मधेपुरा : जिले के स्थापना दिवस पर राजस्थान के बाड़मेर जिला से पहुंचे निंबुड़ा फेम बड़े गाजी खान के पुत्र कमाल खान व उनके ग्रुप ने अपने कार्यक्रम से समा बांध दिया. कार्यक्रम की शुरुआत ‘केसरिया बालम पधारो म्हारे देस’ से हुयी. इसके बाद ‘निंबुड़ा निंबुड़ा’ के बारे में जानकारी देते हुये इसके लोक गीत अंदाज को गाकर सुनाया गया. वहीं सूफी गीत ‘दमा दम मस्त कलंदर’, ‘मेरे रश्क ए कमर तूने पहली नजर जब नजर से मिलायी तो मजा आ गया’, ‘छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलायके’ सुनकर दर्शक झूम उठे. राजस्थानी लोक नृत्य कालवेलिया, घुमर, अग्नि नृत्य, भवाई नृत्य, की मनमोहक प्रस्तुती की गयी.
सर पर आग की लपटों से भरा बर्तन लिये मुंह से जमीन पर रखा नोट उठाने का हैरत अंग्रेज दृश्य देख दर्शकों की तालियों से पंडाल गूंज उठा. इसके अलावा सात मटका लिये घुड़ला नृत्य की प्रस्तुती में नंगे पांव गिलास पर चढ़कर नृत्य देख लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा ली. कालबेलिया में गजब का लोच और गति थी जो दर्शक को सम्मोहित कर दिया यह नृत्य दो महिलाओं द्वारा किया गया नृत्य के दौरान बीन व ताल वाद्य बजते रहे इस नृत्य में कांच के टुकड़ों व जरी-गोटे से तैयार काले रंग की कुर्ती, लहंगा व चुनड़ी पहनकर सांप की तरह बल खाते हुए नृत्य की प्रस्तुति की गई इस नृत्य के दौरान नृत्यांगनाओं द्वारा मुंह से पैसे उठाना, उल्टी चकरी खाना आदि कलाबाजियां दिखाई गई. इसके अलावा गजल गायन के क्रम में चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसा बाल, ये कौन आ गया फिजा महकी महकी सुनाया गया. इससे पूर्व स्थानीय कलाकार शशि प्रभा जायसवाल, श्रृमि राज, शिवाली ने मोहक प्रस्तुति दी.