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शौचालय निर्माण योजना में लाखों की गड़बड़ी!

मधुबनी :सरकार की महत्वाकांक्षी योजना घर घर शौचालय योजना में गड़बड़ी किये जाने का मामला सामने आया है. इस योजना में किये गये भुगतान की जब जांच शुरू की गयी है तो पहले चरण में व्यापक तौर पर राशि भुगतान में अनियमितता बरते जाने का मामला सामने आया है. वार्ड सोलह में कुल 63 लोगों […]

मधुबनी :सरकार की महत्वाकांक्षी योजना घर घर शौचालय योजना में गड़बड़ी किये जाने का मामला सामने आया है. इस योजना में किये गये भुगतान की जब जांच शुरू की गयी है तो पहले चरण में व्यापक तौर पर राशि भुगतान में अनियमितता बरते जाने का मामला सामने आया है.
वार्ड सोलह में कुल 63 लोगों को शौचालय निर्माण मद की प्रथम किस्त की राशि 7500 रुपये के दर से चेक के माध्यम से भुगतान किया गया है.
इसमें जांच में 35 वैसे लोगों को रकम दिये जाने की बात भी सामने आयी है जिनके पास पहले से ही शौचालय हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि सर्वे करने वालों ने परिवार का सर्वे किस आधार पर किया और जांच किये बिना ही भुगतान कैसे कर दिया गया. जिस प्रकार से मात्र एक वार्ड में जांच में गड़बड़ी की बातें सामने आयी है और किये गये भुगतान में से आधे से अधिक लोगों को नियम की अनदेखी कर भुगतान किया गया है वार्ड न. 16 में 63 लोगों को प्रथम किस्त की राशि के रूप में 7500 रुपये प्रति लाभुक को दिया गया. विभाग ने यह चेक 25 अगस्त को 4 लाख 75 हजार पांच सौ का चेक निर्गत किया. कार्यपालक पदाधिकारी के अवकाश के बाद मुख्य पार्षद ने जांच के आदेश दिये.
मुख्य पार्षद ने दिये जांच के आदेश. शौचालय निर्माण में बरती गयी अनियमितता की कई शिकायतें मुख्य पार्षद को मिली. जिस पर मुख्य पार्षद सुनैना देवी ने वित्तीय अनियमितता की आशंका जाहिर करते हुए प्रधान सहायक सह लेखापाल को जांच कराने का कहा. उन्होंने वार्ड 16 में विकास मित्र अमित कुमार महतो को जांच के लिए कहा. जांच के दौरान उन्होंने पाया कि 35 व्यक्ति वैसे लोग इस योजना का लाभ लिए है. जिन्हें पहले से शौचालय है. मुख्य पार्षद ने कहा कि योजना लाभ सही व्यक्ति को मिल चाहिए. इस संबंध में वार्ड पार्षद ने कहा कि मेरे संज्ञान में बात नहीं आयी है. इसकी जांच होनी चाहिए.
2015 में हुआ था सर्वे
नगर परिषद द्वारा शहर में शौचालय निर्माण से पहले सर्वे कराया गया था. जिसमें 16 हजार व्यक्ति शौचालय विहीन श्रेणी में आते है. जिन्हें दो किस्तों में 12 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाता है.
इसमें पहले किस्त में 7 हजार पांच सौ दिया जाता है. यह रकम उसी व्यक्ति को दिया जाता है जिसके पास शौचालय नहीं है. लोगों के द्वारा आवेदन किये जाने पर विभागीय जांच की जाती है और फिर जांच में संतुष्ट होने के बाद ही पहली किस्त का भुगतान किया जाता है. इसके बाद जब लाभुक पहले किस्त के रकम का उपयोग शौचालय निर्माण में कर लेते हैं उसके बाद फिर विभागीय जांच की जाती है और जांच में संतुष्ट होने के बाद ही दूसरी किस्त की रकम 4 हजार पांच हजार रुपये दिये जाते है. सूत्रों का कहना है कि किस्त भुगतान में सर्वे किया ही नहीं गया था.
वापस ली जायेगी राशि
वार्ड 16 में जांच की गयी है. रिपोर्ट नहीं मिली है. गलत रूप से लाभ लेने वाले व्यक्ति से रुपया वापस लिया जायेगा.

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