मधुबनीः मुख्यमंत्री परिभ्रमण योजना के अंतर्गत राशि लेने वाले स्कूलों के द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं जमा कराने पर संबंधित हेडमास्टरों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू होगी. उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ साथ भ्रमण पर गये छात्र छात्रओं की सूची, अभिश्रव और परिभ्रमण संबंधी दो फोटो भी उपलब्ध कराना होगा.
तीन दिनों के अंदर उपयोगिता, फोटो, अभिश्रव, और परिभ्रमण संबंधी दो फोटो भी उपलब्ध कराना होगा. तीन दिनों के अंदर उपयोगिता, फोटो, अभिश्रव, छात्र छात्रओं की सूची, योजना एवं लेखा विभाग में उपलब्ध कराने का आदेश सभी मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापकों को दिया गया है. वर्ष 2012-13 में समर्पित सूची के आधार पर मिडिल स्कूल अपग्रेडेड मिडिल स्कूल और नये अपग्रेडेड मिडिल स्कूल को राशि दी गई थी.
अब तक कुछ ही स्कूलों से उपरोक्त कागजात योजना एवं लेखा संभाग में समर्पित किया गया है. वहीं वर्ष 2004-05 से 2012-13 तक का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त करने क लिये शिविर भी लगाया जा रहा है. 20 सितंबर 2013 को कलुआही, खजाैली, जयनगर, में शिविर लगेगा. 21 सितंबर को खुटौना, लदनियां, और लौकही में शिविर लगेगा. 23 सितंबर को राजनगर, बाबूबरही और अंधराठाढ़ी में, 24 सितंबर को मधवापुर, बासोपट्टी और हरलाखी में, 25 सितंबर को बिस्फी, बेनीपट्टी, और रहिका में, 26 सितंबर को झंझारपुर, लखनौर और मधेपुर में व 27 सितंबर को फुलपरास, घोघरडीहा और पंडौल में शिविर लगेगा. शिविर में हर हाल में डीपीओ उपस्थित रहेंगे. संलगA कर्मी को भी उपस्थित रहना होगा.
खर्च होंगे लाखों रुपये
जिले में 15 साल से अधिक उम्र के लोगों को साक्षर बनाने का कार्यक्रम शुरू हो गया है. दो तरह के केंद्र बनाये गये हैं. एक है साक्षर भारत का केंद्र जहां 15 साल से अधिक उम्र के निरक्षरों को साक्षर बनाया जायेगा. ऐसे 80 केंद्र है. जो प्रेरक के माध्यम से चल रहे है. वहीं दूसरा केंद्र है महादलित अक्षर आंचल केंद्र जहां सिर्फ निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाया जायेगा. ये केंद्र टोला सेवक के माध्यम से चलेंगे. एक टोला सेवक को तीन हजार पांच सौ रुपये मासिक मानदेय मिलेंगे. आठ सितंबर 2013 से 12 केंद्र कक्षा 9 व 10 के छात्रों द्वारा चलाया जायेगा. उन्हें मानदेय तो नहीं मिलेगा पर मैट्रिक की परीक्षा में दस अंक इसके बदले में मिलेंगे. ये 15 साल से अधिक उम्र के निरक्षर लोगों को पढ़ायेंगे. सभी केंद्रों का मॉनीटरिंग व अन्य काम केआरपी करेंगे. प्रति केआरपी सात हजार पांच सौ रुपये मिलेंगे. यह मासिक मानदेय होगा. जिले में आठ महिला केआरपी भी है. निरक्षर लोगों को अ, आ, इ,ई सहित अन्य विषयों की जानकारी देकर उनका महा परीक्षा आयोजित की जायेगी. इसमें उन्हें कक्षा पांच तक का प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा. जिले में साक्षरता दर बढ़ाने के लिये यह कार्यक्रम चलाया जारहा है.