27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राशि बांटने में हांफ रहा विभाग, भड़क रहे बच्चे

निजी विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को राशि देने व हाजिरी में गड़बड़ी का अभिभावक लगा रहे आरोप मधुबनी : सरकार ने गांव-कसबों सहित जिला मुख्यालय के विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने एवं छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न मद के तहत छात्रों को राशि देने की योजना चलायी, लेकिन यह योजना जिले […]

निजी विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को राशि देने व हाजिरी में गड़बड़ी का अभिभावक लगा रहे आरोप
मधुबनी : सरकार ने गांव-कसबों सहित जिला मुख्यालय के विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने एवं छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न मद के तहत छात्रों को राशि देने की योजना चलायी, लेकिन यह योजना जिले भर में हंगामे का कारण बन गयी.
विगत 22 दिसंबर को सरकार ने जिला शिक्षा विभाग को करीब एक अरब रुपये आवंटित कराते हुए उसका वितरण समय से करने का निर्देश दिया, लेकिन राशि के पीछे पीछे हंगामा भी विद्यालयों तक पहुंच गया.
इस हंगामे की कई वजह सामने आ रही है. कहीं, विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही तो कहीं बैंक की उदासीनता. इस योजना के तहत मुख्य सचिव के निर्देशों का भी जमकर उल्लंघन किया गया. मुख्य सचिव ने राशि का वितरण समय से करने एवं विभाग द्वारा मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया था, लेकिन कहीं भी राशि वितरण से पूर्व मॉनीटरिंग नहीं की गयी.
समय समाप्त, पर वितरण पूरा नहीं
आखिरी वही हुआ जिसका डर था. बार-बार तिथि बढ़ाने के बाद भी जिले छात्र छात्राओं को समय से राशि नहीं मिल सकी. पहले 22 दिसंबर से ही राशि वितरण की तिथि थी. इसे राशि वितरण समारोह का नाम दिया गया था. इस अवसर पर सांसद, विधायकों, वार्ड सदस्यों व पंचायत समिति सदस्यों को भी आमंत्रित करना था. पांच जनवरी 2015 तक राशि वितरण करना था.
उप निदेशक शिक्षा विभाग ने तो प्रेस वार्ता के दौरान यह भी कहा था कि राशि वितरण के बाद जो अवशेष राशि रहेगी वह पांच जनवरी तक विभाग को वापस भेज दी जायेगी, लेकिन कहावत है कि वही होता है जो मंजूर खुदा होता है. समय से राशि वितरण नहीं होने के कारण शिक्षा विभाग ने 13 जनवरी तक राशि वितरण करने का आदेश दिया. फिर भी राशि वितरण नहीं हो पायी.
होने लगा हंगामा
समय से राशि वितरण नहीं होने के कारण लगभग प्रतिदिन स्कूलों में हंगामा होने लगा. कहीं तोड़फोड़ तो कहीं सड़क जाम. हेडमास्टर पर आरोपों की झड़ी लग गयी. अभिभावक भी आक्रोशित हो गये. कुछ अभिभावकों का आरोप था कि 75 फीसदी हाजिरी बनाने में मनमानी की गई है.
तो कुछ का आरोप था कि वैसे छात्रों को भी राशि दी गयी जिसका नामांकन प्राइवेट स्कूलों में भी है. हेडमास्टर पर मनमानी का जमकर आरोप लगा. वे अपने बचाव में तर्क देते रहे जो हंगामे की भेंट चढ़ गया. जिले में कई बीइओ तीन, चार या पांच साल से एक भी प्रखंड में कार्यरत है. उन्हें राशि वितरण कराने का पूरा अनुभव है. बावजूद इसके समय से स्कूलों में राशि वितरण नहीं होने से अफरातफरी का माहौल विद्यालयों में कायम हो गया.
बैंक पर लगा सवालिया निशान
शिक्षा विभाग का मानना है कि राशि की समय से कोषागार से निकासी नहीं होना भी हंगामे का कारण बना. बीइओ से प्राप्त सूचना पर गौर करें तो कई बात सामने आयेगी. बैंक द्वारा विद्यालयों को एकमुश्त राशि नहीं देने और आरटीजीएस में विलंब को शत प्रतिशत राशि का वितरण नहीं होने का कारण बताया जाता है.
उपस्थिति का मामला
जिले में नामांकित छात्र-छात्राओं का मुद्दा भी अहम है. ऊपर से 75 प्रतिशत उपस्थिति का मामला. इसी बात को लेकर हंगामा शुरू हुआ. विभाग का कहना था कि राशि वितरण समारोह से पूर्व ही सभी विद्यालयों में 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले छात्र छात्राओं की सूची जारी कर दी जाये, लेकिन सूची सार्वजनिक पूर्व में नहीं किये जाने से कई विद्यालय संदेह के घेरे में आ गये.
क्या कहते हैं अधिकारी
डीइओ श्यामानंद चौधरी ने बताया है कि 13 जनवरी तक ही राशि का वितरण होना था, लेकिन अब भी बैंक वितरण हो रहा है. बैंक ने एक बार में राशि का भुगतान नहीं किया था. इस कारण राशि का वितरण अब तक हो रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें