महीनों से पीएचसी में उपलब्ध नहीं है कफ सीरप
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कर्मी व दवा हो, तो इलाज हो मरीजों का
महीनों से पीएचसी में उपलब्ध नहीं है कफ सीरप पुरैनी : सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का दावा करती है. लेकिन स्वास्थ्य महकमा का जो हाल है वो सरकार के दावे का हवा निकालने के लिए काफी है. वहीं अगर पुरैनी प्रखंड में स्वास्थ्य सुविधा की बात की जाय तो […]
पुरैनी : सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का दावा करती है. लेकिन स्वास्थ्य महकमा का जो हाल है वो सरकार के दावे का हवा निकालने के लिए काफी है. वहीं अगर पुरैनी प्रखंड में स्वास्थ्य सुविधा की बात की जाय तो शायद यह बेईमानी होगी. बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के बाबत सरकारी स्तर से टनाटन आंकड़े एवं आमजनों को भले ही सब्ज बाग दिखाया जा रहा है. लेकिन सरजमीन पर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.
संसाधन एवं कर्मियों की घोर कमी के बावजूद प्रखंड मुख्यालय स्थित एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के दिवारों पर बड़े बड़े स्लोगन सहित हर सुविधा उपलब्ध रहने की बात देखकर ऐसा लगता है. मानों यहां स्वास्थ्य संबंधि हर सुविधा उपलब्ध है. लेकिन जब इसकी हकीकत जाननी हो तो आप इस पीएचसी में ईलाज को पहुंचे तो पता चलेगा की यह पीएचसी तो खुद कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है. जिसका ईलाज अब तक नहीं हो पाया है. लिहाजा मरीज अपनी ईलाज में बाधा उत्पन्न होते देखकर बाजार में सस्ते और टिकाउ झोला छाप ग्रामीण चिकित्सकों से ही ईलाज कराने को बाध्य है. कई संसाधन उपलब्ध रहने के बावजूद कर्मियों की घोर कमी की वजह से वह शो केस की भांति पड़ा हुआ है.
कौन-कौन सी सुविधाएं है मौजूद: छह बेड वाले इस स्वास्थ्य केंद्र में रोगी कल्याण समिति की मदद से नौ चौकी की खरीदारी कर उसकी संख्या 15 कर दी गयी है. एक्स -रे की सुविधा एवं टीवी की जांच की सुविधा उपलब्ध है. पैथोलेजिस्ट के अभाव में लगभग पांच लाख रूपये की मशीन बेकार पड़ी है.
यहां तीन-तीन एंबुलेंस है लेकिन चालक के अभाव में दो एंबुलेंस शोभा की वस्तु बनकर लोगों का मुंह चिढा रही है. पीएचसी में जहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है वहीं शौचालय काम चलाऊं है. यहां कर्मियों की ताजा स्थिति को देखकर ऐसा लगता है मानों जो खुद लाचार हो वो कैसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर सकते है.
यहां पीएचसी का सुदृढ संचालन के लिए 68 कर्मियों की आवश्यकता है. उसके जगह केवल 13 कर्मी ही पदस्थापित है. इससे अंदाजा लगा सकते हैं की इस पीएचसी में उपलब्ध सुविधाओं का हमें कहां तक बेहतर लाभ मिल सकता है.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुरैनी अंतर्गत दो अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावे 16 स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित है. लेकिन पीएचसी में कर्मियों का घोर अभाव है. लेकिन कर्मियों की कमी का रोना रो रहे पीएचसी की बात रहने दिजिए यहां तो भूमि उपलब्ध रहने के बावजुद जहां अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नयाटोला एवं औराय भवन को तरस रहा है वहीं अधिकांश उपस्वास्थ्य केंद्र कर्मियों के अभाव में मवेशियों का घर तो कुछ जुआरियों का अड्डा बन चुका है.
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