धूप निकलते ही सूख जाता है चापाकल
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परेशानी. बिना अनुमति समरसेबुल चापाकल लगाने पर नप ने लगायी रोक, बढ़ीं मुश्किलें
धूप निकलते ही सूख जाता है चापाकल तेज धूप व पछिया हवा ने शहर में जल संकट पैदा कर दिया है. शहर में लगे चापाकल दिन में सूखने लगे हैं. रात के समय लोग किसी तरह पानी इकट्ठा कर रहे हैं. ऐसे में शहर में कई लोग समरसेबुल चापाकल लगाने की सोच रहे हैं या […]
तेज धूप व पछिया हवा ने शहर में जल संकट पैदा कर दिया है. शहर में लगे चापाकल दिन में सूखने लगे हैं. रात के समय लोग किसी तरह पानी इकट्ठा कर रहे हैं. ऐसे में शहर में कई लोग समरसेबुल चापाकल लगाने की सोच रहे हैं या फिर कई लोग लगा चुके हैं. इससे आस पास के लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ जायेगी. दूसरे लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए नगर परिषद ने कड़े कदम उठाते हुए आर्थिक दंड की वसूल करेंगी.
10 से 20 फीट नीचे िगरा जलस्तर
समरसेबुल चापाकल गड़वा रहे लोग
बताया जा रहा है कि जल स्तर में कमी के कारण व चापाकल के बंद हो जाने के कारण लोगों को पानी की संकट उत्पन्न हो गयी है. लोग अब समरसेबुल चापाकल लगाने की सोच रहे हैं. कई लोग समरसेबुल चापाकल लगवा चुके हैं.
लोगों की बढ़ेगी परेशानी
शहर में चापाकल के बंद होने के कारण पानी को लेकर परेशानी बढ़ गयी है. हालांकि रात में चापाकल से पानी निकल रहा है. ऐसे में बढ़ते परेशानी को देखकर लोगों ने समरसेबुल चापाकल लगाना शुरू कर दिया है. ऐसे में जिस इलाके में यह चापाकल लगाया जा रहा है वहां के चापाकल से रात में भी पानी नहीं निकलेगा. जानकार बताते हैं कि एक समरसेबुल चापाकल से करीब 15 से 20 चापाकल प्रभावित होंगे.
मधुबनी : बढ़ती तपिश व सूरज से निकलती धूप ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी. शहर का पारा अप्रैल महीना में 40 के पार कर गया है. जिसके कारण दिन में निकलना मुश्किल हो गया हैं. वहीं पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. आलम यह है कि जल स्तर में काफी गिरावट आ गयी है.
शहर में कई चापाकल सूख गये हैं वहीं अमूमन सभी चापाकल दिन में पानी देना बंद कर दिया है. जिसके कारण दिन भर पानी की किल्लत रहती है. अब रातों में ही लोगों को पानी भरना पर रहा है. अब शहर में समरसेबुल चापाकल लोग लगाना शुरू कर दिये हैं. नगर परिषद की माने तो बिना परमिशन के कोई भी व्यक्ति समरसेबुल चापाकल नहीं लगा सकते हैं. ऐसे व्यक्ति से नगर परिषद जुर्माना वसूल करेगी. क्योकि एक समरसेबुल चापाकल लगने से आसपास के 15 से 20 चापाकलों की सूखने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है.
मोटर से नहीं चढ़ता पानी: शहर में कई इलाकों में अब दिन में मोटर से पानी नहीं चढ़ता है. लोग रात को जागकर पानी भरते हैं. सबसे अधिक स्कूल जाने वाले बच्चों, कामकाजी महिलाएं तथा कार्यालय जाने वाले लोगों को हो रही है. सबसे अधिक परेशानी कोतवाली चौक, भौआड़ा, आदर्श नगर, विनोदानंद झा कॉलेज, स्टेशन मुहल्ला, सुरतगंज आदि मुहल्लों में जलस्तर नीचे चला गया है. आये दिन अन्य मुहल्लों से भी पानी बंद होने की जानकारी मिल रही है.
700 चापाकल हैं शहर में: शहर में जलापूर्ति के लिए नप के आकड़ों के मुताबिक करीब 700 चापाकल लगे हैं. जिसमें से करीब 30 प्रतिशत चापाकल पहले से ही खराब हैं. ऐसे में पहले से ही लोग पानी की समस्या से जुझ रहे हैं. अब जबकि जल स्तर में भारी गिरावट आ गयी है. विभाग की माने तो यह जल स्तर में गिरावट के कारण हो रहा है.
कड़कड़ाती धूप के वजह से शहर में जल स्तर में भारी गिरावट होने की सूचना है. लगातार बढ़ रहे पारा एवं तेज पछिया हवा के कारण लोग परेशान हैं. नगर परिषद की माने तो शहर में जलस्तर 10 से 20 फीट नीचे चले जाने का अनुमान हैं.
क्या कहते हैं मुख्य पार्षद: नगर परिषद के मुख्य पार्षद खालिद अनवर ने बताया कि बढ़ती धूप के कारण जलस्तर में गिरावट आयी है. लोग समरसेबुल चापाकल लगा रहे हैं. ऐसी जानकारी मिली है. इससे आमलोगों की परेशानी बढ़ेगी. बिना नगर परिषद के अनुमति के लोग समरसेबुल चापाकल ना लगावें. पकड़े जाने पर 10 हजार रुपये तक का आर्थिक दंड लिया जायेगा.
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