साहरघाट : आज गांव के सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. लोगों को गांव में पैदल चलने के लिए सोचना पड़ता है. सड़क की हालत बहुत खराब हो चुकी है और लोगों के दरवाजे तक चार पहिया वाहन तक नहीं पहुंच पा रहा है. कई गांव ऐसे जहां आजादी के दशकों बितने के बावजूद अभी भी लोग उपेक्षित जीने को मजबूर है.
बिहार सरकार तमाम दावे कर रही है कि हमने सड़कों का जाल बिछाया और हर गांव तक बिजली पहुंचाया, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ भी नहीं है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपने पूरे कार्यकाल में हरलाखी को उपेक्षित रखा है. जिससे यहां के जनता में निराशा व्याप्त है.
उक्त बातें हरलाखी के नव निर्वाचित विधायक बसंत कुमार कुशवाहा ने अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद हम लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों की समस्या से अवगत होने का प्रयास कर रहे हैं और क्षेत्र में साफ तौर पर बिहार सरकार के पूर्व विधायक के प्रति नाराजगी देखी जा रही है. क्योंकि जिस आशा और विश्वास के साथ यहां की जनता ने उन्हें विधानसभा में भेजने का काम किया था.
वो आशा सिर्फ आशा की किरण ही बनकर रह गयी है. उन्होंने जनता को विश्वास दिलाते हुए कहा कि जिस आशा से हरलाखी की जनता ने हमें विधायक बनाया है. हम निश्चित रुप से उनके विश्वासों पर खड़ा उतरने का काम करेंगे और हर गांव को पक्की सड़क व बिजली से जोड़ने ही मेरी पहली प्राथमिकता होगी.
मौके पर प्रो. शंंभु सिंह, रामउदगार कुशवाहा, राकेश महतो, राम एकबाल ठाकुर, सोनू कुमार साफी, सोनू सिंह व मोनु कुमार साफी सहित अन्य लोग थे.मानदेय नहीं मिलने से शिक्षकों में आक्रोश बैठक में आंदोलन का निर्णय साहरघाट . प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय साहर परिसर में बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रुकमीनी रमण मिश्र की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गयी.
बैठक में दीपावली व छठ जैसे महत्वपूर्ण पर्व पर शिक्षकों का वेतन लंबित रखे जाने पर व्यापक रूप से चर्चा की गयी. बैठक कोेे संबोधित करते हुए अध्यक्ष श्री मिश्र ने कहा कि जिला में शिक्षकों के वेतन दिये जाने को लेकर विभागिय आदेश का मजाक उड़ाया गया है. दीपावली व छठ जैसे पर्व पर शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने से उनके घरों में दीप तक नहीं जल सका है
तथा अभी तक वेतन मिलने का असार नहीं दिख रहा है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा 450 शिक्षकों का वेतन निर्धारण सेवा पुस्तिका सहित भेजा गया. जिसमें से मात्र 54 शिक्षकों का ही हस्ताक्षरित वेतन निर्धारण भेजकर स्थापना ने शिक्षकों का मानसिक उत्पीड़न बढ़ाने का काम किया है. उन्होंने यह भी कहा कि पर्व में यदि हमलोगों के वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है
तो अन्यथा हमलोग बाध्य होकर स्थापना का घेराव करेंगे. मौके पर सचिव मो. मोजिबुर रहमान, शिक्षक महेश चंदर पासवान, जिला उपाध्यक्ष हीरा यादव, नथुनी पासवान, कासीम नुरी, हेरन राम, शफीक परवेज, संतोष महतो, दशरथ पासवान व कर्मवीर कुमार सहित अन्य शिक्षक मौजूद थे.
महावीरी झंडोत्सव को ले ग्रामीणों ने की बैठकसाहरघाट . प्रखंड क्षेत्र के करहुआं गांव में आयोजित होने वाले पांच दिवसीय महावीरी झंडोत्सव के सफल आयोजन के लिये आयोजक समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार की अध्यक्षता में ग्रामीणों की एक बैठक आयोजित की गयी. बैठक में झंडोत्सव के सफल आयोजन पर चर्चा किया गया. अध्यक्ष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि झंडोत्सव 24 नवबंर से लेकर 29 नवबंर तक आयोजित किये जायेंगे. पूरे झंडोत्सव के दौरान नाच, तमाशा, संकीर्तन, भजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम व पहलवानों के बीच कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा.
उन्होंने यह भी बताया कि यह झंडोत्सव पिछले 35 वर्षो से आयोजन होता आया है. जिसमें यहां के ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिलता आया है. मौके पर रामकिशोर सहनी, ललन कमती, रामनारायण सहनी, इंदल सहनी, किशोरी सहनी, बिल्टू सहनी व रामजी सहनी सहित अन्य लोग थे.धौंस नदी की दूषित पानी में अर्घ देंगी व्रतीप्रशासनिक उदासीनता से लोगों में आक्रोश बिस्फी: लोक आस्था का महापर्व छठ होने को एक दिन बच गया है.
लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण विभिन्न तालाब व नदियाें के घाटो एवं 50 से ज्यादा सरकारी तालाबो को न तो साफ सफाइ करायी गयी है. नदी एवं तालाबो के दूषित पानी मे लगे कचड़े का जमावारा मे छटव्रती जाने से कतराती है. न तो घाटो के पास और न तो तालाबो के पानी में चूना और ब्लीचिगं देने का कोई व्यवस्था की गयी है.
अधिकांश तालाबो में कचड़े, जलकुंभी, एवं मेडिकल वेस्ट के अलावे घरो के कूङे से पटे हैं, इस अनदेखी के कारण छठव्रती एवं लोगो में काफी आक्रोश है. कई तालाबो पर घाट नहीं है. वहां जनसहयोग से मिट्टी भरवाकर घाट का निर्माण किया जा रहा है.
क्षेत्र के पावित्र घौंस नदी के आसपास जगवन, हिरोपट्टी, कमलाबारी , बलहा घाट , रघौली , लालपुर, एवं सिघिंया समेत लगभग 50 गॉंवो के लोग पावित्र घाैस नदी के किनारे छठ व्रतियॉं भगवान भास्कर को अर्घ देती है. धौंस नदी के प्रदूषित पानी एवं कचरे के कारण छठ व्रतियों को काफी दिक्कत होगी. धौंस नदी के पानी का लगातार बढोतरी को देखते हुये न तो बैरकैडिंग बनायी गयी है
और न ही गोताखोरों की तैनाती ही हो सकी है. वहीं पुआरी , सलेमपूर, भौज पडौंल , चहुटा, हिरोपट्टी एवं नूरचक समेत अधिकांश सरकारी तालाब मे छठ व्रतियों को सुविधा का कोई इंतजाम अभी तक नहीं किया जा सका है. प्रमुख ताहिरा प्रवीण एवं उप प्रमुख भोला यादव ने तालाब एवं नदियों के किनारे बैरकैडिंग एवं महापर्व छठ को लेकर विशेष सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है. इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार राय ने इस मामले में कोई सार्थक जवाब नहीं दिया है.