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छात्रों को खाता खुलवाने में हो रही परेशानी

छात्रों को खाता खुलवाने में हो रही परेशानी प्रतिनिधि, जीतापुर, मधेपुरा. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बैलाड़ी शाखा में छात्रा-छात्राओं का खाता खुलवाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे अभिभावक व छात्र-छात्राओं में काफी आक्रोश व्याप्त है. ज्ञात हो कि विगत दिनों सरकार के द्वारा निर्देश दिया गया था अब सभी […]

छात्रों को खाता खुलवाने में हो रही परेशानी प्रतिनिधि, जीतापुर, मधेपुरा. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बैलाड़ी शाखा में छात्रा-छात्राओं का खाता खुलवाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे अभिभावक व छात्र-छात्राओं में काफी आक्रोश व्याप्त है. ज्ञात हो कि विगत दिनों सरकार के द्वारा निर्देश दिया गया था अब सभी बच्चों को विद्यालय से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि छात्रों के एकाउंट में दी जाएगी. इसके लिए विद्यालय के प्रधान को बैंक के शाखा प्रबंधक से संपर्क स्थापित कर विद्यालय में बच्चों का खाता खुलवाना अनिवार्य किया गया. लेकिन गरीब एवं निम्न तबके के लोगों के पास राशि नहीं रहने के कारण अब तक अपने बच्चों का खाता नहीं खुलवा पा रहे है. साथ ही बैंक में कर्मियों के अभाव के कारण विद्यालय पहुंच कर खाता संभव नहीं हो पा रहा है. बैलाड़ी बैंक में खाता खुलवाने आये दर्जना अभिभावकों का कहना कि मेरे चार बच्चे विद्यालय में पढ़ते है. चारों का खाता खुलवाने में लगभग दो हजार रूपये चाहिए. किसी तरह मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों का पठन पाठन करवाते है. अचानक दो हजार रूपया किसी से कर्ज लेकर ही खाता खुलवाना पड़ेगा. इस तरह जितना रूपया सरकार के द्वारा बच्चों को पठन पाठन के लिए दिया जायेगा उससे अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है. छात्र – छात्रा मुकेश कुमार, स्वाती कुमार, सागर कुमार, प्रियंका कुमारी, मुकेश कुमार, रंजीत कुमार साह, रानी कुमारी, फुल कुमारी, इंद्रजीत साह, रौशन कुमार ने बताया कि हमलोग पांच सौ रूपया खाता में जमा करते है तब खाता खोला जाता है. साथ ही खाता खोलवाने के लिए विभिन्न प्रकार के कागजात भी मांगे जाते है. हमलोग जब कागजात इकटठा करने में लग जाते है तो पूरे दिन का पढ़ाई बर्बाद हो जाता है. साथ ही मेरे माता पिता भी इस चक्कर में पूरे दिन बर्बाद होता है. इस तरह हम सभी का समय भी बर्बाद हो रहा है. लेकिन कोई फायदा भी नहीं हो रहा है. वहीं अभिभावकों ने कहा कि सभी कागजात जुटाने के बाद बैंक में कर्मियों के द्वारा एक सौ से दो सौ रूपया रिश्वत के रूप में देना पड़ता है और फिर बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है. मालूम इस क्षेत्र के लगभग 10 किमी तक कोई दूसरा बैंक नहीं है. जिस कारण ग्राहकों की काफी भीड़ लगी रहती है. ग्रामीण शंभु साह, रामेश्वर साह, मंजु देवी, नागेश्वर पासवान, विष्णुदेव मंडल, सुनिता देवी ने बताया कि कुशहा मध्य विद्यालय में मेरे बच्चे पढ़ते है और सरकार का आदेश है कि सभी बच्चों का खाता खोला जाय. मगर बैंक की लापरवाही हम सभी गरीबों को काफी सामना करना पड़ता है. उमवि के प्रधानाध्यापक ने बताया कि दामोदर कुमार ने बताया कि बैंक के शाख प्रबंधक को बोला गया लेकिन खाता खोलने के साथ बच्चे के एकाउंट में पांच सौ रूपया जमा लिया जायेगा. — वर्जन — जीरो बाइलेंस पर खाता खोलने का आदेश नहीं आया है. इसलिए बच्चे से बाइलेंस लेकर खाता खोला जा रहा है. बैंक में कर्मी कमी रहने के कारण परेशानी होती है. मणीभूषण कुमार शाखा प्रबंधक, बैलाड़ी, मधेपुरा.

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