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दालान व खलिहान में चल रहा विद्यालय
हरलाखी : सरकार भले ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का दावा कर रहा हो. इस मद में विभाग हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर रहा हो, लेकिन आज भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए चलाया जा रहा अभियान व योजना महज दिखावा लग रहा है. प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन विद्यालय भूमि […]
हरलाखी : सरकार भले ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का दावा कर रहा हो. इस मद में विभाग हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर रहा हो, लेकिन आज भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए चलाया जा रहा अभियान व योजना महज दिखावा लग रहा है. प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन विद्यालय भूमि व भवन के अभाव में सामुदायिक भवन, खेत-खलिहान, दालान या खुले आसमान के नीचे चल रहे हैं.
सात साल पहले गांव-गांव तक शिक्षा का दीप जलाने के लिए प्रखंड में 25 नवसृजित प्राथमिक विद्यालय खोले गये. इन स्कूलों में दो-दो शिक्षकों का पदस्थापन किया गया, लेकिन भूमि की व्यवस्था नहीं की जा सकी. जबकि भवन निर्माण के लिए राशि सरकारी खाते में पड़ी रही, शिक्षा विभाग नें लोगों से स्कूल के लिए भूमि दान करने की अपील भी की. विभाग नें कहा था कि जो लोग भूमि दान करेंगें, उनके नाम पर स्कूल का नामकरण होगा, लेकिन इस अपील का असर मात्र आधा दर्जन विद्यालय पर ही हुआ.
निजी दालान में विद्यालय
प्रखंड मुख्यालय के सटे कमलावरपट्टी उत्तरी टोल, कोरयानी टोल विशौल, हटवरिया महादलित टोले में पहले निजी दालान में तथा अब महादलित दालान में स्कूल चल रहा है. निषाद टोल सोनई, उत्तरी टोल गंगौर, बनबारी टोल खिरहर स्कूल दालान पर ही चलता था. अब इसे यहां से हटा दिया गया. कुछ समय तक स्कूल चलंत बन गया. कभी किसी के दालान पर तो कभी किसी के खलीहान में. बाद में पोखरे की जमीन पर स्कूल चल रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
एसडीओ राजेश कुमार मीणा ने बताया कि इसकी व्यापक रूप से जांच की जायेगी. दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. वहीं, बीइओ नवीन कुमार ठाकुर ने कहा कि सभी नवसृजित विद्यालय का समायोजन हो चुका है.
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