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घर बैठे उठा रही हैं वेतन

अनदेखी. मवि दहमा में महीनों से ड्यूटी नहीं आ रही शिक्षिका दूर-दराज के सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय बनी हुई है. ताजा मामला अलौली प्रखंड के मध्य विद्यालय दहमा से जुड़ी सच्चाई सामने आने के बाद भी कार्रवाई से विभागीय अधिकारियों के हाथ कांप रहे हैं. स्थिति ऐसी है कि महीनों से शिक्षिका गायब रहती […]

अनदेखी. मवि दहमा में महीनों से ड्यूटी नहीं आ रही शिक्षिका

दूर-दराज के सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय बनी हुई है. ताजा मामला अलौली प्रखंड के मध्य विद्यालय दहमा से जुड़ी सच्चाई सामने आने के बाद भी कार्रवाई से विभागीय अधिकारियों के हाथ कांप रहे हैं. स्थिति ऐसी है कि महीनों से शिक्षिका गायब रहती हैं लेकिन परदे के पीछे से हाजिरी भी बन रही है और वेतन भुगतान भी हो रहा है. एमडीएम का हाल बेहाल है तो छात्रवृति व पोशाक राशि पर डाका डाले जाने का सिलसिला रुक नहीं पा रहा है.
खगड़िया : अलौली प्रखंड के दुर्गम इलाके में मौजूद मध्य विद्यालय दहमा में सरकारी नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते हैं. यहां प्रधान शिक्षक सज्जन पासवान का मौखिक कानून ही चलता है. अधिकारी जांच के लिये जाते हैं, गड़बड़ी भी पकड़ में आयी लेकिन कार्रवाई नहीं हो पायी है. ऐसे में विभागीय अधिकारियों के दावे की पोल खुलती नजर आ रही है. मध्याह्न भोजन में धांधली चरम पर है. फर्जी हाजिरी के सहारे सरकारी राशि का बंदरबांट कर जेबें भरी जा रही है
लेकिन एमडीएम विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं. बताया जाता है कि कई बार निरीक्षण में पकड़ी गयी गड़बड़ी को परदे के पीछे खेल के सहारे दबा दिया जाता है. लिहाजा कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है और सरकारी योजनाओं में बंदरबांट भी नहीं रूक पा रहा है.
घर बैठे वेतन उठा रहे शिक्षक : बताया जाता है कि इस विद्यालय में नामांकित 355 छात्र-छात्राओं के एवज में 14 शिक्षक-शिक्षिकाएं पदस्थापित हैं. जबकि सरकारी नियम कायदे के अनुसार यहां पर अधिकतम नौ से दस शिक्षक ही रहने चाहिये. सूत्र बताते हैं कि ज्यादा शिक्षकों के पदस्थापन के पीछे कुछ और ही राज है. बिना ड्यूटी किये ही वेतन उठाने की सुविधा के कारण कई शिक्षक यहां रहने के लिये लालायित रहते हैं. बीते दिनों डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान के निरीक्षण के दौरान प्रधान शिक्षक समेत पांच शिक्षक गायब थे. इतना ही नहीं एक शिक्षिका स्मिता कुमारी महीनों से गायब हैं
. लेकिन सूत्र बताते हैं कि कई महीने तक बिना ड्यूटी किये ही इस शिक्षिका का वेतन भुगतान किया जाता रहा है. हालांकि डीपीओ एसएसए ने बताया कि निरीक्षण के वक्त स्मिता कुमारी नामक शिक्षिका के करीब दो महीने की हाजिरी काट दी गयी है.
सरकारी योजनाओं की पंजी नहीं दिखाया : डीपीओ एसएसए ने बताया कि निरीक्षण के दौरान छात्रवृति, पोशाक राशि, मध्याह्न भोजन योजना की पंजी नहीं दिखाये जाने से गोलमाल की आशंका है. ऐसे में पूरे मामले की गहन जांच की जरूरत है. इस मामले में स्कूल के प्रधान शिक्षक सज्जन पासवान से स्पष्टीकरण तलब किया गया. जवाब असंतोषजनक रहने के कारण वेतन रोकने सहित दूसरी कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. लेकिन कार्रवाई हुई या नहीं यह कोई बताने को तैयार नहीं है.
बिना कनेक्शन ही जल रही विद्यालय में बिजली
विद्यालय में बिजली व्यवस्था के लिये विभाग ने राशि उपलब्ध तो करवा दी लेकिन प्रधान शिक्षक ने बिजली का वैध कनेक्शन तक नहीं लिया है. लिहाजा बिना मीटर के ही सरकारी बिजली जलायी जा रही है. ऐसे में हर महीने सरकारी राजस्व का चूना लगाया जा रहा है.
बताया जाता है कि परिभ्रमण की राशि से बच्चों को बिना भ्रमण करवाये ही राशि की निकासी कर ली गयी है. इतना ही नहीं मध्याह्न भोजन योजना में फर्जीवाड़ा कर सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा है. साथ ही छात्रवृति सहित दूसरी योजनाओं में फर्जी उपयोगिता प्रमाण पत्र देकर सरकारी राशि की हेराफेरी कर ली गयी है. पूरे मामले की गहन जांच हो तो कई खुलासे होंगे.
प्रधान शिक्षक से स्पष्टीकरण
जवाब से असंतुष्ट डीपीओ ने की वेतन रोकने की अनुशंसा
अलौली प्रखंड स्थित इस विद्यालय में सरकारी नियम कायदे को ताक पर रख कर हो रहा संचालन
डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान के निरीक्षण के दौरान पकड़ी गयी चोरी तो काले कारनामे पर से हटा परदा
डीपीओ एसएसए के निर्देश भी फाइलों में गुम, कार्रवाई नहीं होने से विभागीय कार्यशैली पर उठे सवाल
सरकारी योजनाओं में गोलमाल कर भरी जा रही जेबें, सवालों के घेरे में स्कूल के प्रधान शिक्षक
355 नामांकित छात्रों के एवज में 14 शिक्षक-शिक्षिकाओं के पदस्थापन के पीछे क्या है राज
बीते दिनों निरीक्षण के दौरान मध्य विद्यालय दहमा में कई गड़बड़ी सामने आयी. स्मिता भारती नामक शिक्षिका के महीनों से गायब रहने के बारे में जानकारी मिलते ही करीब तीन महीने की हाजिरी काट दी गयी. एमडीएम पंजी नहीं दिखाया गया. छात्रवृति की फाइल भी नहीं दिया गया. ऐसे में इन योजनाओं में गोलमाल की आशंका है. साथ ही निरीक्षण के वक्त विद्यालय में पदस्थापित प्रधान शिक्षक समेत पांच शिक्षक-शिक्षिका गायब पाये गये. पूरी रिपोर्ट डीइओ को भेज कर कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. लेकिन कार्रवाई हुई या नहीं यह जानकारी नहीं दी गयी है.
अनिल कुमार सिंह, डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान
सारे आरोप बेबुनियाद हैं. सरकारी योजनाओं में धांधली जैसी कोई बात नहीं है. महीनों से गायब शिक्षिका स्मिता कुमारी की हाजिरी नहीं बन रही है. साजिश के तहत लगाये जा रहे आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. जरूरत से ज्यादा शिक्षकों की तैनाती है तो इसमें वह क्या कर सकते हैं.
सज्जन पासवान, प्रधान शिक्षक, मध्य विद्यालय दहमा.

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