मधुबनी : तीन माह बाद भी अभी तक बीपीएल परिवारों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. यह योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ चुकी है. जिस योजना को सितंबर माह में ही शुरू हो जाना था,
गरीबों को चयनित अस्पताल में इलाज मुहैया कराया जाना था, हालात यह है कि अब तक ना तो ईलाज के लिये अस्पताल का चयन हो सका है और ना ही बीपीएल परिवारों का कार्ड ही बनाया जा सका है. सालाना 30 हजार तक के मुफ्त इलाज होने की गरीबों के उम्मीद पर फिर से पानी फिरता जा रहा है.
इससे बीपीएल परिवारों में हाहाकार मचा है. पर्व का अवकाश होने व बिहार विधान सभा चुनाव के कारण बीपीएल परिवारों को समय से इसका लाभ नहीं मिल सका है. कई गरीब समय से योजना का लाभ नहीं मिलने के कारण संकट में हैं.
क्या है योजना
जिले में जितने परिवार बीपीएल हैं उसे राष्ट्रीय बीमा योजना के अंतर्गत 30 हजार रुपये तक का मुफत इलाज किया जायेगा. योजना का लाभ लेने के लिये बीपीएल परिवारों का निबंधन जरूरी है. निबंधन के बाद उन्हें हेल्थ कार्ड दिया जायेगा जिसके आधार पर उनका निजी क्लिनिकों व नर्सिंग होम में मुफ्त इलाज होगा. पर विभाग के उदासीन रवैया अपनाये जाने के कारण इस योजना पर शुरू होने से पहले ही ग्रहण लग चुका है.
कितने का हुआ निबंधन
जिले में 84 हजार बीपीएल परिवारों का निबंधन राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत निबंधित किया गया है. 2 सितंबर 2015 से श्रम अधीक्षक कार्यालय में निबंधन शुरू किया गया. श्रम अधीक्षक कार्यालय के अनुसार 84 हजार बीपीएल परिवारों को स्मार्ट कार्ड दिया जा चुका है.
श्रम अधीक्षक कार्यालय की मानें तो इनकी चिकित्सा भी की जा रही है. पर जिस तेजी से कार्ड बन रहा है उससे यह संभावना जतायी जा रही है कि अगले साल 2016 के मार्च माह तक भी शायद ही 70 फीसदी भी बीपीएल परिवारों का कार्ड बनाया जा सके.