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ननौर चौक भाया चनौरा-सिमरा पथ बदहाल

ननौर चौक भाया चनौरा-सिमरा पथ बदहालसांसद ने कहा शीघ्र होगा निर्माण अंधराठाढी. ननौर चौक से चनौरा गांव होते हुए सिमरा एनएच 57 जाने वाली सड़क बदहाल है. सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल है. इस सड़क की लंबाई मात्र छह किलोमीटर है. तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के समय में सड़क का कालीकरण हुआ था. सड़क […]

ननौर चौक भाया चनौरा-सिमरा पथ बदहालसांसद ने कहा शीघ्र होगा निर्माण अंधराठाढी. ननौर चौक से चनौरा गांव होते हुए सिमरा एनएच 57 जाने वाली सड़क बदहाल है. सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल है. इस सड़क की लंबाई मात्र छह किलोमीटर है. तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के समय में सड़क का कालीकरण हुआ था. सड़क के क्षत विक्षत होने के वर्षों बाद बतौर विधानपार्षद वीरेंद्र चौधरी ने दोबारा सड़क को चलने योग्य बनाया था. यह सड़क उक्त गांवों को जोड़ती है. इसमें ननौर, अलपुरा , ताजपुर , रेवारी, चनौरा , चैरा महरैल, सिमरा आदि गांव हैं. ताजपुर गांव में प्रसिद्ध बाबा पीरजहानी का मजार है. पीर जहानी के मजार पर प्रत्येक वर्ष उर्श मेला पर लाखों श्रद्धालु चादर चढ़ाने आते हैं.चनौरा गांव में प्लस 2 उच्च विद्यालय है. झंझारपुर सांसद वीरेंद्र चौधरी का गांव चोरा महरैल, इसी सड़क पर है. इसके अलावे अलपुरा गांव में उत्क्रमित मध्य विद्यालय है. सड़क की महत्ता इस लिए बढ़ गई है कि यह सिमरा गांव में लोगों को एनएच 57 पर पहुंचाती है. इस सड़क के बनने से अंधराठाढ़ी-झंझारपुर की दूरी घट जाएगी . फिलहाल झंझारपुर जाने के लिए संग्राम भाया जाना पड़ता है. सड़क पर पड़ने वाली गांव के लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. जर्जर सड़क के कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है. इस सड़क को बनाने को लेकर स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन आदि कई प्रयास किया था पर असफल रहा. झंझारपुर सांसद के गांव आने जाने का यह एक मात्र रास्ता है. जो अब भी बदहाल है. सड़क निर्माण नहीं होने से सबसे अधिक कठिनाई यहां के छात्र-छात्राओं को होती है. अनुमंडल पदाधिकारी जगदीश प्रसाद ने बताया कि सड़क का कालीकरण प्रस्तावित है निकट भविष्य में इसका निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. अधर में लटकी स्वीकृति अंधराठाढी. प्रखंड में चार नये प्राथमिक विद्यालयों की स्वीकृति भूमि अनुपलब्धता के कारण अधर में लटकी हुई है . गंगद्वार गांव के यादव टोल, जलसेन उत्तरवारी टोला, कर्णपुर मुस्लिम टोला एवं सिजौल के चक्रसैन टोल में प्रस्तावित विद्यालय है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से जमीन उपलब्धता प्रमाणपत्र 15 नवंबर तक मांगा गया था. इस कारण प्रस्तावित विद्यालयों का मामला संचिका में ही सिमट कर रह गया है. डीएम के आदेश के बाद भी बीइओ मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. डीएम के आदेश का असर नहीं अंधराठाढी. सड़कों पर निर्मित गति अवरोधक हटाने बाबत माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का अब तक अनुपालन नहीं हुआ हैं. इस संबंध में डीएम ने अनुमंडल पदाधिकारियों को तीन दिनों के अंदर आदेश पर अमल कर अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया था. इस निर्देश का करीब छह माह बीत गये. पर अब तक वह तीसरा दिन नहीं आया है. अंचल अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र ने बताया है कि विधानसभा चुनाव के वजह से कुछ जगहों पर गति अवरोधक हटाने का कार्य शेष रह गया है जो जल्द ही हटाया जाएगा. निधन पर शोक मधुबनी. साहित्यकार पं. गुणनाथ झा का निधन बुधवार को देर रात हो गया. मैथिली रंगमंच के पुरोधा व बंगाल में नाटक के बहाने मातृभाषा मैथिली का अलख जगाने के लिए मशहूर स्व. झा अत्यंत ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. उनके निधन से मिथिलांचल ही नहीं बंगाल व पूरे देश में फैले बंगला मैथिली साहित्यकार व रंगमंच के कलाकारों में गहरी शोक व्याप्त हो गयी है. मुखाग्नि भतीजा रोहित कुमार झा ने दी. इस मौके पर रचनाकार कवि रामेश्वर निशांत, अजित आजाद, मलयनाथ मंडन भी उनकी अंतिम विदाई में शामिल हुए. शोक व्यक्त करने वालों में अमर नाथ झा, डाॅ. सती रमण झा. मनोज कर्ण, डॉ. शिवशंकर ,डाॅ.जगदीश मिश्र. डॉ.अजित मिश्र, तारानाथ झा, अमल कुमार झा, अजय नारायण चौधरी आदि शामिल हैं.

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