23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बीस साल का प्रखंड व कार्यालय है भवनहीन

बीस साल का प्रखंड व कार्यालय है भवनहीन फोटो – मधेपुरा 01कैप्शन – डॉक्टरों के लिए बने आवास में है थाना ( शंकरपुर थाना की तसवीर)— सरकारी कार्यालयों में भवन नहीं रहने से पदाधिकारियों सहित कर्मियों को होती है परेशानी– प्रखंड परिसर में आये लोगों को करना पड़ता है घंटों इंतजार– अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के […]

बीस साल का प्रखंड व कार्यालय है भवनहीन फोटो – मधेपुरा 01कैप्शन – डॉक्टरों के लिए बने आवास में है थाना ( शंकरपुर थाना की तसवीर)— सरकारी कार्यालयों में भवन नहीं रहने से पदाधिकारियों सहित कर्मियों को होती है परेशानी– प्रखंड परिसर में आये लोगों को करना पड़ता है घंटों इंतजार– अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ क्वार्टर में चलता है थाना — प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भवन नहीं रहने होती है परेशानी निरंजन, शंकरपुर वर्ष 1995 में शंकरपुर को प्रखंड का दर्जा मिला. सिंहेश्वर प्रखंड से अलग हो कर शंकरपुर प्रखंड अस्तित्व में आया. बीस वर्ष हो गये लेकिन अब तक सरकारी कार्यालय को अपना भवन नसीब नहीं है. कार्यालय के अधिकारियों ने कई बार इलाके के विधायक एवं उच्चाधिकारियों को कई बार पत्र लिखा है लेकिन इसके बावजूद स्थिति ज्यों की त्यों है. पीएचसी को जमीन उपलब्ध नहीं अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को दर्जा मिलने के बाद पूर्व में विभाग के द्वारा स्वास्थ्य केंद्र को भवन बनवाने के लिए राशि आवंटित की गयी थी. लेकिन केंद्र को समुचित जमीन नहीं होने के कारण भवन का निर्माण नहीं हो पाया. वहीं वरीय अधिकारियों ने केंद्र प्रभारी से जमीन मुहैया करवाने को कहा. प्रभारी ने जमीन के संबंध में अंचल कार्यालय पत्र लिखा. पत्र में जमीन मुहैया करवाने की बात कही. लेकिन अंचल विभाग के द्वारा इस ओर किसी भी प्रकार की पहल नहीं की गयी. जिसके कारण आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपना भवन नसीब नहीं है. — भवन नहीं रहने से कर्मियों एवं मरीजों को होती है परेशानी — शंकरपुर में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना 1986 ई में हुई थी. यहां 2007 ई में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को स्वीकृति दी गयी थी. इसी वर्ष अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य का दर्जा प्राप्त हुआ. केंद्र स्थिति काफी दयनीय है. भवन नहीं रहने से पदाधिकारियों, कर्मियों एवं प्रखंड के मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्वास्थ्य केंद्र में कभी मरीजों की भीड़ लग जाती है. मरीजों का इलाज केंद्र परिसर में पंडाल लगा कर किया जाता है. बाहर में मरीज को रखे जाने के कारण मरीजों में संक्रामक रोग फैलने का डर बना रहता है. साथ ही बाहर में रहने के कारण मरीज अपने आप को असुरक्षित भी महसूस करते हैं. कहते हैं चिकित्सा पदाधिकारीभवन के अभाव को लेकर वरीय पदाधिकारियों को लिखित सूचना दिया गया. साथ ही केंद्र जमीन मुहैया करवाने की बात कही गयी. लेकिन वरीय अधिकारियों के द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. भवन निर्माण के लिए डेढ करोड़ की राशि वरीय अधिकारियों के अपेक्षा का शिकार बनी हुई है. डाॅ एसके घन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी, शंकरपुर, मधेपुरा. 2001 में थाना की स्थापना शंकरपुर थाना का स्थापना वर्ष 2001 ई में हुआ. थाना आज भी अतिरिक्त स्वास्थ केंद्र के स्टाफ क्वार्टर में संचालित हो रहा है. स्टाफ भवन जर्जर हो गया है. इसकी मरम्मत के लिए जिला सहित प्रखंड के अन्य वरीय पदाधिकारियों को लिखा गया है. भवन की स्थिति जर्जर है. कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है. 1995 में हुई थी प्रखंड की स्थापना ज्ञात हो कि शंकरपुर प्रखंड की स्थापना 1995 ई में हुई थी. 2007 ई तक प्रखंड कार्यालय अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा था. वहीं 2007 में प्रखंड कार्यालय को नये भवन में स्थानांतरित किया गया. अंचल कार्यालय की स्थापना वर्ष 1992 में हुई थी. अंचल कार्यालय 2004 से सामुदायिक भवन सुचारू रूप से कार्य करने लगा. लंबो अरसे के बाद भी अंचल सामुदायिक भवन में ही चल रहा है. प्रखंड को नहीं है आवासीय भवन प्रखंड कार्यालय कर्मियों के लिए आवासीय भवन नहीं रहने के कारण कर्मी देर से ड्यूटी पर पहुंचते हैं. क्षेत्र के लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. वर्जन भवन निर्माण को लेकर पूर्व में जमीन का अधिग्रहण किया गया था. जिस पर ग्राम पंचायत बेहरारी द्वारा मनरेगा योजना के तहत मिटटी भराई का काम शुरू किया गया था. इस जमीन पर कुछ भू स्वामियों ने कोर्ट में परिवाद दायर कर हो रहे कार्य पर रोक लगवा दिया गया. पुन: जमीन का अधिग्रहण करने हेतु अंचलाधिकारी को पत्र लिख कर जमीन अधिग्रहण करवाने की मांग की गयी है.- सुबोध यादव, थानाध्यक्ष, शंकरपुर, मधेपुरा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें