मधेपुरा : संतान के सुख समृद्धि व दीर्घायु की कामना के लिए मनाये जाने वाले लोक पर्व चौठ चंदा को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष चतुर्थी को यह पर्व मनाया जाता है. रविवार को शाम के बाद चतुर्थी शुरू हो जाने के कारण इसी दिन चौठ चंदा भी मनाया […]
मधेपुरा : संतान के सुख समृद्धि व दीर्घायु की कामना के लिए मनाये जाने वाले लोक पर्व चौठ चंदा को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष चतुर्थी को यह पर्व मनाया जाता है. रविवार को शाम के बाद चतुर्थी शुरू हो जाने के कारण इसी दिन चौठ चंदा भी मनाया जा रहा है.
पर्व को लेकर दूध की मांग अत्यधिक बढ़ गयी है. जिले के बाजारों में पर्व को लेकर विशेष रोनक देखा जा रहा है. दही जमाने के लिए मिट्टी के छांछ की खरीदारी के लिए मिट्टी के बर्तन के दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रही. रविवार की शाम चांद के उदय होने के बाद घर के सभी सदस्य चौका पर उपस्थित हो कर शीतलता के प्रतीक चांद को पूरी पकवान और फल आदि का नैवेद्य दे कर इस त्योहार को संपन्न करेंगे.
कैसे करें हरतालिका तीज : इस व्रत में सौभाग्यवती स्त्रियां नये लाल वस्त्र पहन कर मेहंदी लगा कर सोलह शृंगार करती है. शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा आरंभ करती है. इस पूजा में मिट्टी से शिव और गौरी का निर्माण किया जाता है. विधिवत पूजा के बाद हरतालिका तीज की कथा सुनी जाती है. माता पार्वती पर सुहाग का सारा समान चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि जो सभी पापों और सांसारिक तापों को हरने वाले हरतालिक तीज को विधि पूर्वक करता है उसके सौभाग्य की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते है.