मधुबनी : बाबूबरही थाना क्षेत्र के भूपट्टी में करीब 15 वर्ष पहले नरेश कुमार यादव की हत्या के मामले को लेकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय नवीन कुमार चौधरी के न्यायालय में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी भूपट्टी निवासी चंद्रशेखर यादव, महेंद्र यादव, […]
मधुबनी : बाबूबरही थाना क्षेत्र के भूपट्टी में करीब 15 वर्ष पहले नरेश कुमार यादव की हत्या के मामले को लेकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय नवीन कुमार चौधरी के न्यायालय में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी भूपट्टी निवासी चंद्रशेखर यादव, महेंद्र यादव, संजीत यादव एवं खजौली थाना क्षेत्र के छपराढी निवासी ठकाई यादव उर्फ ठकहर यादव को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है.
साथ ही प्रत्येक को दस- दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने कि राशि नहीं देने पर प्रत्येक को छह- छह माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अभियोजन कि ओर से बहस करते हुए अपर लोक अभियोजक कैलाश साह ने बहस करते हुए न्यायालय से कड़ी से कड़ी सजा की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से बहस करते हुए अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार सिन्हा ने कम से कम सजा की मांग की थी.
क्या था मामला. अभियोजन के अनुसार 9 अप्रैल 2007 के रात्री के करीब 11.30 बजे मृतक नरेश कुमार यादव के पिता सूचक राम अवतार यादव खरगबनी गांव के सुधीर खन्ना के घर से पूजा देखकर घर लौटा तो बारी में पुआर पर अपने पुत्र का शव पड़ा देखा था. जिसके गर्दन पर दाग था. और हाथ से घड़ी गायब था. इस बावत मृतक के पिता द्वारा अज्ञात के विरुद्ध बाबूबरही में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
अनुसंधान में आया आरोपी का नाम. उक्त हत्या के पुलिस अनुसंधान के दौरान इस बात कि जानकारी मिली थी कि नरेश कुमार यादव की हत्या आरोपी चंद्रशेखर यादव आपसी रंजिश के कारण की गयी थी. अन्य अभियुक्त महेंद्र यादव, संजीत यादव एवं ठकाई यादव के साथ मिलकर अपने आंगन में उसकी हत्या कर उसके शव को बारी में रख दिया था.