झंझारपुर (मधुबनी) : भैरवस्थान थाना क्षेत्र के मेंहथ गांव में दुर्गा पूजा मेला के दौरान हुए आपसी विवाद को लेकर गुरुवार की रात एक युवक की हंसुआ से पेट चीर कर हत्या कर दी गयी.
मृतक की पहचान मेंहथ गांव निवासी विजय चौधरी का 20 वर्षीय पुत्र दीपक चौधरी के रूप में की गयी है. वहीं, हत्या करने वाला गांव के ही राजेंद्र झा का पुत्र बमबम झा बताया गया है.
दीपक की गांव में दुर्गा पूजा में प्रसाद वितरण के दौरान कहा सुनी हो गयी थी. इसके बाद रात करीब 10 बजे बमबम ने दीपक को चाउमिन खाने की बात बता अपने साथ दुकान पर ले गया.
वहां फिर दोनों में कहा सुनी होने लगी. इसी दौरान बमबम ने घास काटने वाले हंसुआ से दीपक के पेट को चीर दिया. इससे घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. घटना की जानकारी पर डीएसपी फगोर्रूद्दीन एवं थाना के पदाधिकारी श्याम नारायण दास सदलबल के साथ पहुंच कर लाश को अपने कब्जे में कर मधुबनी सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घटना के बाद से ही आरोपित फरार है.
मृतक तीन भाई बहनों में सबसे छोटा भाइ था. दिल्ली में बीटेक की पढ़ाई कर रहा था. मृतक दुर्गा पूजा में शामिल होने के लिए चार वर्ष बाद गांव पूरे परिवार के साथ आया था. थानाध्यक्ष श्याम सुंदर दास ने बताया कि हत्यारा को गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापेमारी की जा रही है. हत्यारा पुलिस के गिरफ्त से ज्यादा देर नहीं बच सकता है.
घट रहा दलहन व तेलहन का उत्पादन चिंतनीय: वैज्ञानिक
शिवहर. स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर कृषक प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन कार्यक्रम समन्वयक इंजीनियर रेयाज अहमद ने किया. कहा कि विश्व में बढ़ती जनसंख्या, कुपोषण व भूखमरी की स्थिति वैज्ञानिक चिंता का विषय बना हुआ है.
ऐसे में कृषि उत्पादन में वृद्धि जरूरी है. किंतु हमारे देश में तलहन व तेलहन का उत्पादन घटा है. जो चिंता का विषय है.इसकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक तकनीक से खेती आवश्यक है. वैज्ञानिक खेती अपनाकर ही किसान कम लागत में अधिक पैदावार ले सकते हैं.मौके पर शस्य वैज्ञानिक डा साजिद हुसैन ने दलहन व तेलहन के उन्नत प्रभेदों के बारे में जानकारी दी.वही उत्पादन बढ़ाने के बारे में जानकारी दिया.
उन्नत बीज के साथ समय से सिंचाई व खर पतवार नियंत्रण पर उन्होने बल दिया. ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके. पौधा संरक्षण वैज्ञानिक डा टीपी महतो ने पौधा संरक्षण पर बल देते हुए किसानों को जैविक व रसायनिक विधि से कीट व रोग से बचाव के तरिके सुझाये.