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आचार्य श्री महाश्रमण के मंगलपाठ में उमड़े श्रद्धालु

आचार्य श्री महाश्रमण के मंगलपाठ में उमड़े श्रद्धालु फोटो – मधेपुरा 07कैप्शन – सिंहेश्वर मंदिर परिसर स्थित धर्मशाला में आचार्य श्री महाश्रमण जी मंगलपाठ करते हुए – जैन तेरापंथ धर्म संघ के 11 वें गुरू आचार्य श्री महाश्रमण ने नववर्ष के प्रथम दिवस की सुबह किया मंगलपाठ – मंगलपाठ में शामिल होने के लिए पहंुचे […]

आचार्य श्री महाश्रमण के मंगलपाठ में उमड़े श्रद्धालु फोटो – मधेपुरा 07कैप्शन – सिंहेश्वर मंदिर परिसर स्थित धर्मशाला में आचार्य श्री महाश्रमण जी मंगलपाठ करते हुए – जैन तेरापंथ धर्म संघ के 11 वें गुरू आचार्य श्री महाश्रमण ने नववर्ष के प्रथम दिवस की सुबह किया मंगलपाठ – मंगलपाठ में शामिल होने के लिए पहंुचे देश के विभिन्न राज्यों से लोग प्रतिनिधि सिंहेश्वर, मधेपुरा. शुक्रवार को नये वर्ष के प्रथम दिन सिंहेश्वर मंदिर परिसर में न केवल सिंहेश्वर नाथ पर जल चढ़ाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी बल्कि जैन तेरापंथ धर्म के 11वें आचार्य श्री महाश्रमण जी के मंगलपाठ को सुनने के लिए पूरे देश के कई शहरों से लोग पहुंचे थे. महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात सहित उड़ीसा तथा नेपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु नव वर्ष के प्रथम दिन के मंगलपाठ को सुनने के मौजूद थे. शुक्रवार की सुबह करीब छह बज कर पंद्रह मिनट से कार्यक्रम की शुरूआत हुई. करीब 15 मिनट के इस कार्यक्रम में करीब दो हजार से अधिक लोग उपस्थित थे. पूरा पंडाल मंत्रोच्चार से गूंज रहा था. आचार्य श्री महाश्रमण जी ने मंगलपाठ के बाद अहिंसा यात्रा के उद्देश्य की चर्चा करते हुए नव वर्ष की शुभकामनाएं दी. उन्होंने इस वर्ष को क्रोध का शमन करने का संकल्प लेने का वर्ष बताया. उन्होंने कहा कि वर्ष के प्रथम दिवस पर प्रयास करें कि क्रोध नहीं उत्पन्न हो. अगर आ भी जाये तो किसी को बुरा भला न कहें. फिर भी अगर मुंह से निकल गया तो अगले दिन भोजन में नमक का परित्याग कर पश्चाताप करें. मंगलपाठ के बाद नववर्ष का संकल्प दिलाने के बाद आचार्य श्री महाश्रमण अहिंसा यात्रा के अगले पड़ाव के लिए सिंहेश्वर से प्रस्थान कर गये. आज उनका कार्यक्रम मधेपुरा टीपी कॉलेज में होना है. उनकी इस पैदल यात्रा में हजारों लोग साथ-साथ चल रहे थे. गौरतलब है कि आचार्य श्री महाश्रमण वर्ष 2014 के 9 नवंबर को दिल्ली के लालकिले से देश के 18 राज्यों से होते हुए नेपाल तथा भूटान की पैदल यात्रा पर निकले हैं. 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा का उद्देश्य ले कर निकले आचार्य श्री का उद्देश्य समाज में सद्भाावना, नैतिकता और नशामुक्ति के संदेश को प्रचारित प्रसारित करना है. सिंहेश्वर न्यास समिति की ओर से इस आयोजन को हरसंभव सहायता प्रदान की गयी. इस धार्मिक आयोजन के लिए न्यास समिति की ओर से धर्मशाला नि:शुल्क मुहैया कराया गया. आयोजन समिति ने भी न्यास समिति को इसके लिए धन्यवाद दिया.

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