पत्थर मार कर पुलिसकर्मियों को जख्मी भी किया गया
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11 व्यक्ति नामजद, एक हजार अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज
पत्थर मार कर पुलिसकर्मियों को जख्मी भी किया गया आलमनगर/चौसा : चौसा थाना क्षेत्र के फुलौत ओपी पर बुधवार को हुए अक्रोशित लोगों के उपद्रव के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. प्राथमिकी में 11 नामजद और एक हजार अज्ञात लोग शामिल किये गये हैं. इसके बारे में एसपी विकास कुमार ने […]
आलमनगर/चौसा : चौसा थाना क्षेत्र के फुलौत ओपी पर बुधवार को हुए अक्रोशित लोगों के उपद्रव के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. प्राथमिकी में 11 नामजद और एक हजार अज्ञात लोग शामिल किये गये हैं. इसके बारे में एसपी विकास कुमार ने बताया कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
किसी भी स्थिति में कानून को हाथ में लेना कानून सम्मत नहीं है. यह अधिकार किसी के पास नहीं है. न केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचायी गयी बल्कि पत्थर मार कर पुलिसकर्मियों को जख्मी भी किया गया. जरूरी कागजात लूट लिए गये. इस घटना में शामिल अधिकतर लोगों की पहचान कर ली गई है. अन्य लोगों के पहचान की कार्यवाही जारी है. जिन्हें पहचान लिया गया है उनके विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
शहंशाह चौधरी की क्यों हुई हत्या
शहंशाह चौधरी के संबंध में बताया जा रहा है कि उसने गांव के एक व्यक्ति को एक महिला के साथ अवैध संबंध बनाते देख लिया था. उसने इसकी जानकारी गांव वालों को दी. इस मामले ने तूल पकड़ लिया. गांव में पंचायत भी हुई. शंका जाहिर की जा रही है कि हो न हो इन घटनाओं के कारण ही शहंशाह की हत्या कर दी गयी. वहीं इसी तरह के एक मामले में 25 अप्रैल को अमित का शव बरामद किया गया था. दोनों हत्या में समानता यह है कि दोनों ने अवैध संबंध का विरोध किया और गांव वालों को जानकारी दी. इसकी वजह से अवैध संबंध बनाने वालों की छीछालेदार हुई.
फुलौत में पसरा है सन्नाटा
बुधवार की घटना के बाद चौसा प्रखंड के फुलौत में किसी तूफान के बाद का सन्नाटा कायम है. लोग सकते में हैं. हर तरफ दबी जुबान में तरह-तरह की चर्चा हो रही है. उत्तेजना में आकर पुलिस के साथ एवं थाना में जो तोड़फोड़ की गयी वह काफी निंदनीय है. बुधवार को लोगों के आक्रोश के कारण पुरा फुलौत गांव में दहशत व्याप्त है. लेाग चौक चौराहों पर हो रहे तरह – तरह के बातों से सहमे हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि आक्रोश में आकर सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने से आखिर किसका लाभ होगा.
वहीं लोग सहमे हैं कि कहीं जो इस संलिप्त नहीं हैं उनका भी नाम पुलिस द्वारा दिया जा सकता है. क्योंकि आक्रोश में डूबी भीड़ के बीच असामाजिक तत्व भी अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहे. इसके कारण पुलिस के कई समान सहित राजस्व विभाग के कई अभिलेख गायब हो गये. लोगों में अफवाह का बाजार गर्म है कि पुलिस द्वारा किसका नाम दिया गया है.
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