मधुबनी : बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर व्यवहार न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकारी के तत्वावधान में मध्यस्थता कार्यक्रम का आयोजन किया गया .इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधान न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह ने कहा कि मध्यस्थता विवादों कों निपटाने का सरल एवं निष्पक्ष प्रक्रिया है. इसमें पक्षकार अपनी इच्छा से सदभावना पूर्ण वातावरण में मामलों का निपटारा करते हैं.
जो खर्चा रहित होता है. वही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पंचम एडीजे ब्रजेश कुमार पांडेय ने मध्यस्थ अधिकारी की भूमिका और कार्य एवं मध्यस्था प्रक्रिया से मामले को निपटारे से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी. इन्होंने कहा कि मध्यस्था में मध्यस्थ अधिकारी होता है जो पक्षकारों के मामले की जानकारी लेकर पक्षकारों के बीच अनुकूल वातावरण तैयार करता है साथ ही कहा मध्यस्थता से विवाद का अविलंब समाधान होता है.
तथा पक्षकारों के समय में बचत होती है. वही सप्तम एडीजे प्रभात कुमार सिन्हा ने कहा कि मध्यस्थ से न्यायालयों के कठिन प्रक्रिया से राहत मिलती है. साथ दो समाज में सामाजिक सदभाव कायम करने में सहायक होता है. इस दौरान कार्यक्रम को मुंसिफ रविशंकर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी विकास झा प्रशिक्षु मजिस्ट्रेट प्रमोद कुमार मेहता ने कार्यक्रम में आये सदस्यों को मध्यस्थता के बारे में जानकारी दिया इस दौरान कार्यक्रम में अधिवक्ता मिथिलेश कुमार झा द्वितीय , राज किशोर जयसवाल, पारा वोलेंटीयर राम उदगार महतो, दिगंबर मिश्र, योगेंद्र पासवान, लक्ष्मी राय, लक्ष्मण यादव, सहित अन्य उपस्थित थे.