राघोपुर प्रखंड के गणपतगंज बाजार होकर गुजरनेवाली एनएच 106 के दोनों किनारे फुटकर दुकानदार दुकान लगाती है. इससे लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. अतिक्रमण के कारण घंटों एनएच पर जाम लग जाता है.
सिमराही : राघोपुर प्रखंड के गणपतगंज बाजार होकर गुजरनेवाली एनएच 106 के दोनों किनारे फुटकर विक्रेताओं द्वारा सरकारी भूमि को अतिक्रमित कर दुकानें को सजाया जा रहा है. इस समस्या से निजात दिलाये जाने को लेकर प्रशासन द्वारा कई बार अभियान चलाया गया.
बावजूद इसके अब तक अतिक्रमित भूमि को खाली नहीं कराया जा सका है. जिसे लेकर उक्त मार्ग पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. वही हमेशा एक बड़ी दुर्घटना घटित होने की आशंका भी बनी रहती है् आलम यह है कि इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन जिला मुख्यालय सहित अन्य प्रदेशों के लिए परिचालित हो रहे हैं. साथ ही सड़क के किनारे दुकान संजाये जाने से जहां आवाजाही करने वाले राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सड़क के संकुचित हो जाने से कई बार इस मार्ग में दुर्घटनाएं भी घटित हुई है. बावजूद इसके प्रशासन द्वारा इस दिशा में समुचित पहल नहीं किया जा रहा है.
मालूम हो कि गणपतगंज बाजार में रोजमर्रा की सामग्री की खरीदारी को लेकर आस पड़ोस के दर्जनों पंचायतों के लोगों का आवागमन होता रहा है. इस कारण संध्या के समय बाजार में भीड़ बढ़ी जाती है. प्रशासनिक उपेक्षा व फुटकर विक्रेताओं द्वारा दैनिकी एनएच के किनारे दुकान लगाये जाने से आये दिन लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है. खास कर इस समस्या से स्कूली बच्चों को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है. इस बाबत स्थानीय लोगों ने कई बार अंचल कार्यालय को आवेदन देकर गणपतगंज बाजार को अतिक्रमण से मुक्त करवाने को लेकर गुहार लगायी. बावजूद इसके समस्या जस की तस बनी हुई है.
गणपतगंज बाजार के समीप दुर्गा मंदिर परिसर स्थित फुटकर विक्रेताओं के दुकान लगाने के लिए जगह आवंटित है. बावजूद फुटकर विक्रेता मनमाने तरीके से एनएच किनारे अपनी दुकान को संचालित कर रहे हैं. यहां तक कि प्रशासन उक्त समस्या से अवगत रहने के बावजूद अनजान बनी हुई है. इस कारण इसका खामियाजा आमलोग सहित वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है. साथ ही प्रशासनिक विफलता के कारण फुटकर विक्रेताओं की चांदी कट रही है.
स्थानीय नवीन कुमार जैन, विक्की खजांची, धीरेन्दर साह, ललित कुमार साह, अमर कुमार साह सहित अन्य लोगों ने कहा कि पिछले एक दशक में विभाग द्वारा दो बार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गयी, लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात साबित हुआ. लोगों ने यह भी बताया कि इस समस्या के बाबत वे प्रशासन से शिकायत भी की, लेकिन अतिक्रमण खाली कराने के नाम पर महज खानापूर्ति ही की गयी है. अभियान का असर फुटकर विक्रेताओं पर बस इतना ही रहता है कि चलाये गये अतिक्रमण अभियान के दूसरे दिन फिर से सड़क किनारे फुटकरों द्वारा दुकानें लगा लेती है. लोगों ने बताया कि अभियान चलाये जाने के साथ-साथ प्रशासन सख्त रवैया अपना ले तो क्षेत्रवासियों के समक्ष उपजी समस्याओं से निजात दिलाया जा सकता है.