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नीतीश के इस्तीफे पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

मधुबनी : सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुधवार की देर शाम इस्तीफा दिये जाने का असर जिले में भी व्यापक तौर पर देखा गया. जैसे ही लोगों को इस्तीफे दिये जाने की जानकारी मिली, लोग एक दूसरे से इस बात की पुष्टि करने में जुट गये. एक दूसरे को फोन से जानकारी लेने में […]

मधुबनी : सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुधवार की देर शाम इस्तीफा दिये जाने का असर जिले में भी व्यापक तौर पर देखा गया. जैसे ही लोगों को इस्तीफे दिये जाने की जानकारी मिली, लोग एक दूसरे से इस बात की पुष्टि करने में जुट गये. एक दूसरे को फोन से जानकारी लेने में लोग काफी देर तक जुटे रहे. तत्काल ही हर घर का टीवी ऑन हो गया. हर कोई समाचार चैनलों को ही देखने में लगे थे. वहीं राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में भी इस बात को लेकर चहल पहल मच गयी.

एक ओर जहां जदयू कार्यकर्ता भी पटना से या अपने अपने सूत्रों के माध्यम से वर्तमान स्थित व आगे की रणनीति की जानकारी आला कमान से लेने में जुटे रहे तो वही महागंठबंधन के दो अन्य दल राजद व कांग्रेस के कार्यकर्ता व जिला अध्यक्ष भी इस मामले में देर रात तक व्यस्त दिखे. हर ओर इस्तीफे के बाद की राजनीति को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया. बाजार में भी इसी बात की चर्चा हर ओर हो रही थी.

प्रशासन सतर्क. इस समाचार के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने भी कई प्रकार के निर्देश जारी कर दिये हैं. खासकर सुरक्षा को लेकर पुलिस महकमा काफी अलर्ट हो गया है. एसपी दीपक बरनवाल ने कहा है कि पुलिस प्रशासन हर स्तर पर तत्पर है. जिले भर के गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.
जदयू ने कहा ऐतिहासिक हुआ फैसला . नीतीश कुमार के इस्तीफा दिये जाने के फैसले को जदयू ने एतिहासिक कहा है. जदयू के जिला अध्यक्ष अब्दुल कैयूम ने कहा है कि नीतीश कुमार तो हमेशा से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ रहे है. उन्होंने विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया. हर कार्यकर्ता आज उनके इस फैसले पर गर्व महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि यह पहल स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा. अब्दुल कैयूम ने कहा है कि नीतीश के हर निर्णय का जिले के हर कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से पालन करेंगे. आगे भी पार्टी इसी विचारधारा पर चलेगी. इस्तीफे के बाद जदयू कार्यालय में यूं तो सन्नाटा पसरा था. पर पार्टी के अधिकांश सदस्यों की गतिविधि जारी थी.
हर कोई एक दूसरे को सोशल मीडिया के माध्यम से इस पहल को लेकर बातें कर रहे थे.
फिर थोंपा जा रहा चुनाव : धनेश्वर
भारतीय मित्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनेश्वर महतो ने इस पहल की निंदा की है. कहा है कि इससे मध्यावधि चुनाव की संभावना बढ गयी है. यदि नीतीश कुमार महागंठबंधन के साथ वर्तमान समय में हुए घटनाक्रम के कारण इस्तीफा दिये हैं तो चुनाव तो सौ फीसदी होना तय हो गया है. ऐसे में नये नये कर प्रणाली के बाद जनता के सामने एक और चुनाव को झेलना मुश्किल है. इससे बिहार के लोगों की परेशानी बढेगी.
महागठबंधन धर्म का किया पालन
राजद ने कहा है कि नीतीश ने इस्तीफा देकर महागंठबंधन के धर्म का पालन किया है. राजद के जिला अध्यक्ष ने रामबहादुर यादव ने कहा है कि राजद भी हमेशा ही महागंठबंधन के साथ रहकर हर कदम पर साथ दिया है. आगे भी राजद महागंठबंधन के धर्म को पूरी तरह निभायेगा. श्री यादव ने कहा है कि पार्टी ने एक साथ बिहार के विकास के लिये कदम से कदम मिलाकर काम किया है. कहा कि महागंठबंधन एकजुट हैं. यह एकजुटता बनी रहेगी.
छवि हो रही थी धूमिल, अब फिर बनेगी पुरानी पहचान
भाजपा के जिलाध्यक्ष घनश्याम ठाकुर ने कहा है कि नीतीश की पहचान हमेशा ही न्याय के साथ विकास का रहा है. एनडीए के साथ रहकर उन्होंने इस धर्म का पूरी तरह से पालन किया था. पर जबसे वे महागंठबंधन में आ गये थे उनकी इस छवि से धूमिल होने लगा था. उन्होंने इस्तीफा देकर एक बार फिर से भ्रष्टाचार में लिप्त महागंठबंधन के राजद नेताओं से मुक्ति पाने का पहल शुरू किया है. उनका यह पहल सराहनीय है. बिहार का विकास पिछले तीन सालों से बंद था. पिछले साल नोटबंदी के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई की मांग केद्र सरकार से की थी. इसी आलोक में केंद्र सरकार द्वारा लालू प्रसाद एवं उनके कुनवों पर बेनामी संपत्ति को लेकर कार्रवाई की गयी. कार्रवाई में फंसे नीतीश मंत्रिमंडल के कुछ राजद नेता मंत्रिमंडल से इस्तीफा न देकर नीतीश कुमार की छवि पर बट्टा लगा रहे थे. नीतीश की बेदाग छवि को धूमिल किया जा रहा था. पर नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर अपने पुराने पहचान की रक्षा की है. भाजपा इसका स्वागत करती है. राज्य हित में भाजपा संसदीय दल व विधान मंडल दल उचित निर्णय समय पर लेगी.
अभी नहीं देना चाहिए था इस्तीफा: कांग्रेस
कांग्रेस ने सीएम के इस्तीफे को समय के अनुसार गलत बताया है. पार्टी के जिला अध्यक्ष शीतलांबर झा ने कहा है कि नीतीश को अभी इस्तीफा नहीं देना चाहिए था. जिस उद्देश्य को लेकर महागंठबंधन नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनाया गया वह अभी पूरा नहीं हुआ है. देश में सांप्रदायिक शक्तियों के द्वारा जो समस्या उत्पन्न किया जा रहा है. उससे देश का माहौल सही नहीं है. हर दिन देश गर्त में जा रहा है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागंठबंधन की सरकार राज्य में अच्छा काम कर रही थी. कांग्रेस पार्टी हमेशा से महागंठबंधन के मजबूती के लिये कार्य करती रही है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व वर्तमान में हुए महागंठबंधन के समस्या पर गंभीरता पूर्वक निराकरण का कार्य कर रही थी. इस स्थिति में नीतीश कुमार को थोड़ा और समय देना चाहिए था. कांग्रेस चाहेगी कि महागंठबंधन फिर से कायम रहे. नीतीश कुमार को ऐसा कोइ कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे महागंठबंधन की एकता पर असर पड़े.

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