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सड़कों तक सजी दुकानें, खो गया फुटपाथ
अतिक्रमणकारियों ने शहर में पैदल यात्रियों के लिए भी नहीं छोड़ी सड़कें कहते हैं कि मर्ज बढ़ती गयी, ज्यों ज्यों दवा की. यह हाल इन दिनों जिला मुख्यालय में हो रहा है. लोग सुविधा बढ़ने की कल्पना करते हैं. नप प्रशासन व जिला प्रशासन भी सरकारी योजनाओं को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने की दावा […]
अतिक्रमणकारियों ने शहर में पैदल यात्रियों के लिए भी नहीं छोड़ी सड़कें
कहते हैं कि मर्ज बढ़ती गयी, ज्यों ज्यों दवा की. यह हाल इन दिनों जिला मुख्यालय में हो रहा है. लोग सुविधा बढ़ने की कल्पना करते हैं. नप प्रशासन व जिला प्रशासन भी सरकारी योजनाओं को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने की दावा भले ही करती हो. पर हकीकत में सुविधा बढ़ने के बजाय कम होती जा रही है.
स्थिति यह है कि अब फुटपाथ का मतलब ही शहर से समाप्त होने को है. लोगों को पैदल चलने में भी परेशानी हो रही है. दरअसल शहर के दुकानदारों ने सड़क पर ही अपनी दुकानें सजा ली है. इससे लोगों का पैदल चलना भी कठिन है.
मधुबनी : शहर में यात्रियों का पैदल चलना असंभव होता जा रहा है. शहर से धीरे-धीरे फुटपाथ गायब होते जा रहे हैं. सड़क के किनारे पैदल चलना भी अब कठिन हो गया है. कभी शहर के 15 से 20 फूट चौड़ी सड़कें आज संकरी होती जा रही हैं. दुकानदारों ने अपने दुकान का दायरा बढ़ा कर फुटपाथ पर भी कब्जा जमा लिया है. कहीं-कहीं तो सड़क पर ही कांउटर दिखते हैं.
आलम यह है कि लोगों को पैदल थोड़ी दूर भी सड़क पर चलने के लिए वाहनों के बीच से गुजरना पड़ता है. इस वजह से हमेशा हादसे का खतरा बना रहता है. तकरीबन शहर के सभी मुख्य मार्गो का यही हाल है. दरअसल, सड़क किनारे अधिकांश दुकानदार अपना धंधा चमकाने के लिए सड़क किनारे फुटपाथ को भी अतिक्रमित करने से बाज नहीं आ रहे. सड़क किनारे बने फुटपाथ को तो निशाना बनाया जा रहा ही है, कई जगहों पर तो सड़क पर ही बाजार सजने लगे हैं. और तो और नालों पर भी दुकान लगाया जा रहा है.
दुकानदार बेखौफ होकर सड़क पर ही अपनी दुकान से दो कदम आगे बढ़कर बेंच लगाकर दुकान सजा रहे हैं. कहीं-कहीं कोचिंग व ट्यूशन में पढ़ने आने वाले छात्रों के दर्जनों साइकिल व बाइक से सड़क पार्किग में तब्दील दिख जायेगी. जगह-जगह अतिक्रमण से शहर की यातायात व्यवस्था चौपट हो गयी है.
सड़क तक लगा दी दुकानें
शहर के स्टेशन रोड, महिला कॉलेज रोड, बाटा चौक , कोतवाली चौक, लोहा पट्टी, बस स्टैंड, सहित विभिन्न मार्गो पर आपको दुकानों का दायरा बढ़ा मिल जायेगा. तकरीबन हर बाजार में सड़कों तक सजे दुकानों में फुटपाथ खो गया है. कई स्थानों पर तो दुकान से पांच से 10 फीट आगे तक दुकानों को प्रचार करता बोर्ड मिल जायेगा. शहर में फिलहाल अब लोग फुटपाथ पर नहीं चल बड़े-छोटों वाहनों के साथ चलते हैं. ऐसे में दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है. प्रशासन इन सब बातों से अनजान बना है.
क्या कहते हैं पदाधिकरी
कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा ने बताया है कि कई बार स्थानीय प्रशासन को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए सहयोग करने की अपील की गयी है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की जा सकी है.
वहीं, एसडीओ मो शाहिद परवेज ने बताया है कि सड़क पर दुकान लगाने वालों के खिलाफ जल्द ही अभियान चलाया जायेगा.
पार्किग की नहीं है व्यवस्था
फुटपाथ का अतिक्रमण हो जाने व पार्किग की व्यवस्था नहीं होने के कारण बाजारों में चार पहिया वाहन तो दूर, दो पहिया वाहन को भी पॉर्क करना मुश्किल है. मजबूरन लोगों को सड़क पर ही अपने वाहनों को पॉर्क करना पड़ता है. लगभग हर बाजार में लोग अपने वाहन सड़क पर ही आड़े तिरछी लगा दते हैं. वहीं, टैक्सी स्टैंड नहीं होने से शहर के स्टेशन चौक, थाना चौक, कोतवाली चौक, मिथिला टाकीज के समीप अवैध रूप से बस, मैक्सी व टैंपो सड़क पर ही लगी रहती है.
इस वजह से रोज शहरवासी को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. चंद मिनटों का सफर घंटों में बदल जाता है, लेकिन सब कुछ जानते हुए भी नप प्रशासन एवं जिला प्रशासन मौन धारण किये हुए है.
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