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फायर एक्ट 2014 ध्वस्त . कई प्रतिष्ठानों में नहीं लगे हैं अग्निशमन यंत्र

आग से असुरक्षित है मधेपुरा शहर शहर की मुख्य सड़क पर करीब दो किमी लंबी सड़क पर मधेपुरा शहर का बाजार बसा है. दिनोंदिन विभिन्न ब्रांडों के आउटलेट से सुसज्जित होते इस बाजार में लोगों की आवाजाही में भी काफी वृद्धि हुई है. एक अनुमान के अनुसार मधेपुरा शहर के बाजार में रोजाना दस हजार […]

आग से असुरक्षित है मधेपुरा शहर

शहर की मुख्य सड़क पर करीब दो किमी लंबी सड़क पर मधेपुरा शहर का बाजार बसा है. दिनोंदिन विभिन्न ब्रांडों के आउटलेट से सुसज्जित होते इस बाजार में लोगों की आवाजाही में भी काफी वृद्धि हुई है. एक अनुमान के अनुसार मधेपुरा शहर के बाजार में रोजाना दस हजार से अधिक लोग खरीदारी के लिए पहुंचते हैं. इलेक्ट्राॅनिक इक्यूपमेंट से लेकर ज्वलैरी और कपड़ों के आधुनिक शैली में बने शो रूम भी काफी आकर्षित करते हैं. लेकिन बाजार की सुंदरता के पीछे का सच यह है कि शहर का यह बाजार आग से काफी असुरक्षित है. दुकानों में आग से सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध नहीं किये गये हैं.
मधेपुरा : शहर में कपड़ों के आउटलेट को ही लें तो विभिन्न ब्रांड के करीब पांच से अधिक आउटलेट हैं. वहीं इसके अलावा मिसलेनियस ब्रांड के दर्जनों दुकानें हैं. लेकिन एक दुकान को छोड़ कर किसी दुकान में फायर सेफ्टी के लिए कोई इंतजामात नहीं किये गये हैं. इसके बारे में शहर के बड़े रेडीमेड व्यवसायी अशोक सोमानी कहते हैं कि आम तौर पर लोगों में आग से सुरक्षा को लेकर जागरूकता का अभाव है. प्रत्येक दुकान में इसकी व्यवस्था होनी चाहिए. शहर में किलर, ड्यूक, इंट्रीग्रिटी, सियाराम आदि ब्रांडों के आउटलेट में भी फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम नहीं है.
सरकारी विभाग भी हैं अछूते . विगत एक सप्ताह पहले शहर के विद्युत कार्यालय में आग लग गयी थी. आग लगने का कारण हवा के कारण आपस में तार का टकराने से निकली चिंगारी थी. इस आग को विभाग ने पानी से बुझाया. विडंबना है कि विभाग में अग्निशमन यंत्र नहीं है. बल्कि यह हाल जिले के लगभग सभी सरकारी कार्यालयों का भी है.
बिजली से लगी आग को बुझाने के लिए पाउडर एवं फोम आधारित अग्निशमन यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है. चाहे दूर संचार केंद्र हो या बड़े बैंक, हर जगह फायर सेफ्टी की अनदेखी स्पष्ट परिलक्षित होती है. जबकि इन जगहों पर पूरी तरह से सुरक्षा उपाय होना चाहिए.
कहते हैं अग्निशमन पदाधिकारी . अग्निशमन पदाधिकारी श्याम सुंदर यादव कहते हैं कि सभी बड़े होटल, प्रतिष्ठान, स्कूल में फायर एक्ट 2014 के अनुसार अग्निशमन यंत्र लगाना अनिवार्य है. वही बड़े व्यापारिक परिसर के लिए फायर एनओसी लेना अनिवार्य है. हालांकि इस जिले में जागरूकता का अभाव है लेकिन लगातार घूम-घूम कर अग्निशमन विभाग लोगों के बीच आग से सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैला रहा है.
विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना है जरूरी
पेट्रोल पंप है चकाचक
शहर के सभी पेट्रोल पंप पर अग्निशमन की पुख्ता व्यवस्था है. यह व्यवस्था इसलिए भी चुस्त दुरूस्त है क्योंकि पेट्रोलियम कंपनियां खुद अपने सेल्स ऑफिसर के माध्यम से समय समय पर इसका मुआयना कर रिपोर्ट करते हैं. यहां बिजली की आग से निपटने के लिए जहां सीओ 2 के सिलेंडर हैं वहीं तेल या अन्य रिसाव से लगने वाली आग से सुरक्षा के लिए पाउडर के सिलेंडर होते हैं. इसके अलावा रेत भरी बाल्टी एवं अन्य उपकरणों की व्यवस्था भी यहां चकाचक है.
वाहनों के शो रूम में भी पुख्ता नहीं हैं व्यवस्था
शहर में दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों के कई शो रूम हैं. साथ ही इनका वर्कशॉप भी है. लेकिन इक्का दुक्का को अगर छोड़ दिया जाये तो वाहनों के शो रूम एवं वर्कशॉप में भी अग्निशमन की पुख्ता व्यवस्था नहीं है. हालांकि शहर के एक प्रतिष्ठित वाहन शो रूम मालिक अशफाक आलम कहते हैं कि उन्होंने वर्षों पहले से ही कार्बन डाइ आक्साइड समेत पाउडर एवं फोम से भरे कई अग्निशामक सिलेंडर अपने यहां लगवा लिया था. लेकिन अधिकतर वाहना शो रूम अभी तक इस दिशा में कोई ठोस पहल करते नहीं दिख रहे हैं.
नहीं है ठोस व्यवस्था
शहर में होटल, स्कूल तथा कई बड़ी दुकानों में भी अग्निशमन के लिए कोई ठोस व्यव्स्था नहीं है. इसका कारण इस विषय में जागरूक नही होना तथा जानकारी का अभाव भी समझा जाता है. फायर एक्ट 2014 के अनुसार सभी बड़े प्रतिष्ठान, ठहराव के स्थान, स्कूल और दुकानों में अग्निशमन यंत्र होना अनिवार्य है. लेकिन लोग इस नियम की अवहेलना कर अपने साथ – साथ अन्य कई लोगों की जान माल की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं

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