बेनीपट्टी : प्रखंड मुख्यालय से बौड़हर जानेवाली मुख्य सड़क जर्जर है. इस सड़क पर वाहन तो दूर पैदल भी चलना मुश्किल है. सबसे अधिक परेशानी गंभीर प्रसव पीडि़ताओं और बीमारों को करना पड़ता है. इनकी जान बचाने के लिये शीघ्र ही अस्पताल पहुंचाना जरुरी होता है. आपात स्थिति में अग्निशमन या पुलिस वाहन का समय पर पहुंच पाना चुनौती से कम नहीं होता है.
इन सड़कों से गुजरने के दौरान आये-दिन हादसों की गति में तेजी से इजाफा होने लगी है. यात्रियों से खचाखच भरी और लगातार हिचकोलें लेती यात्री वाहन कब दुर्घटनाग्रस्त हो जाय कहना मुश्किल है. ग्रामीण विमल पासवान, अरुण मिश्रा,
मिनी मिश्रा, संतोष कुमार, कृष्णा पंडित, प्रीतम यादव व सुधीर यादव सहित कई लोगों ने बताया कि प्रखंड कार्यालय ही नहीं बेनीपट्टी और हरलाखी दो प्रखंडों को परस्पर जोड़नेवाली इस अति महत्वपूर्ण सड़क की हालत देख यहां विकास की सारी बातें बेमानी प्रतीत होने लगती है. कई दशक गुजरने के बावजूद आज भी गड्ढों में तब्दील और अपना वजूद खोती यह बदहाल सड़क विकास से अछूती है.
मतदाताओं के सवाल पूछे जाने पर हरलाखी विधान सभा के अधिकांश प्रत्याशियों के लिये खासे परेशानी का सबब बन सकती है. लोगों ने यह भी कहा कि खासकर चुनाव के मौसम में ईमानदार और कर्मठ नेताओं की बाढ़ सी आ जाती है . स्थानीय लोगों के द्वारा बार-बार इस समस्या को लेकर आवाजें उठायी गयी पर, न तो किसी जनप्रतिनिधियों, न ही प्रशासनिक अधिकारियों ने इस दिशा में कोई ठोस पहल करना जरुरी समझा. लोग कहते हैं कि उक्त सड़क दो विधानसभा क्षेत्रों से जुड़ी होने के वजह से इसके जीर्णोद्धार को ले किसी जनप्रतिनिधियों में रुचि नही देखी गयी. ग्रामीणों ने इसे चुनावी मुद्दा बनाने का मन बनाया है.