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चेस्ट में एक करोड़ से भी कम राशि

करेंसी संकट. सिक्के बांटने के बाद अब स्वाइल नोट बांटने की हो रही है तैयारी बाजार में 150 करोड़ मूल्य के पुराने पांच सौ व हजार के नोट जमा हो गये हैं. सूत्रों की मानें तो एसबीआइ करेंसी चेस्ट शाखा द्वारा एक दिन में लगभग 12 करोड़ रुपये भुगतान ग्राहकों को किया जा रहा है. […]

करेंसी संकट. सिक्के बांटने के बाद अब स्वाइल नोट बांटने की हो रही है तैयारी

बाजार में 150 करोड़ मूल्य के पुराने पांच सौ व हजार के नोट जमा हो गये हैं. सूत्रों की मानें तो एसबीआइ करेंसी चेस्ट शाखा द्वारा एक दिन में लगभग 12 करोड़ रुपये भुगतान ग्राहकों को किया जा रहा है. एसबीआइ की 65 शाखा समेत 36 एटीएम हैं. नोट की कमी से जूझ रहे एसबीआइ के मुख्य प्रबंधक ने आरबीआइ को इस संकट से मेल भेज कर अवगत कराया है.
मधेपुरा : नोट बंदी के बाद अब तक आरबीआइ द्वारा मधेपुरा करेंसी चेस्ट को राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है. महज दो हजार के बीस करोड़ राशि के नोट आरबीआइ ने यहां भेजा था. नोट की कमी का आलम यह है कि बैंक ने ग्राहकों को सिक्का बांटा और अब स्वाइल नोट (ऐसे नोट जो थोड़ा गंदा हो जाने या पुराना होने पर आरबीआई को बदलने भेजा जाता है ) में से कुछ राशि निकालकर देने की बात हो रही है. सोमवार को बैंक के करेंसी चेस्ट में एक करोड़ से भी कम राशि बची थी तो एटीएम तथा विभिन्न बैंक को देने में समाप्त हो जाना है.
अगर आरबीआई कोई व्यवस्था तत्काल नहीं करती है तो नये नोटों के लिए मधेपुरा में हाहाकार मच जायेगा. इस बाबत एसबीआई के मुख्य प्रबंधक संजय कुमार करण ने बताया कि 12 दिन पूर्व ही राशि की मांग आरबीआई से की गयी है. उसके बाद लगतार मेल द्वारा रिमाइंडर के साथ फोन से भी स्थिति की जानकारी दी गयी है. उम्मीद है कि आरबीआई द्वारा राशि उपलब्ध करा दी जायेगी.
65 शाखा के लिए करेंसी उपलब्ध कराती है मुख्य शाखा : पुराने नोट बंद होने के बाद बैंक द्वारा नये नोट वितरण पर नोट की अनुपलब्धता के संकट के बादल मंडरा रहे है. यहां एक दिन में लगभग 12 करोड़ रूपया विभिन्न बैंक की शाखा समेत एटीएम की माध्यम से भुगतान होता है लेकिन राशि एक करोड़ भी शेष नहीं है. इसका असर यह है कि विभिन्न बैंक तथा डाकघर से आये प्रतिनिधि नोट प्राप्त करने के लिए बेचेन रहे. बैंक के रोकड़ अधिकारी बाबुलाल मुर्मु ने कहा नोट उपलब्धता के अधार पर ही उपलब्ध कराया जा सकता है.
एसबीआई मधेपुरा के मुख्य शाखा से मधेपुरा जिले के एसबीआई के 18 शाखा लिंक है. इसके अलावा विगत दिनों सुपौल जिला के 13 शाखा को भी मधेपुरा जिले के मुख्य शाखा से जोड़ा गया. जबकि ये शाखा पूर्व में सुपौल मुख्य शाखा से चेस्ट की सुविधा ले रहे थे. बुधवार को नोट संकट से निपटने के लिए जिले के 34 उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के शाखा को भी मुख्य शाखा से जोड़ा गया है.
जबकि पूर्व में यूबीजीवी के ये 34 शाखा एक्सिस बैंक तथा सेंट्रल बैंक से जुड़े थे. इसके अलावा अन्य बैंकों के लिए भी खजांची का काम एसबीआई मुख्य शाखा ही करता है. मुख्य शाखा के माध्यम से जिले के 36 एटीएम में भी राशि भरने का काम किया जाता है.
दिखने लगा नोटों का अभाव, मुरलीगंज में धक्का-मुक्की : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक हजार 500 के नोट बंद करने के बाद बैंकों में नोट बदलवाने जमा कराने का घमासान चल रहा. थमने का नाम नहीं ले रहा है. 13वें दिन रविवार को कर्मचारी वर्ग भी छुट्टी होने के कारण अपनी राशि बदलवाने अथवा जमा नहीं कर पाये थे. भीड़ अधिक होने से मुरलीगंज के सभी बैंक के अंदर काफी बुरी स्थिति थी. सड़क के दोनों ओर लगी कतारों से कई बार यातायात प्रभावित हुआ तथा कई बार लोगों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई.
इसमें पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. रविवार को छुट्टी होने के कारण बैंक बंद रहा. लेकिन सोमवार को भीड़ आम दिनों से अधिक रही. बैंकों में भीड़ कम नहीं हुई. रुपये जमा कराने व नोट बदलवाने के लिए बैंकों के बाहर सड़कों तक कतारें लगी रहीं. चुनिंदा एटीएम को छोड़कर बाकी मशीनें चालू नहीं हुई. तेरहवें दिन भी बाजारों में कारोबार ठप रहा. रुपये के लिए बैंकों में भारी भीड़ के दौरान लोगों में धक्कामुक्की हुई.
पांच सौ और हजार के नोट बंद किये जाने के बाद करीब एक हफ्ता से उपर होने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नजर नहीं आता. बैंक और एटीएम के बाहर लोगों की लंबी लंबी लाइनें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. सरकार भी राहत देने के लिए कई कदम उठा रही है. पर नोटों कमी का हर शाखा प्रबंधक रोना रो रहे हैं. बैंकों में इतनी ज्यादा भीड़ है कि सरकार रोज एक नये नियम तैयार कर रही है. आज बैंक में केवल सीनियर सीटिजन के नोट ही एक्सचेंज होंगे. बाकी लोगों के नोट आज बैंक में एक्सचेंज नहीं होंगे.
सिर्फ वरिष्ठ नागरिक अपने नोट बदल सकेंगे. उन्होंने कहा कि बैंक की शाखाओं पर शनिवार को अन्य सभी कार्य होते रहेंगे और बैंक अपने लंबित कार्यों को निपटाएंगे. इस फैसले के बारे में सरकार को भी बता दिया गया है. नोट बदलने वालों की अंगुली पर स्याही का निशान लगाये जाने के बाद बैंक के बाहर लगी कतारें 40 प्रतिशत तक छोटी हो गई हैं. फिर अब लंबी लाइन लग रही है.
भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक लखन लाल रजक का कहना है बैंकों का अनुभव यह बताता है कि लोग नोट एक्सचेंज करने के बाद अपने खाते से पैसा निकाल रहे हैं. इससे बैंकों के सामने काफी भीड़ जमा हो रही है. हम कह रहे हैं जब आपके पास बैंक खाता है तो क्यों नहीं सारा पैसा उसमें जमा कराते और फिर पैसा निकाल रहे हैं. इससे बाजार में बेमतलब के पैसे की किल्लत जैसी स्थिति पैदा हो रही है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार आने वाले दिनों में पुराने नोट बदलने की सुविधा को धीरे-धीरे बंद कर सकती है. इसके पीछे एक अहम वजह रिजर्व बैंक के पास नोटों का अभाव भी है. बैंकों में जिस तरह से नए नोटों की मांग आ रही है उसे देखते हुए यह फैसला किया गया है. एक दिन पहले ही सरकार ने पुराने नोट एक्सचेंज करने की राशि की सीमा 4500 रूपये से घटा कर दो हजार रूपये कर दिया था.
स्टेट बैंक मुरलीगंज मुख्य शाखा प्रबंधक लखन लाल रजक ने बताया कि बैंकों में जितनी लाइन है. उतने प्रयाप्त मात्रा में रूपये उपलब्ध नहीं होने के कारण बहुतो को निराश वापस लौटना पड़ेगा. वही गोलबाजार स्थित स्टेट बैंक बाजार के शाखा प्रबंधक योगी पासवान ने बताया कि महिलाओं की भीड़ कभी हमने पहले इस कदर नहीं देखी थी. पता नहीं लोग क्यों आज जितना जमा करते है और दूसरे दिन लोग उतने ही राशि की निकासी की अर्जी लगाते है. इस तरह के आवेदनों पर विचार करने के लिए उतने रूपये उपलब्ध है नहीं. बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक का कहना है कि आज जो बैंक में ग्राहकों की जो स्थिति थी वो पिछले 12 दिनों में देखने को नहीं मिली थी.
12 दिन पूर्व ही राशि की मांग आरबीआई से की गयी है. नोट बंदी के बाद 20 करोड़ मूल्य के दो हजार के नोट आरबीआई द्वारा उपलब्ध कराया गया है. जबकि बैंक में प्रतिदिन दस से 12 करोड़ की राशि की जरूरत है. आज की स्थिति की जानकारी भी आरबीआई को दी गयी है. करेंसी कम रहने के कारण ही अन्य शाखाओं को भी कम मात्रा में भेजी जा रही है. उम्मीद है कि आरबीआई द्वारा राशि उपलब्ध करा दी जायेगी.
संजय कुमार करण, मुख्य प्रबंधक, एसबीआइ मधेपुरा.

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