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स्कूलों में मध्याह्न भोजन नहीं बना
जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय के समक्ष रसोइया संघ के सदस्यों ने प्रदर्शन किया. संघ ने कहा कि सरकार मांगें नहीं मानी, तो उग्र आंदोलन किया जायेगा. मधेपुरा : रसोइया को केंद्र एवं राज्य सरकार दोयम दर्जे से देखती है. अभी तक उन्हें न्यूनतम मजदूरी की दर से भी भुगतान नहीं किया जाता है. जबकि स्कूलों […]
जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय के समक्ष रसोइया संघ के सदस्यों ने प्रदर्शन किया. संघ ने कहा कि सरकार मांगें नहीं मानी, तो उग्र आंदोलन किया जायेगा.
मधेपुरा : रसोइया को केंद्र एवं राज्य सरकार दोयम दर्जे से देखती है. अभी तक उन्हें न्यूनतम मजदूरी की दर से भी भुगतान नहीं किया जाता है. जबकि स्कूलों में मिड-डे-मिल की सफलता में सबसे बड़ा योगदान रसोइया का है. अगर सरकार इस मामले में अविलंब कदम नहीं उठाती है तो आगे और भी तेज आंदोलन किया जायेगा. रसोइया संघ ने शुक्रवार को एक दिवसीय हड़ताल कर स्कूलों में मिड-डे मिल ठप कर दिया.
कार्यालय के समक्ष यूनियन रसोइया कार्यकर्ता संघ धरना एवं प्रदर्शन को संबोधित करते हुए संयोजक गणेश मानव ने कहा. उन्होंने कहा कि यह तो अभी आंदोलन का आगाज है अगर सरकार चेतती है तो आंदोलन को उग्र किया जायेगा. उन्होंने कहा कि बिहार समेत मधेपुरा जिला के सभी स्कूल में खाना बंद रहा. केंद्र एवं राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दोनों गरीब विरोधी है. एक मजदूर को 350 रुपये की दिहाड़ी मिलती है. जबकि एक रसोइया को महज 30 रूपया मिलता है. अगर सांकेतिक हड़ताल के बाद भी सरकार सुधार नहीं करती है तो लगातार एक सप्ताह तक हड़ताल किया जायेगा. उन्होंने कहा कि 45वें राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश को लागू करते हुए मजदूर का दर्जा दिया जाय. वहीं मिड-डे-मिल के बजट में की गयी कटौती को वापस लेकर इस योजना में पर्याप्त फंड उपलब्ध कराया जायेगा.
प्रमुख मांगों की चर्चा करते हुए कहा कि सभी रसोइया को 15 हजार प्रतिमाह वेतन, दस की जगह 12 महीने का वेतन देना, 62 वर्ष से अधिक उम्र के रसोइया के लिए पेंशन की गारंटी, सरकार के अन्य कर्मियों की भांति रसोइया के लिए आकस्मिक अवकाश, मातृत्व अवकाश, प्रत्येक वर्ष में एक जोड़ा पोशाक उपलब्ध कराना, सभी रसोइया को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाना तथा इंदिरा आवास प्रदान करना, रसोइया को पीएफ-ईएस का लाभ देना, मिड-डे- मिल योजना का विस्तार 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए करना शामिल है. नेताओं ने कहा कि प्रत्येक रसोइया को नियुक्ति पत्र एवं परिचय पत्र भी उपलब्ध करवाया जाय. मुख्य रूप से कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में शशिमोहन सिन्हा, राम विलाश ठाकुर, महिला नेत्री नूतन भारती, सुनीता देवी, बाबुल, शिविम, सदानंद राम, सोमनी देवी, चंदेश्वरी यादव शामिल है. जबकि इस दौरान एसएफआई नेता रंजीत मानव, बालकिशोर बलास्टर, श्यामसुंदर ठाकुर, रंजीत मानव, चंद्रकिशोर ठाकुर, चंद्रदेव निराला यादव, नरेश, अखिलेश, गजेंद्र यादव, विमल कुमार, सोमनी देवी, दिनेश पासवान, बदरी पासवान, गीता देवी, उमेश राम, निर्माला देवी, सुलेखा देवी, सरिता देवी आदि उपस्थित थे.
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