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राम भरोसे भगवान शिव की सुरक्षा

लापरवाही. सिंहेश्वर मंदिर में तैनात है सिर्फ एक रात्रि प्रहरी जिले के विभिन्न मंदिरों व ठाकुरबाड़ी आदि में मूर्ति चोरी की घटनाएं लगातार हो रही हैं. दूसरी ओर महत्वपूर्ण सिंहेश्वर मंदिर की सुरक्षा एक रात्रि प्रहरी के भरोसे चल रही है. जबकि मंदिर में करोड़ों रुपये मूल्य की मूर्तियां स्थापित हैं. मधेपुरा : बिहार में […]

लापरवाही. सिंहेश्वर मंदिर में तैनात है सिर्फ एक रात्रि प्रहरी

जिले के विभिन्न मंदिरों व ठाकुरबाड़ी आदि में मूर्ति चोरी की घटनाएं लगातार हो रही हैं. दूसरी ओर महत्वपूर्ण सिंहेश्वर मंदिर की सुरक्षा एक रात्रि प्रहरी के भरोसे चल रही है. जबकि मंदिर में करोड़ों रुपये मूल्य की मूर्तियां स्थापित हैं.
मधेपुरा : बिहार में पटना स्थित महावीर मंदिर व गरीबनाथ मुजफ्फपुर के बाद सबसे ज्यादा आय देने वाला जिले के प्रसिद्ध सिंहेश्वर मंदिर की सुरक्षा भगवान भरोसे हैं. जिले के विभिन्न मंदिरों और ठाकुरबाड़ी आदि में मूर्ति चोरी की घटनाएं लगातार हो रही हैं, दूसरी ओर महत्वपूर्ण सिंहेश्वर मंदिर की सुरक्षा एक रात्रि प्रहरी के भरोसे चल रही है. विशेषज्ञों के अनुसार मंदिर में करोड़ों रुपये मूल्य की मूर्तियां हैं. जिनका पुरातात्विक महत्व भी है. मंदिर में किसी भी पर्व-त्योहार और शादी-ब्याह के दिनों में लाखों लोग इकट्ठा होते हैं. इसके बावजूद सुरक्षा का यह इंतजाम लापरवाही को उजागर करता है.
गायब हुई थी मूर्ति : सिंहेश्वर स्थित चौधरी ठाकुबाड़ी में कुछ वर्ष दीपावली की रात चोरों ने राम, सीता एवं लक्ष्मण् की अष्टïधातु की मूर्ति की चोरी कर ली थी. इससे पहले सरोपट्टी स्थित काली मंदिर से सोने की मूर्ति की चोरी हो गयी थी. वहीं मुरलीगंज के रामपुर से भी अष्टधातु की मूर्ति चोरी हुई थी.
कैमरा खराब होने से बढ़ी वारदात : सुप्रसिद्ध सिंहेश्वर मंदिर में सीसीटीवी कैमरा खराब होने की वजह से आये दिन चोरी के मामले सामने आते है. खासकर रविवार व सोमवार को भारी भीड़ होने की वजह से सिंहेश्वर मंदिर में चोरों की लॉटरी लग जाती है. मंदिर में जब पीड़ित सीसीटीवी फूटेज की जानकारी लेने पहुंचते है तो पता चलता है कि मंदिर का सीसीटीवी कैमरा पुर्व से ही खराब है.
यह भी बताया जाता है कि बिजली कटने के बाद सीसीटीवी कैमरा बंद हो जाता है. चूंकि भीड़ वाले दिन रविवार एवं सोमवार को छोड़ दिन में जेनेटर चलाने की अनुमति नही है. जबकि रविवार एवं सोमवार को अत्यधिक भीड़ होती है. प्रशासन श्रद्धालुओं के सुरक्षा को लेकर कितना लापरवाह बना हुआ इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिन में बिजली गुल होने के बाद जेनरेटर नहीं चलती है. अगर बिजली गुल हुई तो पूरा मंदिर परिसर में अंधेरे में खो जाता है. खासकर बाबा का गर्भगृह में अंधेरा छाया रहता है. चोर भी भीड़ में बिजली गुल होने का इंतजार करते रहते है. जैसे ही बिजली गुल होती है चोर आसानी से चोरी की घटना को अंजाम देता है. चूंकि भीड़ इतनी अधिक रहती है कि श्रद्धालु कब लूट जाये कहना मुश्किल रहता है.
जिले के मंदिरों व ठाकुरबाड़ी में बढ़ी चोरी की घटनाएं
सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
पहले तो मंदिर में श्रद्धालु चोरी की घटना के शिकार होते थे अब दुकानदार भी शिकार होने लगे है. इस हालात के लिए मंदिर की व्यवस्था कम कसूरवार नहीं है. यहां दिन में भी अंधेरा कायम रहता है. बाबा के गर्भ गृह में बिजली गुल होने के बाद रोशनी जले यह तय नहीं रहता है. ऐसी स्थिति में वहां चोर सक्रिय हो जाते है.
सिंहेश्वर में पॉकेटमारी एवं जेवर खीचने की घटना रोज की कहानी बन गयी थी. खासकर भीड़ वाले दिन मंदिर में पॉकेटमार बैखोफ पॉकेटमारी की घटना को अंजाम दे रहे है. मंदिर में सुरक्षा के नाम की सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. इस तरह की वारदातों को रोकने के लिए मंदिर में लगाये गये सीसीटीवी कैमरे खराब होने की वजह से बेकार पड़े है. हैरत करने वाली बात यह है कि सैकड़ों एकड़ जमीन के जमींदार एवं अरबों की संपति के मालिक बाबा सिंहेश्वर नाथ मंदिर की संपूर्ण व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल रही है.
सिंहेश्वर मंदिर में जंग लगा हुआ गेट.
सुरक्षा की अनदेखी
हैरत की बात है कि मंदिर में इतनी कीमती मूर्तियों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है. मंदिर में कक्षों के गेट टूट चुके हैं. कहीं जंजीर लगा कर ताला लगाया गया है, जिन्हें बुरी तरह जंग खा रहा है. सुरक्षा के नाम पर एक निहत्था रात्रि प्रहरी है. जनरेटर है लेकिन रात में असर बंद पाया जाता है.
करोड़ों की है मूर्तियां : मंदिर में वर्षों पूर्व स्थापित की गयी मूर्तियों के महत्व के बारे में मंदिर के पंडित रवींद्र नारायण ठाकुर कहते है कि इन मूर्तियों की कीमत करोड़ों में है. मां पार्वती, राम, लक्ष्मण , सीता एवं भरत शत्रुघन की मूर्तियां अष्टïधातु की हैं. भगवान श्रीकृष्ण, गणेश कार्तिक, नंदी, लक्ष्मी एवं दुर्गा जी की मूर्ति कीमती पत्थरों की है. आभूषण व्यवसायी पंकज कुमार कहते हैं कि अष्टïधातु की मूर्ति में सोना, चांदी, तांबा, कांसा, पीतल एवं लोहा आदि की मिश्रण् रहता है. इसके अलावा पुरातात्विक महत्व होने के कारण इन मूर्तियों की कीमत ज्यादा हो जाती है.
सिंहेश्वर के युवाओं ने संभाला मोरचा
भीड़ के सामने मंदिर की व्यवस्था नाकाफी साबित हुयी. शुरूआती दौर में एक ही गेट से श्रद्धालुओं के आगमन व निकास की व्यवस्था देखी गयी. लेकिन भीड़ अनियंत्रित होने पर थानाध्यक्ष बीडी पंडित एवं एसआई अनिल कुमार ने उत्तर दिशा से श्रद्धालुओं का निकास शुरू करवाया. इसके बावजूद जब भीड़ नियंत्रित नहीं हुयी तो सिंहेश्वर के युवाओं ने मोरचा संभाल लिया. सुरक्षा की कमान अपने हाथों लेकर युवा श्रद्धालुओं को कतारबद्ध करने लगे. यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा. वहीं सिंहेश्वर थानाध्यक्ष बीडी पंडित सहित थानें से पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मंदिर परिसर सहित बाजार क्षेत्र में सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर सजग थे. लेकिन लाख प्रयास के बावजूद ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गयी. मंदिर परिसर में धक्का मुक्की होने पर श्रद्धालु आपस में उलझते दिखे. इस दौरान युवा संघ के मनीष कुमार, अमृत कुमार, घनश्याम कुमार, पंकज कुमार सहित दर्जनों युवा मौजूद थे.

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