रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन क्वार्टर से गुरुवार सुबह अज्ञात युवक का शव मिला है. शव छत में लगे रॉड से झूल रहा था. रस्सी से लटकते शव के नीचे कुछ ईंट लगा दिये गये थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार, कहीं अन्यत्र हत्या कर शव को यहां सुनसान होने की वजह से लटका दिया गया है.
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निर्माणाधीन रेलवे क्वार्टर से युवक का शव बरामद
रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन क्वार्टर से गुरुवार सुबह अज्ञात युवक का शव मिला है. शव छत में लगे रॉड से झूल रहा था. रस्सी से लटकते शव के नीचे कुछ ईंट लगा दिये गये थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार, कहीं अन्यत्र हत्या कर शव को यहां सुनसान होने की वजह से लटका दिया गया है. […]
लटकते शव के नीचे ईंट रख कर घटना को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश अपराधियों के द्वारा की गयी है. क्योंकि ईंट की ऊंचाई इतनी नहीं थी कि छत तक पहुंच रस्सी को युवक द्वारा बांधा जा सके. प्रथम दृष्टया हत्या कर शव लटकाने की आशंका राजकीय रेल पुलिस बल के व्यक्त की है. इधर, शव मिलते ही क्षेत्र में सनसनी फैल गयी. अज्ञात होने की वजह से शव को देखने के लिए काफी तादाद में भीड़ उमड़ पड़ी. जीआरपी फोर्स द्वारा शव को उतारा गया एवं स्थानीय पुलिस को सूचित कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजवाया गया. जीआरपी निरीक्षक ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.
रेलवे भूमि पर मिलते रहे हैं शव
मालूम हो कि हत्या कर शव को ट्रैक पर फेंक कर आत्महत्या की कोशिश बताये जाने की घटना हमेशा सामने आती रही है. वहीं, अन्यत्र हत्या कर शव को रेलवे भूमि में फेंक दिया जाता रहा है. जयनगर-दरभंगा रेलखंड के इस जिले से जुड़े हिस्से में लगातार शव मिलता रहा है. सकरी-निर्मली रेलखंड पर भी शव मिलते रहे हैं. खास बात यह है कि अधिकतर शव की पहचान नहीं हो पायी है. इससे साफ जाहिर है कि वारदात में अपराधियों के विशेष गिरोह काम करता है. जो अन्यत्र जिले के निवासियों की हत्या को अंजाम देता है और शव को जिल में रेलवे की भूमि पर फेंक दिया जाता है. पुलिस सूत्रों की माने तो अपराधी कहीं से आदमी को उठाता है और वारदात का अंजाम अन्यत्र क्षेत्रों में देता है.
रेलवे भूमि चुनने के
हैं कई कारण
हत्या कर शव फेंकने के लिए रेलवे भूमि को अपराधियों द्वारा चुने जाने के कई कारण है. यहां शव मिलने पर मामला जीआरपी थाने में दर्ज होता है. जहां पुलिस बल की भारी कमी है. उपलब्ध बल रूटीन कार्य निष्पादन एवं छोटे-मोटे मामला दर्ज करने में ही उलङो रहते हैं. लिहाजा, हत्या की गुत्थी सुलझाने में नाकाम रह जाना इनकी विवशता है. मृतक की पहचान नहीं हो पाती है या फिर दूसरे क्षेत्र व जिले के होने के कारण गंभीरता से मामले को परिजन उठा नहीं पाते हैं. ऐसे में हत्या की घटनाएं दब जाया करती हैं. वहीं, लोकल पुलिस रेलवे का मामला बता कर मामले में अपना हाथ खड़ा कर लेती है.
वर्ष ट्रैक पर रेलवे भूमि
मिला शव पर बरामद शव
2010 7 18
2011 9 11
2012 13 16
2013 9 10
2014 3 6
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