बाबूबरही : रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह भारत सरकार मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि नीतीश कुमार की बिहार में राजनीति खिसक गयी है. वह बिहार के जनता को झांसा देकर पुन: सत्ता में आने का प्रयास करेंगे, लेकिन अब जनता उनके हर चाल को समझ गयी है.
इसी का परिणाम है कि विधान परिषद चुनाव में उनके महागंठबंधन को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है. उन्होंने बिहार की जनता से अपील की है उन्हें रोकने के लिए सभी जाति धर्म के लोग ऊपर उठकर विफल करें. ये बातें मंगलवार को मध्य विद्यालय सोनमती के प्रांगण में विधानसभा क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहीं.
श्री कुशवाहा ने कहा कि एनडीए गंठबंधन सरकार को कार्यकाल एक साल पूरा होने के साथ पिछड़े राज्यों को विशेष ध्यान दिया है. वहीं संविधान की व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार राज्यों को पैसा व योजनाएं देती है. जिसे अन्य राज्य समय से पूर्व पैसा को खर्च करते हैं, लेकिन बिहार सरकार द्वारा पचास प्रतिशत राशि खर्चा कर पाती है और पचास प्रतिशत राशि केंद्र को वापस करती है.
वह भी पचास प्रतिशत राशि गरीबों की विकास में नहीं खर्चा करके अमीरो की जेब में चली जाती है. यदि बिहार सरकार कार्य के प्रति रुचि लेती तो बिहार की यह दुर्दशा नहीं रहती. उन्होंने दोनों भाई लालू व नीतीश मिलकर फिर एक बार मौका देने की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि लालू व नीतीश 25 साल के शासन कुछ भी नहीं कर पाये. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार राजधानी सहित राज्य के सभी सड़कों व बाजारों में बड़े होडिंग लगाकर जनता को ठगने का काम रहे है.
वहीं यहां के किसानों के खेत में पानी नहीं, छात्रों की पढ़ाई को विद्यालय में व्यवस्था नहीं, अस्पताल में दवा नहीं और मजदूरों का पलायन जारी है. वहीं खेती के लिए किसान आसमान पर टकटकी लगी रहती है.
10 साल में बीपीएल, एपीएल सुधार नहीं कर पाये. राज्य में हत्या, बलात्कार, राहजनी की घटनाओं को बढ़ावा दिया. उन्होंने कहा कि भूकंप में जिस तरह लोग हिलते हैं उसी तरह नीतीश कुमार अपने शासन काल में लोगों को हिलाने का काम किया है. उन्होंने चौक चौराहे पर शराब की दुकान खोलकर सभी को शराबी बनाने का काम किया है.
प्रदेश महासचिव उर्मिला पटेल, दलित प्रकोष्ठ अध्यक्ष हरेराम पासवान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर झा आजाद, राष्ट्रीय कारिणी सदस्य शशि झा, प्रदेश महासचिव अंगद कुशवाहा, रामचंद्र ठाकुर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता मो. जुल्फीकार अली बरारी, प्रदेश महासचिव सह कार्यक्रम प्रभारी कृष्ण कुमार सिंह, डा. कीर्तन सिंह, शशि झा, गोवींद जी ठाकुर, राधे प्रसाद, महेंद्र प्रसाद सिंह, सोखीलाल महतो, रामउदगार सिंह, नथुनी सिंह, विजय सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे.