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हॉस्टल छात्रों का, कब्जा विभाग का

जिले में शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने के तमाम दावें की हवा निकल रही है. जिले में सूदुर ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र एक अदद छात्रावास के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. ऐसे छात्र निजी छात्रावास में अधिक भाड़ा देकर रहने के लिए विवश हैं. हालांकि, जिला मुख्यालय में आधा दर्जन से […]

जिले में शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने के तमाम दावें की हवा निकल रही है. जिले में सूदुर ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र एक अदद छात्रावास के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. ऐसे छात्र निजी छात्रावास में अधिक भाड़ा देकर रहने के लिए विवश हैं. हालांकि, जिला मुख्यालय में आधा दर्जन से अधिक छात्रावास हैं. इनमें से अधिकतर खस्ताहाल हैं.

कई छात्रावासों में छात्र नहीं सरकार के नुमाइंदे रहते हैं. महज दो दिन पहले अतिपिछड़ा आयोग के अध्यक्ष ने भी मधेपुरा जिले के छात्रावास पर सवाल खड़ा किया था. छात्रावासों की स्थिति की पड़ताल की गयी, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. पेश है िवस्तृत रिपोर्ट:-

मधेपुरा : प्रभात पड़ताल ने अपने इस अभियान के पहले दिन शहर के शिवनंदन प्रसाद मंडल प्लस टू विद्यालय परिसर स्थित कल्याण छात्रावास का जायजा लिया. यहां स्थिति हैरत करने वाली थी. जेनरल हाई स्कूल के छात्रावास पर शिक्षा विभाग का कब्जा है. इस तीन मंजिला छात्रावास के निचले तल पर जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय चल रहा है. वहीं दूसरी मंजिल पर सर्वशिक्षा, तो तीसरी मंजिल पर माध्यमिक शिक्षा का कार्यालय है.
छात्रों के लिए बने इस छात्रावास पर इस तरह कब्जा कितना उचित है, ये तो शिक्षा विभाग के पदाधिकारी ही बता पायेंगे. लेकिन इससे छात्रों का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है. एक तरफ सरकार गरीब छात्रों को शिक्षा के लिए छात्रवृति का वितरण करती है.
छात्रों के अधिकार की हो रही हकमारी . सरकार ने दलित, गरीब व पिछेड़ वर्ग के छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने के लिए जिले में कई जगहों पर कल्याण छात्रावास का निर्माण कराया.
लेकिन वर्तमान में सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ छात्रों को नहीं मिल रहा है. यहां तो छात्रावास पर कब्जा कर शिक्षा विभाग छात्रों के अधिकार की हकमारी कर रही है. शंकरपुर प्रखंड के रायभीर निवासी संतोष कुमार ने बताया कि वह छात्रावास में जगह के लिए महीनों से प्रयासरत है. लेकिन कहीं छात्रावास में सीट से अधिक छात्र रहे रहे है तो कहीं छात्रावास में प्रशासनिक महकमा के कार्यों का निष्पादन हो रहा है.
गरीब छात्रों का हो रहा है शेषण . पढाई के लिए घर में रखे अनाज व मवेशी बेचने वाले गरीब छात्रों का शोषण हो रहा है. जिले के आलमनगर, चौसा, पुरैनी, बिहारीगंज, उदाकिशुनगंज, कुमारखंड, शंकरपुर, मुरलीगंज सहित दूर दराज के छात्रों को इंटर व स्नातक स्तर से लेकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी को लेकर मुख्यालय में रहना मजबूरी है. इसका लाभ निजी छात्रावास बखूभी उठा रहे है. फलस्वरूप इनका आर्थिक शोषण हो रहा है.
छात्रों ने बतायी मजबूरी. िंसहेश्वर प्रखंड के सिरसिया निवासी स्नातक के छात्र चिरंजिवी कुमार मधेपुरा में रह कर स्नातक की पढाई करता है. वह विवि चौक के समीप एक किराये के मकान में रह रहा है. चिरंजिवी ने कहा कि जब उसे छात्रावास में जगह नहीं मिला तो वह मजबूरी में किराये के मकान में रह कर पढ रहा है. वहीं शंकरपुर प्रखंड के सकरपुरा निवासी व इंटर के छात्र सुरेंद्र कुमार सुमन ने कहा कि वह अतिपिछड़ा वर्ग से आता है. गांव से यह सोच कर पढने निकले की कल्याण छात्रावास में अधीक्षक को आवेदन देकर एक बेड देने की मांग करेंगे. लेकिन उसे निराशा हाथ लगी.

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