़ती थी. ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को अपने गांव या अन्य जगहों पर जाने में काफी कम समय लगता था. लेकिन आज की स्थिति में उस समय की तुलना में चार गुणा का समय इस रेल पटरी पर सफर करने में लगता है.
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