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हड़ताल से सरकारी स्कूलों में नामांकन अभियान प्रभावित
मधुबनी : वेतनमान की मांग को लेकर नियोजित शिक्षकों का आंदोलन मंगलवार को छठे दिन भी जारी रहा. हालांकि आंबेडकर जयंती को लेकर विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य बंद था, लेकिन नामांकन का काम जारी था. शिक्षकों के आंदोलन के कारण विशेष नामांकन अभियान को ग्रहण लग गया है. नये शैक्षणिक सत्र में एक से […]
मधुबनी : वेतनमान की मांग को लेकर नियोजित शिक्षकों का आंदोलन मंगलवार को छठे दिन भी जारी रहा. हालांकि आंबेडकर जयंती को लेकर विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य बंद था, लेकिन नामांकन का काम जारी था. शिक्षकों के आंदोलन के कारण विशेष नामांकन अभियान को ग्रहण लग गया है.
नये शैक्षणिक सत्र में एक से 30 अप्रैल तक जिले में विशेष नामांकन अभियान चलाया जा रहा है. इसके अंतर्गत समारोह आयोजित कर शत प्रतिशत बच्चों का नामांकन कराना है. नियोजित शिक्षक-शिक्षिकाओं की हड़ताल के कारण जिले में प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गयी है. मध्याह्न् भोजन ठप है व शैक्षणिक व्यवस्था चरमरा गयी है.
नहीं हो सका समारोह
नामांकन दिवस को लेकर 13 अप्रैल को विशेष नामांकन दिवस मनाया जाना था, लेकिन हड़ताल के कारण यह संभव नहीं हो पाया. नामांकन अभियान विशेष दिवस पर समारोह आयोजित कर नामांकित बच्चों का स्वागत किया जाना था. इसमें शिक्षकों व विद्यालय शिक्षा समिति की अहम भूमिका होनी थी.
विभाग ने शुरू की कवायद
विशेष नामांकन अभियान का जो भी हश्र हो इतना तो तय है कि इसको लेकर शिक्षा विभाग ने कवायद तेज कर दी है. डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा व सर्वशिक्षा अभियान, डीपीओ माध्यमिक शिक्षा, डीपीओ स्थापना, डीपीओ मध्याह्न् भोजन सहित अन्य को 21 अप्रैल तक विशेष नामांकन अभियान का मॉनीटरिंग करना है. मॉनीटरिंग के दौरान डीपीओ ने पाया है कि हड़ताल का व्यापक असर है.
निजी स्कूलों का किया रुख
सरकारी स्कूलों में नियोजित शिक्षकों की तालाबंदी हड़ताल के कारण कई अभिभावकों ने अपने-अपने बच्चों का नामांकन निजी विद्यालयों में कराना शुरू कर दिया है. यह भी आशंका है कि कुछ अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन सरकारी व प्राइवेट दोनों स्कूलों में कराने का मन बना रहे हैं.
घट सकता है नामांकन
नियोजित शिक्षकों की हड़ताल के कारण सरकारी स्कूलों में नामांकन का प्रतिशत पिछले शैक्षणिक सत्र की तुलना में घट सकता है. अगर नियोजित शिक्षक-शिक्षिकाओं की हड़ताल शीघ्र समाप्त नहीं हुई तो सरकारी स्कूलों में नामांकन को गहरा झटका लग सकता है. इससे मध्याह्न् भोजन का लाभ लेने वाले छात्र छात्राओं की संख्या में भी कमी आयेगी. साथ ही सरकार की पोशाक, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं का लाभ लेने वालों की संख्या में भी कमी आयेगी.
देना होगा नामांकन प्रतिवेदन
सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को जिले के 2967 प्राइमरी व मिडिल स्कूल में नामांकित छात्र-छात्राओं का प्रतिवेदन देना होगा. इस प्रतिवेदन का सत्यापन होगा. वैसे छात्र या छात्र जिनका सरकारी पहचान होगी. पूर्व के डीइओ श्रीराम सिंह के आदेश पर हुई जांच में 72 हजार छात्र-छात्र वैसे सरकारी स्कूल में पाये गये थे जिनका नाम निजी स्कूल में था. उन सभी बच्चों का नाम सरकारी विद्यालयों से हटा दिया गया था.
क्या कहते हैं अधिकारी
डीपीओ सर्वशिक्षा अभियान हरि नारायण झा ने बताया कि नामांकन प्रक्रिया जारी रहेगा. नामांकन में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि सर्वशिक्षा अभियान के एपीओ, एडीपीसी, सहायक साधन सेवी को नामांकन अभियान का मॉनीटरिंग करने का आदेश दिया गया है, ताकि शत प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित हो सके.
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